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श्रीगंगानगरः असिस्टेंट प्रोफेसर्स ने सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन, प्रोबेशन पीरियड एक साल करने की रखी मांग

राजस्थान के सभी सरकारी महाविद्यालयों के नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर्स की ओर से जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया है. जिसमें असिस्टेंट प्रोफेसर्स का प्रोबेशन पीरियड एक साल करने की मांग की गई है.

1 साल परिवीक्षा काल मांग, 1year probation period demand
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Published : Sep 28, 2019, 7:03 PM IST

श्रीगंगानगर. सभी असिस्टेंट प्रोफेसर शनिवार को जिला कलेक्टर के पास मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन लेकर पहुंचे. जिसमें उन्होंने ये मांग रखी है कि उनका परिवीक्षा काल एक साल किया जाए. आपको बता दें कि इसके लिए राज्य के सभी असिस्टेंट प्रोफेसरर्स लंबे समय से कोशिशों में लगे हुए हैं.

असिस्टेंट प्रोफेसरर्स ने सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन

गौरतलब है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) कि अधिसूचना नई दिल्ली-18 जुलाई 2018, सं. 271 के पेज नं. 39 के बिंदु 11.1 और 11.2 के अनुसार सहायक आचार्यों का परिवीक्षा काल अधिकतम एक साल से ज्यादा नहीं होना चाहिए. उच्च शिक्षा में एक बड़ा वित्तीय भार यूजीसी उठाता है. साथ ही यूजीसी के सभी दिशा निर्देश और नियम राज्य सरकार भी लागू करती है. इस संदर्भ में परिवीक्षा काल एक साल करने के लिए यूजीसी का नियम भी सरकार से लागू करवाने के संदर्भ में लंबे समय से नवनियुक्त सहायक प्रोफेसर कोशिशों में लगे हैं.

पढ़ें: अलवरः विशाल श्याम जागरण के मौके पर निकाली गयी कलश और ध्वजा यात्रा

बता दें कि पूर्व में भी इस बाबत सीएम और उच्च शिक्षा मंत्री को कई बार ज्ञापन दिया जा चुका है. जिस क्रम में आज श्रीगंगानगर के भीमराव अंबेडकर राजकीय महाविद्यालय के सहायक आचार्यों ने डीएम को सीएम के नाम ज्ञापन दिया.

श्रीगंगानगर. सभी असिस्टेंट प्रोफेसर शनिवार को जिला कलेक्टर के पास मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन लेकर पहुंचे. जिसमें उन्होंने ये मांग रखी है कि उनका परिवीक्षा काल एक साल किया जाए. आपको बता दें कि इसके लिए राज्य के सभी असिस्टेंट प्रोफेसरर्स लंबे समय से कोशिशों में लगे हुए हैं.

असिस्टेंट प्रोफेसरर्स ने सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन

गौरतलब है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) कि अधिसूचना नई दिल्ली-18 जुलाई 2018, सं. 271 के पेज नं. 39 के बिंदु 11.1 और 11.2 के अनुसार सहायक आचार्यों का परिवीक्षा काल अधिकतम एक साल से ज्यादा नहीं होना चाहिए. उच्च शिक्षा में एक बड़ा वित्तीय भार यूजीसी उठाता है. साथ ही यूजीसी के सभी दिशा निर्देश और नियम राज्य सरकार भी लागू करती है. इस संदर्भ में परिवीक्षा काल एक साल करने के लिए यूजीसी का नियम भी सरकार से लागू करवाने के संदर्भ में लंबे समय से नवनियुक्त सहायक प्रोफेसर कोशिशों में लगे हैं.

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बता दें कि पूर्व में भी इस बाबत सीएम और उच्च शिक्षा मंत्री को कई बार ज्ञापन दिया जा चुका है. जिस क्रम में आज श्रीगंगानगर के भीमराव अंबेडकर राजकीय महाविद्यालय के सहायक आचार्यों ने डीएम को सीएम के नाम ज्ञापन दिया.

Intro:नवनियुक्त सहायक आचार्यो ने परिवीक्षा काल एक वर्ष करने हेतु सीएम के नाम दिया ज्ञापन।
श्रीगंगानगर : राजस्थान के सभी सरकारी महाविद्यालयों के नवनियुक्त सहायक आचार्यों द्वारा सहायक आचार्यों का प्रोबेशन पीरियड एक वर्ष करने हेतु जिला कलेक्टर के मार्फ़त मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया है।

Body:गौरतलब है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) कि अधिसूचना नई दिल्ली- 18 जुलाई 2018 सं. 271 के पेज नं. 39 के बिंदु 11.1 व 11.2 के अनुसार सहायक आचार्यों का परिवीक्षा काल अधिकतम एक वर्ष से ज्यादा नहीं होना चाहिए। उच्च शिक्षा में एक बड़ा वित्तीय भार यूजीसी द्वारा वहन किया जाता है। व यूजीसी के सभी दिशनिर्देश और नियम राज्य सरकार भी लागू करती है, इस संदर्भ में परिवीक्षा काल एक वर्ष करने हेतु यूजीसी का नियम भी सरकार से लागू करवाने हेतु लंबे समय से नवनियुक्त सहायक आचार्य संघर्षरत हैं।
पूर्व में भी इस बाबत सीएम व उच्च शिक्षा मंत्री को कई बार दिया जा चुका ज्ञापन। जिस क्रम में आज श्रीगंगानगर के भीमराव अंबेडकर राजकीय महाविद्यालय के सहायक आचार्यों ने डीएम को सीएम के नाम ज्ञापन दिया।

बाइट : असिस्टेंट प्रोफेसर भीमराव अंबेडकर राजकीय महाविद्यालय श्रीगंगानगर वीरेंद्र यादवConclusion:मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन
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