सीकर. मजदूरों की विभिन्न समस्याओं को लेकर श्रमिक संगठनों ने सीकर में रैली निकालकर प्रदर्शन किया. श्रमिक संगठनों के सदस्यों ने श्रम विभाग कार्यालय का घेराव किया. भारतीय ट्रेड यूनियन संगठन (सीटू) के बैनर तले श्रमिक संगठन पहले श्रम विभाग कार्यालय पहुंचे. इसके बाद रैली निकालते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और ज्ञापन दिया.
ज्ञापन के माध्यम से श्रमिकों ने अपनी कई मांगें रखी. श्रमिक संगठनों की मांग है कि कोरोनावायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के कारण हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं. सरकार इन मजदूरों को हर महीने 7500 रुपए दे. इसके अलावा मनरेगा में मजदूरी दर बढ़ाई जाए. कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जितने भी दिन लॉकडाउन हुआ है, उतने समय के बिजली के बिल माफ किए जाएं.
ये पढ़ें: सीकर: 15 साल के छात्र ने फंदा लगाकर की खुदकुशी, ट्यूशन टीचर पर धमकाने का आरोप
श्रमिक संगठनों का कहना है कि देश भर में लगातार मजदूर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. जबकि कोरोना वायरस की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी मजदूरों को हुई है. आज भी देश में लाखों मजदूर बेरोजगार हो रहे हैं. वहीं, ट्रेड यूनियन सीकर के सचिव बृज सुंदर जांगिड़ ने बताया कि अगर सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करती है तो आखिर में मजदूरों को अनिश्चितकाल के लिए सड़कों पर उतरना होगा.
रेलवे में निजीकरण का विरोध...
रेलवे में निजीकरण के विरोध में नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के बैनर तले सीकर में रेल कर्मचारियों ने 15 सिंतबर को विरोध प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ विरोध जताते हुए निजीकरण पर रोक लगाने की मांग की. इस दौरान सीकर रेलवे स्टेशन और रेलवे कॉलोनी में कर्मचारियों ने जन जागरूकता रैली निकालते हुए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए रेलने के निजीकरण का विरोध किया.
कर्मचारियों का कहना है कि केंद्र सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है. जिससे कि कर्मचारियों के सामने संकट खड़ा हो रहा है. रेलवे कर्मचारियों की तरफ से 7 दिन का जन जागरूकता सप्ताह आयोजित किया गया है, जो कि 19 सितंबर तक जारी है.