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NAPCON 2022: डॉ गुलेरिया बोले-कोरोना अभी गया नहीं, वायरस अभी भी हो रहा म्युटेट - Dr Randeep Guleria on Corona

उदयपुर में चेस्ट विशेषज्ञों की 24वीं राष्ट्रीय कांफ्रेंस नेपकोन 2022 पद्मश्री डॉ रणदीप गुलेरिया ने चेताया कि कोरोना अभी गया नहीं (Dr Randeep Guleria warns about Corona) है. यह लगातार म्यूटेट हो रहा है. इसलिए लोगों को सावधानी के रूप में भीड़भाड़ में जाने से बचना चाहिए. मास्क लगाकर रहना चाहिए.

NAPCON 2022 in Udaipur: Dr Randeep Guleria warns about Corona
NAPCON 2022: डॉ गुलेरिया बोले-कोरोना अभी गया नहीं, वायरस अभी भी हो रहा म्युटेट
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Published : Nov 12, 2022, 11:41 PM IST

उदयपुर. शहर में चेस्ट विशेषज्ञों के 24वीं राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस नेपकॉन-2022 के तीसरे दिन गीतांजली मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और आरएनटी मेडिकल कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में देश-विदेश से आए ख्यातनाम चेस्ट विशेषज्ञ डॉक्टर्स और प्रोफेसर्स ने लंग कैंसर के कारण, निवारण और नवीनतम तकनीक पर आधारित जांच पर गहन मंथन किया. इस दौरान पद्मश्री डॉ रणदीप गुलेरिया ने चेताया कि कोरोना अभी गया नहीं है और म्युटेट हो रहा (Dr Randeep Guleria warns about Corona) है. इसलिए सावधानी रखें.

डॉ गुलेरिया ने कोविड-19 के घरेलू और चिकित्सीय इलाज के बारें में बताते हुए इसके संक्रमण के बाद होने वाली दूसरी रेस्पिरेटरी बीमारियों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारें में अवगत कराया. साथ ही कोविड-19 बीमारी से संबंधित वैक्सीन पर चर्चा के साथ इसके प्रभाव और दुष्प्रभाव के साथ इसकी एफिकेसी और सुरक्षा पर विचार व्यक्त किये गए. कोविड-19 बीमारी होने के बाद रह जाने वाले लक्षण (लोंग कोविड) पर विशेष चर्चा हुई.

कोरोना गया या नहीं, देखें क्या बोले डॉक्टर...

पढ़ें: NAPCON 2022: उदयपुर में चार दिवसीय राष्ट्रीय मेडिकल कांफ्रेंस नेपकोन का शुभारंभ

वातावरणीय प्रदूषण से ज्यादा फैल रहे श्वास संबंधित रोग: सम्मेलन में वातावरण में बढ़ते प्रदूषण और उससे सेहत पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों पर गहन चिंतन की गई. चर्चा में एम्स दिल्ली के पूर्व डायरेक्टर पद्मश्री डॉ रणदीप गुलेरिया ने वातावरण में होने वाले प्रदूषण के साथ घर में होने वाले प्रदूषण (जैसे धूम्रपान और चूल्हे का धुआं इत्यादि) से सेहत पर होने वाले दुष्प्रभावों के बारें में बताया. इसके साथ ही वातावरण में बढ़ते प्रदूषण के कारण श्वास संबंधित बीमारियां जैसे सीओपीडी, अस्थमा, एलर्जी और अन्य बीमारियों पर गहन चर्चा हुई. चर्चा में वातावरण प्रदूषण से होने वाली श्वास की बीमारियों के साथ होने वाली अन्य बीमारियों (जैसे ह्रदय सम्बंधित रोग) के संबंध में विस्तृत विचार व्यक्त किए गए.

पढ़ें: उदयपुर में चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मेडिकल कांफ्रेंस कल से, 2200 श्वास रोग विशेषज्ञ लेंगे भाग

कोरोना अभी गया नहीं, सावधानी बरतें: कोविड-19 सिंपोजियम की अध्यक्षता पद्मश्री डॉ रणदीप गुलेरिया ने करते हुए डॉ इंद्रानील हैदर, डॉ यूसी ओझा के साथ बताया कि कोविड अभी पूरी तरीके से गया नहीं है. यह वायरस अभी भी म्युटेट हो रहा है. इससे बचाव और सावधानी रखते हुए कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर अपनाने की वर्तमान संदर्भ में अभी भी जरूरत है. लोगों को भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचना चाहिए और मास्क पहनते रहना चाहिए. क्योंकि इससे श्वास और प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से बचाव होता है. उन्होंने बढ़ते प्रदूषण विशेषकर मेट्रो सिटी दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बंगलौर व समकक्ष शहरों की प्रमुख समस्यायों को उद्घाटित किया और इसे दूर करने के लिए संसद से विशेष कानून पास करवाने की आवश्यकता जताई.

उदयपुर. शहर में चेस्ट विशेषज्ञों के 24वीं राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस नेपकॉन-2022 के तीसरे दिन गीतांजली मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और आरएनटी मेडिकल कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में देश-विदेश से आए ख्यातनाम चेस्ट विशेषज्ञ डॉक्टर्स और प्रोफेसर्स ने लंग कैंसर के कारण, निवारण और नवीनतम तकनीक पर आधारित जांच पर गहन मंथन किया. इस दौरान पद्मश्री डॉ रणदीप गुलेरिया ने चेताया कि कोरोना अभी गया नहीं है और म्युटेट हो रहा (Dr Randeep Guleria warns about Corona) है. इसलिए सावधानी रखें.

डॉ गुलेरिया ने कोविड-19 के घरेलू और चिकित्सीय इलाज के बारें में बताते हुए इसके संक्रमण के बाद होने वाली दूसरी रेस्पिरेटरी बीमारियों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारें में अवगत कराया. साथ ही कोविड-19 बीमारी से संबंधित वैक्सीन पर चर्चा के साथ इसके प्रभाव और दुष्प्रभाव के साथ इसकी एफिकेसी और सुरक्षा पर विचार व्यक्त किये गए. कोविड-19 बीमारी होने के बाद रह जाने वाले लक्षण (लोंग कोविड) पर विशेष चर्चा हुई.

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वातावरणीय प्रदूषण से ज्यादा फैल रहे श्वास संबंधित रोग: सम्मेलन में वातावरण में बढ़ते प्रदूषण और उससे सेहत पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों पर गहन चिंतन की गई. चर्चा में एम्स दिल्ली के पूर्व डायरेक्टर पद्मश्री डॉ रणदीप गुलेरिया ने वातावरण में होने वाले प्रदूषण के साथ घर में होने वाले प्रदूषण (जैसे धूम्रपान और चूल्हे का धुआं इत्यादि) से सेहत पर होने वाले दुष्प्रभावों के बारें में बताया. इसके साथ ही वातावरण में बढ़ते प्रदूषण के कारण श्वास संबंधित बीमारियां जैसे सीओपीडी, अस्थमा, एलर्जी और अन्य बीमारियों पर गहन चर्चा हुई. चर्चा में वातावरण प्रदूषण से होने वाली श्वास की बीमारियों के साथ होने वाली अन्य बीमारियों (जैसे ह्रदय सम्बंधित रोग) के संबंध में विस्तृत विचार व्यक्त किए गए.

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कोरोना अभी गया नहीं, सावधानी बरतें: कोविड-19 सिंपोजियम की अध्यक्षता पद्मश्री डॉ रणदीप गुलेरिया ने करते हुए डॉ इंद्रानील हैदर, डॉ यूसी ओझा के साथ बताया कि कोविड अभी पूरी तरीके से गया नहीं है. यह वायरस अभी भी म्युटेट हो रहा है. इससे बचाव और सावधानी रखते हुए कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर अपनाने की वर्तमान संदर्भ में अभी भी जरूरत है. लोगों को भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचना चाहिए और मास्क पहनते रहना चाहिए. क्योंकि इससे श्वास और प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से बचाव होता है. उन्होंने बढ़ते प्रदूषण विशेषकर मेट्रो सिटी दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बंगलौर व समकक्ष शहरों की प्रमुख समस्यायों को उद्घाटित किया और इसे दूर करने के लिए संसद से विशेष कानून पास करवाने की आवश्यकता जताई.

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