श्रीगंगानगर. विधि की पढ़ाई कर अदालतों में आने वाले नए अधिवक्ताओं के लिए पहल करते हुए बार एसोसिएशन श्रीगंगानगर ने पहली बार 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन शुरु किया है. प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य नए अधिवक्ताओं को अदालती कामकाज की जानकारियां देने के लिए आयोजन किया जा रहा है.
कार्यक्रम में मुख्य रूप से नए अधिवक्ताओं को एफआईआर से लेकर तमाम प्रकार की कानूनी बारीकियों के बारे में बताया जा रहा है. एडवोकेट भुवनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किए जाएं तो विधि की डिग्री लेकर अदालतो मे आने वाले युवा अधिवक्ताओ का ज्ञान अदालती काम काम में ज्यादा बढ़ेगा और वे बेहतर तरीके से प्रैक्टिकली होकर अदालतों में अपना कार्य कर सकेंगे.
कार्यक्रम में बार एसोसिएशन प्रशिक्षण सम्मेलन में विधि व्यवसाय उपभोक्ता तथा घरेलू हिंसा कानून विषय पर स्त्र आयोजित किया गया. मुख्य अतिथि मोटरयान दुर्घटना प्रकरण न्यायाधीश दिनेश गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि अधिवक्ता के विधि के ज्ञान से न्यायालय सीखता है इसकी अपनी गरिमा व पहचान है. विधि के बिंदुओं का ज्ञान पूरी मेहनत से कर के अधिवक्ता जब न्यायालय में आता है तो निश्चित ही न्याय प्रशासन के महत्वपूर्ण बिंदुओं का निर्णय होता है.
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न्यायधीश दिनेश गुप्ता को बार एसोसिएशन अध्यक्ष विजय ने रेवाड़ साफा पहनाकर सम्मान किया. उधर सम्मेलन में उपभोक्ता अधिनियम के प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए व्यापार के नए उपक्रम ऑनलाइन ट्रेडिंग कानून पर प्रकाश डाला गया. घरेलू हिंसा में महिलाओं के संरक्षण की आवश्यकता विषय पर विचार प्रस्तुत करते हुए सीनियर अधिवक्ता गोकुल स्वामी ने कहा कि महिला ही महिला की दुश्मन बन रही है. ऐसे में घरेलू महिला को संरक्षण की आवश्यकता है.
एडवोकेट पंकज ने कहा कि वकालत पेशे में नैतिकता की आवश्यकता है और इसकी गरिमा बनाए व बचाए रखने की जिम्मेवारी भी अधिवक्ता व समाज पर है. कार्यक्रम का सफल संचालन भुवनेश चंद्र शर्मा एडवोकेट ने किया एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आवश्यकता व महत्व पर प्रकाश डाला. प्रशिक्षण शिविर में अनेक युवा अधिवक्ता लाभान्वित हो रहे हैं.