उदयपुर. प्रदेश के उदयपुर में हुए बहुचर्चित कन्हैया हत्याकांड मामले के आरोपियों को पकड़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शक्ति सिंह और प्रह्लाद सिंह को राजस्थान सरकार ने सरकारी नौकरी दी है. बुधवार को आयोजित कैबिनेट मीटिंग में यह निर्णय लिया गया कि दोनों जांबाजों को सरकारी नौकरी दी जाएगी. दरअसल पिछले 28 जून को झीलों के शहर उदयपुर में दिनदहाड़े कन्हैया लाल टेलर की निर्मम हत्या कर दी गई थी. इस निर्मम हत्याकांड को अंजाम देकर आरोपी भीम की तरफ भाग रहे थे. उसी दौरान पुलिस ने गांव के दो युवा शक्ति सिंह और पहलाद को सूचना दी. जहां दोनों ने लंबी दूरी तक उनका पीछा कर आरोपियों को पुलिस से पकड़वाने में मदद की.
अब सरकार ने दी सरकारी नौकरी : सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया है. पिछले साल 28 जून को मालदास स्ट्रीट में टेलर कन्हैयालाल साहू की हत्या कर भागे रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को देवगढ़, भीम में पकड़वाने वाले शक्ति सिंह चुडावत और प्रह्लाद सिंह चुंडावत को सरकारी नौकरी का तोहफा दिया है. कनिष्ठ सहायक के पद पर नियुक्ति दी जाएगी. दरअसल इस बहुचर्चित कन्हैया हत्याकांड के बाद सरकार ने इन दोनों युवाओं को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था. वहीं भाजपा की ओर से लगातार इस मामले को लेकर गहलोत सरकार पर सवाल उठाए जा रहे थे.
आरोपियों को पकड़वाने में प्रहलाद सिंह चुंडावत और शक्ति सिंह चुंडावत उदयपुर मैं 28 जून 2022 को जब कन्हैया लाल के हत्यारे रियाज और गौस मोहम्मद हत्या करने के बाद वहां से बाइक से भाग निकले थे. राजसमंद पुलिस को सूचना मिली की दोनों आरोपी राजसमंद जिले देवगढ़ थाना क्षेत्र से होकर गुजर रहें है. देवगढ़ पुलिस कार्मिक ने यह सूचना दोनों युवाओं की दी कि एक बाइक पर दो आरोपी देवगढ़ भीम वाया ताल लसानी मार्ग से जा रहे हैं. दोनों युवाओं का गांव भी इसी मार्ग में पड़ता है. आरोपियों को पकड़वाने में शक्ति सिंह और प्रह्लाद ने अहम भूमिका निभाई थी.
25 किलोमीटर तक पीछा कर पकड़ा : शक्ति सिंह और प्रह्लाद के अनुसार रियाज और गौस जब भाग रहे थे. तो चौराहे पर उनके अलावा कई और लोग भी बैठे थे. लेकिन उन्होंने करीब 25 किलोमीटर पीछाकर आरोपियों को पकड़वाया था. हत्या के बाद दोनों आरोपी अजमेर भागने की फिराक में थे. उसी दौरान उनकी नजर रियाज और गौस पर पड़ी. दोनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी और फिर आरोपियों का पीछा करना शुरू कर दिया. उसके बाद भी उन्होंने पीछा करना नहीं छोड़ा. साथ ही, पुलिस को भी उसका लोकेशन बताते रहे. इस तरह पुलिस ने उसकी सहायता से दोनों को धर दबोचा.
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