राजसमंद. जिले में चिकित्सा विभाग की ओर से 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान चलाया जा रहा है. दिवाली को अब दो ही दिन शेष हैं. जिले में करीब 150 से 200 छोटे बड़े प्रतिष्ठान हैं. ऐसे में लोगों को शुद्ध मिठाई मिल सके इसके लिए विभाग की ओर से नकली मावा या मिठाई, मिलावटी खाद्य तेल से बनी नमकीन या अन्य सामग्री बनाने वालों के खिलाफ छापेमारी की जा रही है. लेकिन यह कार्रवाई भी पर्व तक ही होनी है, उसके बाद फिर वहीं हाल होना है.
चिकित्सा विभाग के पिछले साल के आंकड़ों को देखें तो विभाग द्वारा की गई कार्रवाई से नजर आता है कि जिस तीव्रता से मिलावट के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी, उस तरह से की नहीं गई.
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जिले में 26 अक्टूबर से शुरू हुए शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत अब तक चिकित्सा विभाग की खाद्य निरीक्षण टीम ने 42 सैंपल लिए हैं. इनमें से 20 सैंपल का परिणाम आ चुका है जिनमें 18 सैंपल के मानक फेल हो चुके हैं. वहीं चिकित्सा विभाग के खाद्य निरीक्षक अधिकारी नरेश चेजारा ने बताया कि जिले में लगातार शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत कार्रवाई की जा रही है. छापेमारी कर सैंपल लिए जा रहे हैं और छह प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई की गई है. इन प्रतिष्ठानों में मिठाई के डिब्बे पर एक्सपायरी डेट नहीं प्रिंट थी. उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से लगातार अवैध रूप से काम करने वाले लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है.
खाद्य निरीक्षक अधिकारी का एक पद खाली...
बता दें कि राजसमंद में खाद्य निरीक्षक अधिकारी के 2 पद हैं. इसमें से एक पद लंबे समय से रिक्त चल रहा है. वहीं वर्तमान निरीक्षक को चित्तौड़ की जिम्मेदारी भी दी गई है. राजसमंद जिला 4 विधानसभा क्षेत्र में फैला है. कुंभलगढ़, भीम, नाथद्वारा और राजसमंद जहां काफी संख्या में मिठाइयों के प्रतिष्ठान हैं. पिछले दिनों की कार्रवाई को देखें तो जिस प्रकार से भीम क्षेत्र में अवैध रूप से मावा पकड़ा गया है, उससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में अवैध मिठाइयों का कारोबार फल-फूल रहा है.
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2018 से 2020 तक के आंकड़ों पर एक नजर...
2018 में कुल 106 निरीक्षण किए गए जिसमें जांच को लिए गए नमूनों की संख्या 92 थी. इनमें से मानक के विपरीत पाए गए नमूनों की संख्या 31 रही. वहीं न्यायालय में प्रस्तुत कुल प्रकरण 29 रहे. इसी के साथ जुर्माना राशि 4,89,000 भी वसूली गई.
2019 की बात करें तो विभाग की ओर से 113 निरीक्षण किए गए जिनमें जांच के लिए 109 सैंपल लिए गए. जांच में 31 नमूने फेल पाए गए जबकि न्यायालय में 20 प्रकरण पेश किए गए गए जबकि 2,60,000 रुपये जुर्माना वसूला गया.
2020 में चिकित्सा विभाग द्वारा 90 निरीक्षण किए गए जिनमें से 66 सैंपल जांच के लिए भेजे गए. इनमें 35 नमूने फेल पाए गए. जबकि 24 न्यायालय में पेश किए गए जिनसे कुल 2,13,000 रुपये वसूले गए.
विभाग द्वारा की गई कार्रवाई से नजर आता है कि दिवाली और अन्य त्योहारों के सीजन में जिस प्रकार से तेजी नजर आती है, अगर साल भर इसी प्रकार काम किया जाए तो तो मिलावट के कारोबार पर नकेल लग जाए.