ETV Bharat / state

राजसमंद में कुछ इस प्रकार मनाया गया रक्षाबंधन का पर्व

author img

By

Published : Aug 3, 2020, 3:46 PM IST

आज पूरे देश मेंं रक्षाबंधन का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. वहीं राजसमंद जिले में ना सिर्फ बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती हैं, बल्कि व्यापारी और कारोबारी इस दिन अपनी तिजोरी को भी रक्षा सूत्र बांधते हैं.

रक्षाबंधन का पर्व,  राजसमंद की खबर,  rajsamand latest news
राजसमंद में कुछ इस प्रकार बनाया जाता है रक्षाबंधन का पर्व

राजसमंद. भाई-बहन के प्यार का पावन पर्व रक्षाबंधन, सोमवार को सावन पूर्णिमा के दिन पूरे देश में मनाया जा रहा है. वैसे तो रक्षाबंधन भाई-बहन के भावनात्मक संबंधों का प्रतीक है. इस दिन बहन, भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र समान रेशम का धागा बांधती है, लेकिन राजसमंद जिले में ना सिर्फ बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती है, बल्कि व्यापारी और कारोबारी इस दिन अपनी तिजोरी को भी रक्षा सूत्र बांधते हैं.

राजसमंद में कुछ इस प्रकार बनाया जाता है रक्षाबंधन का पर्व

यही नहीं शिष्य भी अपने गुरु को राखी बांधकर आशीर्वाद लेते हैं. महिलाएं अपने घर के वाहनों पर राखी बांधती हैं और भगवान से आराधना करती हैं कि प्रभु इनकी भी आप रक्षा करें वह इन्हें निर्जीव ना मानते हुए जीवन का हिस्सा समझते हैं.

शिक्षाविद दिनेश श्रीमाली बताते हैं कि मेवाड़ में रक्षाबंधन का विशेष महत्व है, क्योंकि यहां पेड़ों को राखी बांधकर उनकी रक्षा का वचन लिया जाता है. साथ ही शिष्य गुरु के राखी बांधकर उनके आदर्शों और कर्तव्य को निभाने का प्रण लेते हैं. उन्होंने बताया कि इस रक्षाबंधन के अवसर पर दुकानदार अपनी तिजोरी और कांटे पर भी राखी बांधकर भगवान से इनके फलने फूलने की दुआ मांगते हैं.

यह भी पढ़ें : Special: शहीदों की कलाइयों पर सजती हैं राखियां...बहनें 'अमर' भाइयों के लिए मांगती हैं दुआ

वहीं इस बार कोरोना महामारी की वजह से बाहर से राखी न लाकर घर पर ही बनाई गई. अब प्रकृति की रक्षा के लिए वृक्षों को राखी बांधने की परंपरा भी शुरू हो गई है. हालांकि रक्षा सूत्र सम्मान और आस्था प्रकट करने के लिए भी बांधा जाता है.

राजसमंद. भाई-बहन के प्यार का पावन पर्व रक्षाबंधन, सोमवार को सावन पूर्णिमा के दिन पूरे देश में मनाया जा रहा है. वैसे तो रक्षाबंधन भाई-बहन के भावनात्मक संबंधों का प्रतीक है. इस दिन बहन, भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र समान रेशम का धागा बांधती है, लेकिन राजसमंद जिले में ना सिर्फ बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती है, बल्कि व्यापारी और कारोबारी इस दिन अपनी तिजोरी को भी रक्षा सूत्र बांधते हैं.

राजसमंद में कुछ इस प्रकार बनाया जाता है रक्षाबंधन का पर्व

यही नहीं शिष्य भी अपने गुरु को राखी बांधकर आशीर्वाद लेते हैं. महिलाएं अपने घर के वाहनों पर राखी बांधती हैं और भगवान से आराधना करती हैं कि प्रभु इनकी भी आप रक्षा करें वह इन्हें निर्जीव ना मानते हुए जीवन का हिस्सा समझते हैं.

शिक्षाविद दिनेश श्रीमाली बताते हैं कि मेवाड़ में रक्षाबंधन का विशेष महत्व है, क्योंकि यहां पेड़ों को राखी बांधकर उनकी रक्षा का वचन लिया जाता है. साथ ही शिष्य गुरु के राखी बांधकर उनके आदर्शों और कर्तव्य को निभाने का प्रण लेते हैं. उन्होंने बताया कि इस रक्षाबंधन के अवसर पर दुकानदार अपनी तिजोरी और कांटे पर भी राखी बांधकर भगवान से इनके फलने फूलने की दुआ मांगते हैं.

यह भी पढ़ें : Special: शहीदों की कलाइयों पर सजती हैं राखियां...बहनें 'अमर' भाइयों के लिए मांगती हैं दुआ

वहीं इस बार कोरोना महामारी की वजह से बाहर से राखी न लाकर घर पर ही बनाई गई. अब प्रकृति की रक्षा के लिए वृक्षों को राखी बांधने की परंपरा भी शुरू हो गई है. हालांकि रक्षा सूत्र सम्मान और आस्था प्रकट करने के लिए भी बांधा जाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.