सीकर. 4 मार्च को अपने जन्मदिन के जलसे के भव्य आयोजन में शिरकत करने के बाद रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की जयपुर वापसी हुई. इस दौरान राजे की ओर से खाटूश्यामजी में दिया गया बयान खासा चर्चा में रहा. वसुंधरा राजे से जब शनिवार को सालासर में हुए कार्यक्रम को लेकर शक्ति प्रदर्शन से जुड़ा सवाल किया गया, तो उन्होंने अपने जन्मदिन के आयोजन को शक्ति प्रदर्शन मानने से इनकार कर दिया. राजे ने कहा कि यह शक्ति प्रदर्शन नहीं, बल्कि भक्ति और दर्शन है.
उन्होंने कहा कि मीडिया में इसे शक्ति प्रदर्शन के रूप में प्रचारित करना सही नहीं है. वसुंधरा राजे ने कहा कि उन्हें किसी शक्ति प्रदर्शन की जरूरत नहीं है. हर बार 8 मार्च आने पर उनसे यही सवाल किया जाता है, लेकिन देखा जा सकता है कि बीते तीन साल में 8 मार्च को उनकी देव दर्शन यात्रा सतत है. इस बार क्योंकि 8 मार्च को होली का त्यौहार है, इसलिए यह आयोजन 4 मार्च को किया गया. पिछले साल भी बूंदी जिले के केशवरायपाटन में वसुंधरा राजे के जन्मदिन पर एक भव्य आयोजन किया गया था. जिसमें बड़ी संख्या में भारतीय जनता पार्टी के विधायक और सांसदों के साथ ही पार्टी से जुड़े नेताओं ने भाग लिया था.
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सालासर से खाटू श्याम जी तक जारी रही धार्मिक यात्रा - वसुंधरा राजे ने रविवार सुबह खाटू श्याम जी मंदिर की गौशाला में गाय पूजन किया और एक पौधा भी लगाया. इसके बाद वे जीण माता धाम पहुंची और दर्शन किए. राजे ने खाटूश्यामजी में बाबा श्याम की चौखट पर शीश नवा कर पूजा अर्चना की. मंदिर कमेटी के अध्यक्ष प्रताप सिंह चौहान और मंत्री श्याम सिंह चौहान ने उन्हें पूजा अर्चना करवाई. राजे ने बाबा के दरबार में देश और प्रदेश में खुशहाली की मंगल कामना की. वहीं मंदिर कमेटी की ओर से उनका श्याम दुपट्टा ओढ़ाकर सम्मान किया गया और प्रतीक चिह्न भी भेंट किया गया. वसुंधरा राजे खाटूश्यामजी से रींगस स्थित भैरू जी महाराज मंदिर पहुंची और शीश नवाया. इस दौरान उनके साथ बड़ी संख्या में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी मौजूद रहे.