सवाई माधोपुर. टोंक-सवाई माधोपुर सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया भाजपा के सेवा ही संगठन है कार्यक्रम के तहत गुरुवार को जिले के बामनवास व गंगापुर सिटी क्षेत्र के दौरे पर रहे. उन्होंने बामनवास के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. उन्होंने चिकित्सालय के स्टाफ को समय पर अस्पताल पहुंचने और रोगियों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए.
सांसद जौनापुरिया ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रत्येक विधायक को कोरोना से बचाव व उपचार के लिए आवश्यक संसाधनों के लिए तीन करोड रुपए से अधिक की राशि की अनुशंषा के लिए अधिकृत किया है. फिर भी अस्पतालों में संसाधनों की कमी क्यों बताई जा रहीहैं. बामनवास के बाद सांसद जौनापुरिया ने राजकीय सामान्य चिकित्सालय, गंगापुर सीटी का निरीक्षण किया और पर्याप्त सफाई व्यवस्था रखने के निर्देश दिए. कोविडड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों को समय - समय पर अपने-अपने वार्ड में रोगियों की देखरेख करने के निर्देश दिए. उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि इस महामारी से बचाव के लिए वैक्सीन सर्वोत्तम विकल्प है.
उन्होंने सभी से कोविड गाइडलाइन की पालना करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से लगभग प्रत्येक जिला अस्पताल में ऑक्सीजन के प्लांट लगाए जा रहे हैं. प्रत्येक राज्य को आक्सीजन की आपूर्ति रेलवे विभाग की ओर से समय - समय पर की जा रही है. अस्पताल के निरीक्षण के बाद सांसद ने गंगापुर सिटी स्थित सर्किट हाउस में प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक लेते हुए कोरोना की रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदमों पर चर्चा की.
पढ़ें- राजस्थान में 18 प्लस वैक्सीनेशन पर लगा ब्रेक, 2-3 दिन में सुप्रीम कोर्ट जा सकती है गहलोत सरकार
विस्थापित परिवारों को दिया प्लाट्स का कब्जा
रणथंभौर बाघ परियोजना के तालडा क्षेत्र के गांव कालाखौरा से विस्थापित होने वाले पांच परिवारों को गिराजपुरा में वन विभाग की ओर से आवासीय प्लाट्स का कब्जा दिया गया. साथ ही पचास-पचास हजार के चेक भी दिए गए. उप वन संरक्षक विस्थापन संजीव शर्मा की ओर से व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया तथा विस्थापित परिवारों से सुविधाओं को लेकर वार्ता की गई. जानकारी के मुताबिक रणथम्भौर बाघ परियोजना के विस्तार के लिए वन क्षेत्र में बसे ग्रामीणों को विस्थापित किया जा रहा है. बाघ परियोजना के तालडा क्षेत्र के गांव कालाखौरा से पांच परिवारों को गिर्राजपुरा में विस्थापित किया गया है. विस्थापित होने वाले पांच परिवारों को गिर्राजपुरा गांव में वन विभाग की ओर से आवासीय प्लॉट्स के कब्जे दिए गए. विस्थापित परिवारों को पचास-पचास हजार के चेक भी दिए गए.