उदयपुर. सरकार वन्यजीवों को संरक्षित करने के लिए प्रयास कर रही है. वहीं दूसरी तरफ उस प्रयासों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. प्रदेश में पिछले 24 घंटों में चित्तौड़गढ़ और उदयपुर में दो तेंदुए मृत मिले हैं. वहीं जयपुर के आमेर में एक तेंदुआ बीमार हालत में मिला है तो चित्तौड़गढ़ में एक पैंथर घायल हालत में है.
दरअसल चित्तौड़गढ़ में दो तेंदुए कंटीले तारों में उलझ गए थे, जिनमें से एक मौत हो गई और एक घायल है. उदयपुर में सबसे अजीब मंजर देखने को मिला. जयसमंद इलाके में एक खेत में तेंदुए का शव तार के फंदे पर उल्टा लटका मिला. मामले की सूचना मिलने के साथ ही भारी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए. सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया. जिसके बाद पैंथर का अंतिम संस्कार किया गया (Leopard dies in Udaipur) पूरे मामले को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि तेंदुए को किसी ने फंदे पर लटकाया है या वह पेड़ पर लगे फंदे में अचानक आकर उसमें फंस गया. इसे लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है.
ग्रामीणों ने पैंथर को पेड़ पर लटका देखा था. जिसके बाद तेंदुआ की उल्टे लटके होने की खबर गांव में आग तरह फैल गई. मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई. लोग काफी समय तक पैंथर के शव के साथ तस्वीर लेते रहे.
प्रत्यक्षदर्शियों से मिली जानकारी के अनुसार खेत में तेंदुआ उल्टा लटका हुआ नजर आया. कुछ लोग तेंदुए को जिंदा समझकर काफी देर तक उसके पास नहीं गए लेकिन हलचल नहीं होने के बाद ग्रामीणों ने उसके नजदीक जाकर देखा तो तेंदुआ मृत मिला. इस दौरान लोग तेंदुए के साथ सेल्फी और फोटो लेते हुए भी दिखाई दिए.
कंटीले तारों का बाड़ में अलग-अलग जगह दो तेंदुए फंसे, एक ने तोड़ा दम
वहीं चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित सहनवा गांव के खेतों में रविवार को एक पैंथर कंटीले तारों में फंसा मिला. लोगों ने पैंथर को देखा तो वन विभाग को सूचना दी. जिसके बाद मौके पर पहुंची टीम ने पैंथर को रेस्क्यू किया (Panther found in Chittorgarh). चित्तौड़गढ़ जिले में 24 घंटे में ही पैंथर के कंटीले तार में फंसने की यह दूसरी घटना है.
जानकारी में सामने आया है कि चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय से उदयपुर मार्ग पर करीब 10 किलोमीटर दूर सहनवा गांव स्थित है. यहां रविवार को ग्रामीणों ने खेतों की तरफ किसी जंगली जानवर गुर्राहट सुनी तो ग्रामीण मौके पर पहुंचे. यहां खेत पर लगी खेत की बाड़ में फंसा हुआ दिखाई दिया. इसकी जानकारी गांव में आग की तरह फैल गई. उस पर ग्रामीण मौके पर एकत्रित हो गए. मामले की सूचना प्रशासन को दी.
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इस पर उपवन संरक्षक सुगनाराम चौधरी के निर्देश पर एक टीम सहनवा गांव पहुंची, जिसमें पैंथर के रेस्क्यू शुरू किया लेकिन ग्रामीणों की भीड़ के चलते हैं दिक्कत का सामना करना पड़ा. पैंथर किसी पर हमला नहीं करे, इसे लेकर भी लोगों को मौके से हटाना जरूरी था. ऐसे में पुलिस को भी सूचना कर दी गई. इस पर पुलिस लाइन और सदर थाने के अतिरिक्त जाब्ता बुलाया गया, जिन्होंने ग्रामीणों को मौके से हटाया. जिसके बाद में वन विभाग की टीम ने पैंथर को ट्रैंकुलाइज कर कटीले तार की बाड़ से मुक्त कराया.
पैंथर को पिंजरे में डाल कर चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय स्थित वन विभाग कार्यालय लाया गया है. वन विभाग की टीम इसके स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए हैं. इसके स्वास्थ्य के परीक्षण के लिए पशु चिकित्सक को मौके पर बुलाया है.
24 घंटे पहले ही कंटीले तार में फंस कर हुई थी पैंथर की मौत
चित्तौड़गढ़ जिले के बेगूं क्षेत्र में आने वाले रावडदा वन क्षेत्र में एक पैंथर की मौत हो गई थी. खेतों पर लगाई तार की बाढ़ में फंसने के बाद इसकी सांस नली पंचर हो गई थी, जिससे उसकी मौत हुई थी. वहीं रविवार को चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर भी रविवार को पैंथर ऐसे ही कंटीले तार में फंस गया, जिसकी उम्र करीब एक से डेढ़ वर्ष है. यह पूरी तरह स्वस्थ्य है. गौरतलब है कि चित्तौड़गढ़ जिले के गत दिसम्बर माह में भी भदेसर क्षेत्र में भी दो के संघर्ष में एक पैंथर की मौत हुई थी. ऐसे में एक माह में ही चित्तौड़गढ़ जिले से दो पैंथर की मौत हो चुकी है.
आमेर में बीमार मिला पैंथर
जयपुर के आमेर में पैंथर बीमार हालत में मिला है. आमेर के लबाना गांव में पैंथर को देखकर ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी (Panther found in ill Amer). सूचना मिलते ही वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. पैंथर को ट्रैंकुलाइज किया गया. ट्रैंकुलाइज करने के बाद रेस्क्यू करके पैंथर को नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर लाया गया, जहां पर इलाज शुरू किया गया.जानकारी के मुताबिक पैंथर को निमोनिया बताया जा रहा है.
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बारिश और ओला बनी निमोनिया की वजह
राजधानी जयपुर में हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि के कारण पैंथर बीमार हुआ है. पैंथर को पहले बुखार हुआ और उसके बाद निमोनिया हो गया. घायल पैंथर की उम्र करीब 5 वर्ष बताई जा रही है. लबाना गांव में पहाड़ी के पास घायल पैंथर मिला है. पैंथर के दिखने की सूचना मिलते ही गांव में हड़कंप मच गया. पैंथर बीमार होने के कारण कोई मूवमेंट नहीं पा रहा था. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक लबाना गांव के लोग मॉर्निंग वॉक पर जाने वाले लोगों को पैंथर अचेत अवस्था में पड़ा हुआ दिखा. लोगों ने वन विभाग को सूचना दी.
वन्यजीव चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर मौके पर पहुंचे. लबाना गांव के पास जंगल में पैंथर को सांस लेते हुए देखकर ट्रैंकुलाइज किया. नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर में बीमार पैंथर का इलाज किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि लगातार दो से 3 दिन बारिश और ओलावृष्टि होने से पैंथर तेज सर्दी से बीमार हो गया और यह बुखार निमोनिया में बदल गया.