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झुंझुनू: मनरेगा में रोजगार देने में नाकाम रहे अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई - Action on MNREGA workers

जिले में मनरेगा योजना के तहत लोगों को रोजगार देने में नाकाम रहे और काम देने में अरुचि दिखाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ जिला कार्यक्रम समन्वयक और कलेक्टर की ओर से अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है. जिले के 18 विकास अधिकारियों के खिलाफ 17 सीसीए के आरोप पत्र जारी किए गए हैं. वहीं 16 कनिष्ठ तकनीकी सहायकों के संविदा सेवा समाप्ति के नोटिस जारी की किए गए.

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विकास अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई
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Published : Jul 20, 2020, 9:58 PM IST

झुंझुनू. महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत जरूरतमंद लोगों को रोजगार देने, कमजोर तबके के लिए उनके निजी खेतों में कार्यों की स्वीकृति के प्रस्ताव तैयार करने, समय पर भुगतान दिलवाने में नाकाम रहे नरेगाकर्मियों की शिथिलता अब उन्हें भारी पड़ रही हैं. लोगों की मांग के अनुसार काम देने में रुचि नहीं लेने वाले 18 अधिकारी, कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है. जिला कार्यक्रम समन्वयक और कलेक्टर की ओर से इन अधिकारियों और कर्मचारियों पर पेनल्टी और अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है.

विकास अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई

मनरेगा के अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक और सीईओ ने बताया कि, रोजगार के लिए आवेदन करने पर आवेदकों को दिनांकित रसीद नहीं देने, जॉब कार्ड की संख्या और काम की मांग के अनुसार कार्यों के प्रस्ताव तैयार नहीं करने, कार्यों का समय पर जिओ टैग्गिंग नहीं करने और कार्यों का निरीक्षण नहीं करने पर विकास अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. उदयपुरवाटी, खेतड़ी, नवलगढ़, सूरजगढ़, झुंझुनू और चिड़ावा के विकास अधिकारियों पर पेनाल्टी आरोपित की गई है. उदयपुरवाटी के कार्यवाहक विकास अधिकारी सहित 12 ग्राम विकास अधिकारियों के विरुद्ध 17 सीसीए के आरोप पत्र जारी किए गए हैं.

सेवा समाप्ति के नोटिस के जारी

साथ ही कार्यों के तकमीने तैयार करने में अरुचि दर्शाने वाले 16 कनिष्ठ तकनीकी सहायकों की संविदा सेवा समाप्ति के नोटिस जारी की गई है. उनके स्थान पर गत पांच साल से लगातार सेवाएं दे रहे मेटों को बेयर फुट इंजीनियर के रूप में तैयार करने के लिए पैनल बनाया जा रहा है. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट ने बताया कि, काम मांगने पर 15 दिन के भीतर काम नहीं मिलने पर प्रत्येक आवेदक को प्रतिदिन 55 रुपए घर बैठे बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा.

ये पढ़ें:CBI जांच को लेकर गहलोत सरकार का बड़ा आदेश, लेनी होगी अनुमति

35 से 40 हजार श्रमिक कर रहे काम

बता दें कि, जिले में 77 हजार सक्रिय जॉब कार्ड धारक होने के बावजूद नरेगा कर्मियों की अरुचि के चलते गत 5 सालों के दौरान कभी भी प्रतिदिन 23 हजार से ज्यादा श्रमिक काम पर नहीं लगाए गए. जबकि इस बार गत एक माह से लगातार प्रतिदिन 35 से 40 हजार श्रमिकों को नरेगा कार्यों पर नियोजित किया गया है. राज्य सरकार की मंशा है कि, प्रत्येक जॉबकार्ड धारक को काम का प्रस्ताव दिया जाए. जलसंग्रहण और वृक्षारोपण के कार्यों के साथ स्थायी और जनोपयोगी परिसंपत्तियों का सृजन हो.

झुंझुनू. महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत जरूरतमंद लोगों को रोजगार देने, कमजोर तबके के लिए उनके निजी खेतों में कार्यों की स्वीकृति के प्रस्ताव तैयार करने, समय पर भुगतान दिलवाने में नाकाम रहे नरेगाकर्मियों की शिथिलता अब उन्हें भारी पड़ रही हैं. लोगों की मांग के अनुसार काम देने में रुचि नहीं लेने वाले 18 अधिकारी, कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है. जिला कार्यक्रम समन्वयक और कलेक्टर की ओर से इन अधिकारियों और कर्मचारियों पर पेनल्टी और अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है.

विकास अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई

मनरेगा के अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक और सीईओ ने बताया कि, रोजगार के लिए आवेदन करने पर आवेदकों को दिनांकित रसीद नहीं देने, जॉब कार्ड की संख्या और काम की मांग के अनुसार कार्यों के प्रस्ताव तैयार नहीं करने, कार्यों का समय पर जिओ टैग्गिंग नहीं करने और कार्यों का निरीक्षण नहीं करने पर विकास अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. उदयपुरवाटी, खेतड़ी, नवलगढ़, सूरजगढ़, झुंझुनू और चिड़ावा के विकास अधिकारियों पर पेनाल्टी आरोपित की गई है. उदयपुरवाटी के कार्यवाहक विकास अधिकारी सहित 12 ग्राम विकास अधिकारियों के विरुद्ध 17 सीसीए के आरोप पत्र जारी किए गए हैं.

सेवा समाप्ति के नोटिस के जारी

साथ ही कार्यों के तकमीने तैयार करने में अरुचि दर्शाने वाले 16 कनिष्ठ तकनीकी सहायकों की संविदा सेवा समाप्ति के नोटिस जारी की गई है. उनके स्थान पर गत पांच साल से लगातार सेवाएं दे रहे मेटों को बेयर फुट इंजीनियर के रूप में तैयार करने के लिए पैनल बनाया जा रहा है. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट ने बताया कि, काम मांगने पर 15 दिन के भीतर काम नहीं मिलने पर प्रत्येक आवेदक को प्रतिदिन 55 रुपए घर बैठे बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा.

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35 से 40 हजार श्रमिक कर रहे काम

बता दें कि, जिले में 77 हजार सक्रिय जॉब कार्ड धारक होने के बावजूद नरेगा कर्मियों की अरुचि के चलते गत 5 सालों के दौरान कभी भी प्रतिदिन 23 हजार से ज्यादा श्रमिक काम पर नहीं लगाए गए. जबकि इस बार गत एक माह से लगातार प्रतिदिन 35 से 40 हजार श्रमिकों को नरेगा कार्यों पर नियोजित किया गया है. राज्य सरकार की मंशा है कि, प्रत्येक जॉबकार्ड धारक को काम का प्रस्ताव दिया जाए. जलसंग्रहण और वृक्षारोपण के कार्यों के साथ स्थायी और जनोपयोगी परिसंपत्तियों का सृजन हो.

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