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श्रीगंगानगर में अधिवक्ताओं के लिए चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन, अधिवक्ताओं को जल्द मिलेगी ई-लाइब्रेरी

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Published : Apr 9, 2021, 6:30 PM IST

श्रीगंगानगर के अधिवक्ताओं के लिए चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम का पांचवें दिन समापन हुआ. इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में युवा अधिवक्ताओं को काफी कुछ सीखने को मिला. इस दौरान कार्यक्रम के समापन पर विधायक राजकुमार गौड़ ने अधिवक्ताओं की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए विधायक निधि से 10 लाख रुपए का बजट जारी करने का ऐलान किया है.

Advocates of Sriganganaga
श्रीगंगानगर के अधिवक्ताओं को जल्द मिलेगी ई-लाइब्रेरी

श्रीगंगानगर. बार एसोसिएशन श्रीगंगानगर की ओर से अधिवक्ताओं के लिए चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम का पांचवें दिन समापन हुआ. इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में युवा अधिवक्ताओं को काफी कुछ सीखने को मिला.

राजस्थान में पहली बार ऐसे कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. जिसमें नए अधिवक्ताओं को अदालती कार्यों के बारे में प्रशिक्षित किया गया है. कार्यक्रम समापन पर विधायक राजकुमार गौड़ ने अधिवक्ताओं की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए विधायक निधि से 10 लाख रुपए का बजट जारी करने का ऐलान किया है.

श्रीगंगानगर के अधिवक्ताओं को जल्द मिलेगी ई-लाइब्रेरी

वहीं, कार्यक्रम में बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के सदस्य नवरंग चौधरी, राजकीय विधि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विश्वनाथ सिंह के अलावा विधि के प्रोफेसर भुवनेश चंद्र शर्मा सहित बड़ी संख्या में युवा अधिवक्ताओं ने भाग लिया.

पढ़ें: श्रीगंगानगरः 51वें जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन ने पदभार संभाला

अधिवक्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम में नए अधिवक्ताओं को शुरुआत में मानदेय दिलाने के लिए राज्य सरकार और बार काउंसिल से मांग की जाएगी. वहीं बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के सदस्य नवरंग चौधरी ने कहा कि हाल ही में बार काउंसिल ऑफ राजस्थान की हुई बैठक में पूरे प्रदेश में 5 ई-लाइब्रेरी खोलने का प्रस्ताव लाया गया है. जिसमें श्रीगंगानगर में भी एक ई-लाइब्रेरी खोली जाएगी.

प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में डॉ. विश्वनाथ सिंह ने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम से युवा अधिवक्ताओं को अदालती कामकाज में मदद मिलेगी और वे अदालतों में अपने क्लाइंट को न्याय दिला पाएंगे. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण युवा अधिवक्ताओं के लिए आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा.

विधि के प्रोफेसर एडवोकेट भुवनेश चंद्र शर्मा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए युवा अधिवक्ताओं का भी आभार जताया. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम हर साल आयोजित किए जाएं. ताकि विधि की पढ़ाई करके न्यायालयों में वकालत करने के लिए आने वाले अधिवक्ताओं के लिए राहत प्रदान कर सके.

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम ना केवल पूरे राजस्थान में होंगे बल्कि जिला मुख्यालय से लेकर निचली अदालतों में भी युवा अधिवक्ताओं को प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाना जरूरी है.

श्रीगंगानगर. बार एसोसिएशन श्रीगंगानगर की ओर से अधिवक्ताओं के लिए चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम का पांचवें दिन समापन हुआ. इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में युवा अधिवक्ताओं को काफी कुछ सीखने को मिला.

राजस्थान में पहली बार ऐसे कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. जिसमें नए अधिवक्ताओं को अदालती कार्यों के बारे में प्रशिक्षित किया गया है. कार्यक्रम समापन पर विधायक राजकुमार गौड़ ने अधिवक्ताओं की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए विधायक निधि से 10 लाख रुपए का बजट जारी करने का ऐलान किया है.

श्रीगंगानगर के अधिवक्ताओं को जल्द मिलेगी ई-लाइब्रेरी

वहीं, कार्यक्रम में बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के सदस्य नवरंग चौधरी, राजकीय विधि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विश्वनाथ सिंह के अलावा विधि के प्रोफेसर भुवनेश चंद्र शर्मा सहित बड़ी संख्या में युवा अधिवक्ताओं ने भाग लिया.

पढ़ें: श्रीगंगानगरः 51वें जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन ने पदभार संभाला

अधिवक्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम में नए अधिवक्ताओं को शुरुआत में मानदेय दिलाने के लिए राज्य सरकार और बार काउंसिल से मांग की जाएगी. वहीं बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के सदस्य नवरंग चौधरी ने कहा कि हाल ही में बार काउंसिल ऑफ राजस्थान की हुई बैठक में पूरे प्रदेश में 5 ई-लाइब्रेरी खोलने का प्रस्ताव लाया गया है. जिसमें श्रीगंगानगर में भी एक ई-लाइब्रेरी खोली जाएगी.

प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में डॉ. विश्वनाथ सिंह ने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम से युवा अधिवक्ताओं को अदालती कामकाज में मदद मिलेगी और वे अदालतों में अपने क्लाइंट को न्याय दिला पाएंगे. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण युवा अधिवक्ताओं के लिए आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा.

विधि के प्रोफेसर एडवोकेट भुवनेश चंद्र शर्मा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए युवा अधिवक्ताओं का भी आभार जताया. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम हर साल आयोजित किए जाएं. ताकि विधि की पढ़ाई करके न्यायालयों में वकालत करने के लिए आने वाले अधिवक्ताओं के लिए राहत प्रदान कर सके.

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम ना केवल पूरे राजस्थान में होंगे बल्कि जिला मुख्यालय से लेकर निचली अदालतों में भी युवा अधिवक्ताओं को प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाना जरूरी है.

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