सिरोही. अंतरराज्यीय सीमा से सटा हुआ है सिरोही जिला. ऐसे में यहां के ज्यादातर लोग रोजगार की तलाश में गुजरात और महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में जाते हैं. दूसरे राज्यों में रह रहे इन प्रवासियों ने कोरोना काल में अपने प्रदेश का रुख किया. इन प्रवासियों में सबसे ज्यादा लोग ग्रामीण अंचल से थे. जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर शिवगंज पंचायत समिति की अलापा ग्राम पंचायत में लॉकडाउन के दौरान 381 प्रवासी आए.
ग्रामीणों में डर था कि प्रवासियों के जरिए गांव में कोरोना न फैल जाए. इसको लेकर पंचायत स्तर के अधिकारियों ने सतर्कता दिखाई और पूरी ग्राम पंचायत क्षेत्र को कोरोना से बचाए रखा. इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम गांव पहुंची और लोगों से बातचीत कर गांव के हालात जाने.
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अलापा गांव में इक्के दुक्के लोग ही घरों के बाहर दिखे, जबकि ज्यादातर लोग अपने घरों में दुबके रहे. ग्रमीणों ने बताया कि गांव में काफी संख्या में प्रवासी आए हैं. बाहर से आए प्रवासियों ने सतर्कता बरती. अपने घरों में रहे और बाहर नहीं निकले.जिससे ग्राम पंचायत अलापा में कोरोना नहीं फैला.
मनरेगा के तहत श्रमिकों को मिला रोजगार...
कोरोना काल में अन्य राज्यों में रोजगार के लिए गए प्रवासियों की वापसी हुई. इन प्रवासी श्रमिकों को ग्राम पंचायत स्तर पर मनरेगा के तहत रोजगार भी उपलब्ध करवाया गया. ग्राम पंचायत में अब तक 1036 लोगों को ग्राम पंचायत में रोजगार दिया गया है.
स्कूल में मौजूद शिक्षक भेरू सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि गांव में 7 लोगों की निगरानी कमेटी बनाई गई है, जो घर घर जाकर प्रवासियों को लगातार ध्यान रख रही थी. ग्राम पंचायत में 381 लोग बाहर से आए, जिनमें से 375 को होम आइसोलेशन में रखा गया और 6 लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था. गांव में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाई जा रही है. मनरेगा कार्य स्थल पर भी सभी को मास्क उपलब्ध करवाए गए हैं.
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अलापा ग्राम पंचायत के अंतर्गत 3 गांव हैं, पंचायत की कुल आबादी 4069 है. गांव में लोग या तो कृषि पर निर्भर हैं या दिहाड़ी मजदूर हैं. रोजगार के लिए ज्यादातर लोग अन्य राज्यों का रुख करते हैं. अलापा ग्राम पंचायत में ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान गांव में सन्नाटा पसरा हुआ था. लोग कोरोना को लेकर अभी भी जागरूकता है.