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महाराणा प्रताप से जुड़ी सामग्री में दुर्भावनावश बदलाव, आक्रोशित राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने सौंपा ज्ञापन - महाराणा प्रताप से जुड़ी सामग्री में दुर्भावनावश बदलाव

10वीं कक्षा की इतिहास की पुस्तक में महाराणा प्रताप से जुड़ी सामग्री में दुर्भावनावश किए गए बदलाव से राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना में रोष व्याप्त है. ऐसे में उन्होंने बुधवार को उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा. साथ ही इस बदलाव को दुरुस्त करने की मांग भी की.

महाराणा प्रताप से जुड़ी सामग्री में दुर्भावनावश बदलाव, change in content related to Maharana Pratap
राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने सौंपा ज्ञापन
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Published : Jun 24, 2020, 6:55 PM IST

फतेहपुर (सीकर). राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने बुधवार को उपखंड अधिकारी शीलावती मीणा को मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा. जिला महासचिव प्रताप सिंह नारी ने बताया कि कक्षा 10 में इतिहास की पुस्तक के अध्याय 2 में महाराणा प्रताप से जुड़ी सामग्री में बदलाव दुर्भावनावश युद्ध में अकबर की सेना की असफलता सिद्ध करने वाले तथ्य हटाया गया है.

साथ ही यह भ्रम पैदा किया गया है कि हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप की हार हुई थी. जबकि 2017 से चल रही पुस्तक में इतिहासकारों के आकलन के आधार पर पुस्तक में अकबर की असफलता का उल्लेख है.

पढ़ें- आबकारी विभाग में बड़ा बदलाव, 36 अधिकारी किए गए इधर से उधर

इसी तरह महाराणा प्रताप के पुत्र अमर सिंह के द्वारा अब्दुल रहीम खानखाना के परिवार की स्त्रियों को बंदी बनाए जाने पर महाराणा प्रताप के नाराज होने पर उन्हें सकुशल उनके शिविर में छोड़ आने के आदेश के प्रसंग को भी हटा दिया गया है. जिसमें महाराणा प्रताप के उदार चरित्र और मानवीय गुणों के प्रति उनके उच्च कोटि के समर्पण की झलक मिलती है. जिससे विद्यार्थी को हर परिस्थिति में मानवीयता का पालन करने की प्रेरणा मिलती है.

ऐसे में इन बदलावों से स्पष्ट होता है कि हमारे महान पूर्वजों के उज्जवल इतिहास के प्रति सरकार और शिक्षा विभाग दुर्भावना और कुंठा से ग्रसित है. इससे पूर्व में भी शिक्षामंत्री के द्वारा महाराणा प्रताप पर विवादास्पद बयान दिया गया था. जिसकी सभी तरह आलोचना होने पर शिक्षामंत्री ने महाराणा प्रताप की महानता तो स्वीकार की, लेकिन पुस्तक से अपनी पसंद के अनुसार बदलाव भी कर दिया है.

पढ़ें- राजनीतिक चश्मे से कल्याणकारी योजना को देखने से मुख्यमंत्री को बाज आना चाहिए: राजेंद्र राठौड़

संगठन ने सरकार से मांग की है कि इस बदलाव को दुरुस्त कराया जाए और अपेक्षा करते हैं कि किसी की व्यक्तिगत पसंद-नापसंद और दुर्भावना के कारण भावी पीढ़ी को उदास मानवीय गुणों के प्रेरणा देने वाले इतिहास से आप की सरकार के विभाग कोई छेड़छाड़ नहीं करेंगे.

फतेहपुर (सीकर). राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने बुधवार को उपखंड अधिकारी शीलावती मीणा को मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा. जिला महासचिव प्रताप सिंह नारी ने बताया कि कक्षा 10 में इतिहास की पुस्तक के अध्याय 2 में महाराणा प्रताप से जुड़ी सामग्री में बदलाव दुर्भावनावश युद्ध में अकबर की सेना की असफलता सिद्ध करने वाले तथ्य हटाया गया है.

साथ ही यह भ्रम पैदा किया गया है कि हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप की हार हुई थी. जबकि 2017 से चल रही पुस्तक में इतिहासकारों के आकलन के आधार पर पुस्तक में अकबर की असफलता का उल्लेख है.

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इसी तरह महाराणा प्रताप के पुत्र अमर सिंह के द्वारा अब्दुल रहीम खानखाना के परिवार की स्त्रियों को बंदी बनाए जाने पर महाराणा प्रताप के नाराज होने पर उन्हें सकुशल उनके शिविर में छोड़ आने के आदेश के प्रसंग को भी हटा दिया गया है. जिसमें महाराणा प्रताप के उदार चरित्र और मानवीय गुणों के प्रति उनके उच्च कोटि के समर्पण की झलक मिलती है. जिससे विद्यार्थी को हर परिस्थिति में मानवीयता का पालन करने की प्रेरणा मिलती है.

ऐसे में इन बदलावों से स्पष्ट होता है कि हमारे महान पूर्वजों के उज्जवल इतिहास के प्रति सरकार और शिक्षा विभाग दुर्भावना और कुंठा से ग्रसित है. इससे पूर्व में भी शिक्षामंत्री के द्वारा महाराणा प्रताप पर विवादास्पद बयान दिया गया था. जिसकी सभी तरह आलोचना होने पर शिक्षामंत्री ने महाराणा प्रताप की महानता तो स्वीकार की, लेकिन पुस्तक से अपनी पसंद के अनुसार बदलाव भी कर दिया है.

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संगठन ने सरकार से मांग की है कि इस बदलाव को दुरुस्त कराया जाए और अपेक्षा करते हैं कि किसी की व्यक्तिगत पसंद-नापसंद और दुर्भावना के कारण भावी पीढ़ी को उदास मानवीय गुणों के प्रेरणा देने वाले इतिहास से आप की सरकार के विभाग कोई छेड़छाड़ नहीं करेंगे.

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