श्रीगंगानगर. जिले के सादुलशहर में भूखंड विवाद को लेकर शिव वाटिका में तीन लोग पानी की टंकी पर चढ़े गए थे, जो चौथे दिन मंगलवार रात को टंकी से नीचे उतर आए. टंकी पर चढ़े तीनों लोगों का आरोप था कि कस्बे के भगत सिंह चौंक के पास इन लोगों ने भूखंड खरीदा था, लेकिन उस भूखंड को नगरपालिका ने सरकारी संपत्ति बताते हुए वहां अपना बोर्ड लगा दिया. साथ ही भूखंड पर रखे सामानों को भी जब्त कर लिया गया था. इससे दुखी होकर तीनों पानी की टंकी पर चढ़ गए थे. वहीं, मंगलवार रात को प्रशासन ने तीनों से वार्ता की और सहमति बनने के बाद तीनों नीचे उतर आए.
वार्ता के दौरान मौके पर एसडीएम योगेश देवल, ईओ हेमंत तंवर, सीआई रघुवीर सिंह और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद थे. एसडीएम योगेश देवल ने बताया कि भूखंड के आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध करवाने पर पट्टा बनाने के लिए प्रोसेस शुरू किया जाएगा और फाइल को जयपुर में डीएलबी में भेजकर नियमानुसार पट्टा बनाया जाएगा. साथ ही प्रॉपर्टी डीलरों को नियमानुसार कब्जा दिया जाएगा. इसके साथ ही टंकी पर चढ़े लोगों की मांग थी कि उनके खिलाफ कोई मुकदमा या फिर कार्रवाई नहीं किया जाए, जिसे प्रशासन ने मान लिया. उसके बाद तीनों टंकी से नीचे उतर आए.
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जानें पूरा मामला - आपको बता दें कि भूखंड विवाद को लेकर ये लोग शनिवार शाम को पानी की टंकी पर चढ़ गए थे. उसके बाद से ही प्रशासनिक अधिकारी खासा परेशान थे और उन्हें नीचे उतारने को लेकर लगातार समझाइश की कोशिश कर रहे थे, लेकिन टंकी पर चढ़े प्रॉपर्टी डीलर अपनी मांगों को अड़े हुए थे, लेकिन मंगलवार रात को वार्ता सफल होने के बाद तीनों नीचे उतर आए.
पानी की टंकी पर चढ़े लोगों में दो लोग प्रॉपर्टी डीलर हैं, जिनका कहना है कि उन्होंने एक प्लाट खरीद किया था, जिसे नगरपालिका ने अपनी संपत्ति बताते हुए वहां अपना बोर्ड लगा दिया था. उधर, नगरपालिका का कहना था कि यह प्लाट सरकारी संपत्ति है. ऐसे में वे इस पर अतिक्रमण नहीं होने देंगे. वहीं, वार्ता में टंकी पर चढ़े लोगों को आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध करवाने के लिए कहा गया है.
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कई बार चला वार्ता का दौर - टंकी पर चढ़े लोगों को नीचे उतारने के लिए प्रशासन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. पिछले चार दिनों में कई बार वार्ता का दौर चला, लेकिन हर बार वार्ता विफल हो जा रही थी, लेकिन मंगलवार रात आखिरकार वार्ता सफल हो गई, जिसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली.