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स्पेशल स्टोरी : मावठ के बाद सर्द हुआ सीकर का मौसम, बारिश के बाद अब किसानों की होगी चांदी

सीकर में नवंबर का महीना पिछले 10 साल में सबसे गरम रहा है. नवंबर में बारिश भी हुई, जिससे किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. जानकारों की मानें तो मावठ से फसल अच्छी होगी और किसानों को फायदा होगा.

farmers in sikar, सीकर में हुई मावठ
मावठ के बाद सर्द हुआ सीकर का मौसम
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Published : Nov 30, 2019, 5:14 PM IST

सीकर. प्रदेश में सर्दी ने दस्तक दे दी है. कई इलाकों में हल्की बूंदा-बांदी और तेज सर्द हवाओं के कारण लोग इसे कड़ाके की ठंड घोषित कर चुके हैं. आए दिन अखबारों में हर तरफ सर्दी से जुड़ी खबरें देखने को मिल रही है, लेकिन इसी बीच जब ईटीवी भारत ने मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जानना चाहा कि इस ठंड में कितनी ठंडक है तो हकीकत कुछ और ही सामने आई.

इस नवम्बर में पड़ रही सर्दी पिछले 10 सालों के नवम्बर महीने में पड़ी सर्दी की तुलना में बहुत कम है. यूं भी कह सकते है कि पिछले 10 साल में सबसे ज्यादा रहा नवंबर का तापमान, इस बार रहा है. शेखावाटी इलाके के सीकर सहित आसपास के इलाकों में हुई बारिश के बाद रोज घना कोहरा छा जाता है. इस वजह से लोगों में चर्चा चल रही है कि इस बार ठंड जबरदस्त है लेकिन मौसम विभाग के आंकड़े बिल्कुल इससे उल्टे चल रहे हैं.

मावठ के बाद सर्द हुआ सीकर का मौसम

मौसम विभाग का कहना है कि नवंबर के महीने में न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री दर्ज किया गया. विभाग के मुताबिक यह आंकड़ा पिछले 10 दस साल में सबसे ज्यादा है. इससे पहले के सालों की बात करें तो 2009 में नवंबर के महीने में न्यूनतम तापमान 3 डिग्री रहा था. इस आधार पर कहा जा सकता है कि इस पर सर्दी में ठंडक थोड़ी कम है. विभाग के आंकड़ों से यह साफ है कि इस बार नवंबर का महीना सबसे गरम रहा है लेकिन बारिश की वजह से तेज हवाएं चली और यही ठिठुरन कारण बन गई.

पढ़ें: आयुष्मान भारत योजना; चिकित्सा मंत्री ने कहा- गैर भाजपा शासित राज्यों का प्रदर्शन ज्यादा अच्छा

किसानों को इस बार जबरदस्त फायदा-
इस बार नवंबर का महीना गरम रहने और बारिश होने की वजह से किसानों को जबरदस्त फायदा हुआ है. इस वक्त रबी की फसलों का समय रहता है. ऐसे में तापमान 10 से 25 डिग्री के बीच रहता है तो फायदा होता है. कृषि वैज्ञानिक केसी वर्मा का कहना है कि इस बार नवंबर के महीने में तापमान का जो स्तर रहा है. वह फसलों के लिए बहुत फायदे मंद होगा. इस बार हुई यह मावठ किसानों को मालामाल कर देगी. इस बार उन खेतों में भी बुवाई हुई है. जहां सिंचाई की पूर्ण व्यवस्था नहीं है.

तापमान माइनस में जाने में लगेगा वक्त-
फतेहपुर मौसम केंद्र के निदेशक ओपी कालश का कहना है कि एकबार फिर तापमान में बढ़ोतरी होगी. इसके बाद सर्दी का असर बढ़ेगा. दिसंबर महीने में शेखावाटी का तापमान माइनस में चला जाता है लेकिन इस बार इसमें वक्त लग सकता है. पहाड़ों में अगर बर्फबारी बढ़ी तो जल्दी तापमान गिर सकता है. ऐसे में कहा जा सकता है कि इस बार हुई यह मावठ किसानों के लिए वरदान साबित होगी. बाकी मौसम विभाग के मुताबिक फतेहपुर में इस बार सर्दी इस बार कुछ कम होगी.

सीकर. प्रदेश में सर्दी ने दस्तक दे दी है. कई इलाकों में हल्की बूंदा-बांदी और तेज सर्द हवाओं के कारण लोग इसे कड़ाके की ठंड घोषित कर चुके हैं. आए दिन अखबारों में हर तरफ सर्दी से जुड़ी खबरें देखने को मिल रही है, लेकिन इसी बीच जब ईटीवी भारत ने मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जानना चाहा कि इस ठंड में कितनी ठंडक है तो हकीकत कुछ और ही सामने आई.

इस नवम्बर में पड़ रही सर्दी पिछले 10 सालों के नवम्बर महीने में पड़ी सर्दी की तुलना में बहुत कम है. यूं भी कह सकते है कि पिछले 10 साल में सबसे ज्यादा रहा नवंबर का तापमान, इस बार रहा है. शेखावाटी इलाके के सीकर सहित आसपास के इलाकों में हुई बारिश के बाद रोज घना कोहरा छा जाता है. इस वजह से लोगों में चर्चा चल रही है कि इस बार ठंड जबरदस्त है लेकिन मौसम विभाग के आंकड़े बिल्कुल इससे उल्टे चल रहे हैं.

मावठ के बाद सर्द हुआ सीकर का मौसम

मौसम विभाग का कहना है कि नवंबर के महीने में न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री दर्ज किया गया. विभाग के मुताबिक यह आंकड़ा पिछले 10 दस साल में सबसे ज्यादा है. इससे पहले के सालों की बात करें तो 2009 में नवंबर के महीने में न्यूनतम तापमान 3 डिग्री रहा था. इस आधार पर कहा जा सकता है कि इस पर सर्दी में ठंडक थोड़ी कम है. विभाग के आंकड़ों से यह साफ है कि इस बार नवंबर का महीना सबसे गरम रहा है लेकिन बारिश की वजह से तेज हवाएं चली और यही ठिठुरन कारण बन गई.

पढ़ें: आयुष्मान भारत योजना; चिकित्सा मंत्री ने कहा- गैर भाजपा शासित राज्यों का प्रदर्शन ज्यादा अच्छा

किसानों को इस बार जबरदस्त फायदा-
इस बार नवंबर का महीना गरम रहने और बारिश होने की वजह से किसानों को जबरदस्त फायदा हुआ है. इस वक्त रबी की फसलों का समय रहता है. ऐसे में तापमान 10 से 25 डिग्री के बीच रहता है तो फायदा होता है. कृषि वैज्ञानिक केसी वर्मा का कहना है कि इस बार नवंबर के महीने में तापमान का जो स्तर रहा है. वह फसलों के लिए बहुत फायदे मंद होगा. इस बार हुई यह मावठ किसानों को मालामाल कर देगी. इस बार उन खेतों में भी बुवाई हुई है. जहां सिंचाई की पूर्ण व्यवस्था नहीं है.

तापमान माइनस में जाने में लगेगा वक्त-
फतेहपुर मौसम केंद्र के निदेशक ओपी कालश का कहना है कि एकबार फिर तापमान में बढ़ोतरी होगी. इसके बाद सर्दी का असर बढ़ेगा. दिसंबर महीने में शेखावाटी का तापमान माइनस में चला जाता है लेकिन इस बार इसमें वक्त लग सकता है. पहाड़ों में अगर बर्फबारी बढ़ी तो जल्दी तापमान गिर सकता है. ऐसे में कहा जा सकता है कि इस बार हुई यह मावठ किसानों के लिए वरदान साबित होगी. बाकी मौसम विभाग के मुताबिक फतेहपुर में इस बार सर्दी इस बार कुछ कम होगी.

Intro:
-सब जगह हो रही है सर्दी की चर्चा 
- पिछले 10 साल में सबसे ज्यादा रहा नवंबर का तापमान 
- इस बार किसानों को होगा जबरदस्त फायदा 
सीकर 
शेखावाटी इलाके में पिछले कुछ दिन से कड़ाके की ठंड पडऩे की खबरें चल रही हैं। सीकर सहित आसपास के इलाकों में हुई बारिश के बाद रोज घना कोहरा छा रहा है। इस वजह से लोगों में चर्चा चल रही है कि इस बार ठंड जबरदस्त है लेकिन मौसम विभाग के आंकड़े बिल्कुल इससे उल्टे चल रहे हैं। शेखावाटी इलाके में पिछले काफी दिन से बारिश होने की वजह से ही ठिठुरन बढ़ रही है। जबकि हकीकत यह है कि यह नवंबर का महीना पिछले 10 दस साल में सबसे गरम रहा है। इस महीनें में तापमान ज्यादा रहा है। इस बार की यह बारिश किसानो के लिए जरूर वरदान साबित होगी। 




Body:मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो इस बार सीकर जिले के फतेहपुर मौसम केंद्र पर नवंबर के महीने में न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री दर्ज किया गया है यह तापमान 19 नवंबर को था। विभाग के मुताबिक यह आंकड़ा पिछले 10 दस साल में सबसे ज्यादा है। इससे पहले के सालों की बात करें तो 2009 में नवंबर के महीने में न्यूनतम तापमान 3 डिग्री था, 2010 में 4 डिग्री, 2011 में 6 डिग्री, 2012 में 4.2 डिग्री, 2013 में 3.5 डिग्री, 2014 में 2.2 डिग्री, 2015 में 3.6 डिग्री, 2016 में 4.2 डिग्री, 2017 में 1.8 डिग्री, 2018 में 3.3 डिग्री रहा था। विभाग के आंकड़ों से यह साफ है कि इस बार नवंबर को महीना सबसे गरम रहा है लेकिन बारिश की वजह से तेज हवाएं चली और इसी वजह से ठिठुरन बढ़ी है। 

किसानों को इस बार जबरदस्त फायदा 
इस बार नवंबर का महीना गरम रहने और बारिश होने की वजह से किसानो को जबरदस्त फायदा हुआ है। इस वक्त रबी की फसलों की उगाई समय रहता है ऐसे में तापमान 10 ये 25 डिग्री के बीच रहता है तो फायदा होता है। कृषि वैज्ञानिक केसी वर्मा का कहना है कि इस बार नवंबर के महीने में तापमान का जो स्तर रहा है वह फसलों के लिए बहुत फायदे मंद होगा। इसके अलावा यह बारिश जो हुई है वह मावठ जैसा फायदा करेगी। इसलिए इस बार किसानों के बंपर पैदावार होने की उम्मीद है। जिन खेतों में सिंचाई की व्यवस्था नहीं है वहां भी बुआई कर दी गई है। 

तापमान माइनस में जाने में लगेगा वक्त 
मौसम विभाग का कहना है कि एकबार फिर तापमान में बढ़ोतरी होगी। इसके बाद सर्दी का असर बढ़ेगा। दिसंबर के महीने में शेखावाटी का तापमान माइनस में चला जाता है लेकिन इस बार इसमें वक्त लग सकता है। पहाड़ों में अगर बर्फबारी बढ़ी तो जल्दी तापमान गिर सकता है। 






Conclusion:बाईट
1 ओपी कालश, निदेशक मौसम केंद्र फतेहपुर
2 केसी वर्मा कृषि वैज्ञानिक
3 पीटीसी
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