सवाई माधोपुर. पॉक्सो कोर्ट में परिवादी की ओर से पुलिस के खिलाफ पैरवी करना एक अधिवक्ता को भारी पड़ गया. मानटाउन थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाने गए वकील अनुपम शर्मा को ही पुलिस ने बंद कर दिया. इससे नाराज अधिवक्ताओं ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन कर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा है. ऐसा नहीं होने पर अधिवक्ताओं ने आंदोलन की चेतावनी दी है जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.
अधिवक्ताओं ने बताया कि 16 जुलाई को पुष्मा उर्फ पुष्पा मोगिया निवासी वैदपुरा में विशेष न्यायालय पॉक्सो में इस्तगासा पेश किया था. जिसमें अधिवक्ता अनुपम ने पैरवी की. विशेष न्यायालय पॉक्सो ने रवांजना डूंगर एसएचओ मुकेश मीणा दो एएसआई, एक हेड कांस्टेबल, चार कांस्टेबल, पुलिस अधीक्षक और डीवाईएसपी के विरुद्ध आईपीसी और पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं में संज्ञान लेकर न्यायालय में पेश होने के आदेश जारी किए.
पुलिस ने अधिवक्ता पर राजीनामा करवाने का दबाव डाला, लेकिन अधिवक्ता ने ऐसा करने से मना कर दिया. इसका खामियाजा अधिवक्ता को थाने में बंद होकर चुकाना पड़ा. अधिवक्ता अनुपम मानटाउन थाने में अमेजन कम्पनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराने गए थे. इस दौरान पुलिस ने अधिवक्ता को ही थाने में बंद कर मारपीट की. बमुश्किल पुलिस ने अधिवक्ता को छोड़ा. इससे नाराज अधिवक्ताओं ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर पुलिस के खिलाफ जमकर नारे लगाए और दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर अधिवक्ता के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की. ऐसा नहीं होने पर अधिवक्ताओं ने आंदोलन की चेतावनी दी.