श्रीगंगानगर. अमरनाथ गुफा के पास (Flash Floods at Amarnath Cave) बादल फटने से हुए हादसे में श्रीगंगानगर के तीन लोगों की मौत हो गई. इस हादसे में कपड़ा मार्केट के पूर्व अध्यक्ष मोहनलाल, उनकी पत्नी सुनीता और ट्रैफिक थाना प्रभारी रहे सुशील खत्री की मौत हुई है. बताया जा रहा है कि दोनों सुशील खत्री के संबंधी थे. प्रदेश भर में अमरनाथ हादसे में फंसे यात्रियों की सूचना देने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. कंट्रोल रूम में आई सूचना के अनुसार हाड़ौती के 18 यात्री फंसे हुए हैं. इनमें से कुछ यात्रियों से कोटा जिला प्रशासन की बातचीत हो गई है जबकि कई यात्रियों से सम्पर्क नहीं हो पाया है.
अमरनाथ त्रासदी में श्रीगंगानगर के दम्पती की मौत : बादल फटने की वजह से आए सैलाब में मारे गए खत्री मार्च माह में पुलिस इंस्पेक्टर के पद से रिटायर हुए थे. इसके अलावा (3 People of Sriganganagar Rajasthan Died) बड़ी संख्या में लोगों के वहां फंसे होने की जानकारी भी मिल रही है. हादसे में कपड़ा मार्केट के पूर्व अध्यक्ष मोहनलाल और उनकी पत्नी सुनीता की मौत हुई है. सुशील खत्री बीकानेर के रहने वाले थे. लेकिन पुलिस सेवा से रिटायरमेंट होने के बाद इन्होंने अपना मकान शहर की मानसरोवर कालोनी में बना रखा है. जहां वे अपने परिवार के साथ रहते थे.
कोटा प्रशासन जुटा रहा जानकारी: कंट्रोल रूम ने कई यात्रियों से बातचीत कर ली है ये पहलगाम के लिए रवाना हो गए हैं. इनमें से अधिकांश लोग 5 - 5 के ग्रुप में शामिल थे, यह अपने ग्रुप से बिछड़ गए हैं या फिर इन लोगों से परिजनों का मोबाइल पर संपर्क नहीं हो पा रहा है. कोटा कलेक्ट्रेट में स्थापित किए गए कंट्रोल रूम के अनुसार इनमें श्रीपुरा निवासी मुकेश शर्मा, श्री राम मंदिर केशवपुरा निवासी रिटायर नायब तहसीलदार महेंद्र गुप्ता और उनकी पत्नी, बूंदी जिले में पावर हाउस के नजदीक रहने वाले राजू मीणा और राजेंद्र गुर्जर भी अमरनाथ यात्रा पर थे. इनसे परिजनों का संपर्क नहीं हो पा रहा है. इसी तरह से जिले के कनवास के सुरेश गुर्जर, केशवपुरा सेक्टर 7 के कमलेश टेलर उनकी पत्नी आशा टेलर, बारां के शाहबाद निवासी ओमप्रकाश कश्यप, रामगंजमंडी तहसील के उंडवा गांव निवासी बालाराम, नंदलाल, कैलाश बाई और सोवन बाई शामिल हैं.
यात्रियों की लिस्ट भेजी J&K: कोटा के अतिरिक्त जिला कलेक्टर बृजमोहन बैरवा के अनुसार कोटा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी को वे जम्मू-कश्मीर सरकार को भिजवा रहे हैं. साथ ही इन लोगों से संपर्क की लगातार कोशिश भी की जा रही है. हालांकि कोटा के किसी भी व्यक्ति की कैजुअल्टी से संबंधित कोई जानकारी नहीं आई है. उनका कहना है कि अगर इस तरह की कोई अनहोनी होती तो जम्मू कश्मीर सरकार उन्हें अवगत कराती.
'हमने आंखों के सामने देखी मौत' : रामगंजमंडी बाजार नंबर 6 के निवासी हर्ष दत्रा, रोबिन सोनी, जगदीश गुप्ता, सविश काला और नरेंद्र खंडेलवाल भी अमरनाथ गए थे. यह लोग पंचतरणी में थे. जिन्हें आगे जाने का रास्ता नहीं मिल पा रहा था. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए हर्ष दत्रा ने बताया कि उन्होंने अपनी आंखों के सामने मौत देखी है जिस समय यह बादल फटा था वह गुफा से करीब 8 किलोमीटर दूर थे और अचानक से ही काफी तेज उफान पानी का आने लगा कई पुल भी टूट गए. इसके साथ ही तेज तेज चट्टानें भी बहने लग गई थीं. इसी कारण वह लोग वहां से नीचे उतरे और आर्मी के जवानों के साथ रहे.बाद में पंचतरणी पहुंचे, जहां पर जैसे तैसे उन्हें खाना मिला ऐसे में घंटों तक भूखा रहना पड़ा. हर्ष ने कहा कि हमारे सामने ही हमने लोगों को बहते हुए देखा और उनकी मौत हो रही थी.
रुकने और खाने-पीने में भी आ रही समस्या: हर्ष ने बताया कि- हमने देखा कि हेलीकॉप्टर से लगातार रेस्क्यू किए जा रहा था. भारी बारिश के चलते यात्रियों के रुकने वाले कैंप बह गए हैं. इससे रुकने की समस्या भी खड़ी हो गई है. ऐसे में लोगों को पंचतरणी लाया जा रहा है. यहां पर 5 हजार लोगों के रहने की व्यवस्था है, लेकिन 35 हजार के आसपास यात्री हो गए हैं. ऐसे में भंडारों पर भी अतिरिक्त बोझ होने के चलते भोजन की कमी आ गई है.