सीकर. पंचायत चुनाव में जिला परिषद हो या पंचायत समिति, किसी भी सदस्य के लिए लगातार दो बार चुनाव जीतना मुश्किल होता है. क्योंकि, हर बार आरक्षण के जरिए या तो स्थिति बदल जाती है या फिर चुनाव जीतना मुश्किल हो जाता है. लेकिन, सीकर के ताराचंद धायल ने पूरे प्रदेश में एक रिकॉर्ड कायम किया है और लगातार पांचवीं बार सीकर जिला परिषद सदस्य का चुनाव जीता है. ताराचंद धायल ने जीत भी जिले में सबसे बड़ी दर्ज की है और 8000 से ज्यादा वोटों से चुनाव जीते हैं. ताराचंद धायल भाजपा से जुड़े हैं और हर बार पार्टी के टिकट पर ही चुनाव जीत कर आए हैं.
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सीकर के ताराचंद धायल सबसे पहले सन 2000 में सीकर जिला परिषद के सदस्य बने थे और उसके बाद लगातार पिछले 20 साल से जिला परिषद के सदस्य हैं. ताराचंद धायल ने पिछला चुनाव भी रिकॉर्ड वोटों से जीता था और इस बार भी 8000 से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि पंचायती राज व्यवस्था में लगातार दूसरी बार चुनाव जीतना भी मुश्किल होता है. लेकिन, मैं चुनाव जीतने के बाद दूसरे दिन से ही वापस फील्ड में लग जाता हूं. उन्होंने कहा कि पूरे 5 साल जिला परिषद में जनता के मुद्दे उठाते हैं और इसी का परिणाम है कि हर बार अलग-अलग वार्डों से चुनाव जीता है.
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नहीं मिला जिला प्रमुख बनने का मौका...
ताराचंद धायल लगातार 5 बार चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन उन्हें जिला प्रमुख बनने का मौका नहीं मिला और इसकी सबसे बड़ी वजह है आरक्षण रही. इनमें से लगातार तीन बार तो महिला जिला प्रमुख बनी और एक बार पार्टी का बोर्ड नहीं बना. उन्होंने बताया कि कितनी बार जीतने के बाद भी प्रमुख बनने का मौका नहीं मिला. यह सब किस्मत पर निर्भर है. इसके साथ साथ उन्होंने पार्टी से दो बार विधायक का टिकट मांगा, लेकिन होने नहीं मिला.