नीमकाथाना (सीकर). प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से पोषण पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है. गुरुवार को नीमकाथाना में पोषण पखवाड़े की शुरुआत हुई. यह पखवाड़ा 30 जुलाई से शुरू होकर 15 अगस्त तक चलेगा. इस अभियान के तहत 15 दिनों में चयनित आंगनबाड़ी केंद्रों पर पौधारोपण कार्यक्रम के तहत पौधे लगाए जाएंगे.
30 जुलाई से नीमकाथाना में शुरू हुए पोषण पखवाड़े के तहत पाटन पंचायत समिति के आंगनबाड़ी केन्द्र हसामपुर-ए पर सीडीपीओ संजय चेतानी ने पौधारोपण किया. इसमें अमरूद, पपीता, नींबू, जामुन के फलदार पौधों का आरोपण कर पोषण वाटिका अभियान का शुभारम्भ किया गया. सीडीपीओ ने बताया कि राज्य सरकार अपने निरोगी राजस्थान कार्यक्रम के तहत पोषण पखवाड़ा मना रही है. जिसमें आंगनबाड़ी केंद्रों में फलदार पौधे और सब्जियां उगाई जाएंगी. जिससे की आंगनबाड़ी में आने वाले बच्चों को पौष्टिक आहार और फल मिल सके.
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इस अभियान के तहत अगले 15 दिन आम लोगों को 'अपना पोषण, अपने आंगन' और 'हर घर की अपनी बगिया' स्लोग्न के तहत जागरूक किया जाएगा. पोषण के डेटा की बात करें तो भारत अभी भी कई अविकसित देशों से पीछे है. पोषण में असमानता के मामले में भारत दुनिया के तीन सबसे टॉप देशों में है. दूसरे दो देश नाइजीरिया और इंडोनेशिया हैं. भारत ने पोषण के 4 पैरामीटर जो विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तय किए थे, उन सभी में देश पिछड़ रहा है.
भारत में 2 गर्भवती महिलाओं में से एक एनीमिया से पीड़ित है. कम वजन वाले बच्चों के मामले में भारत के डेटा में कुछ आंशिक कमी आई है लेकिन एशिया महाद्वीप से काफी ज्यादा है. भारत में 58.1% लड़कों में और 50.1% लड़कियां अंडरवेट हैं. जबकी एशिया के डेटा की बात करें तो यह क्रमश: 35.6% और 31.8% है.