राजसमंद. शुक्रवार को जिला कलक्टरेट में भीम देवगढ़ विधायक सुदर्शन सिंह रावत ने बता दिया कि वो पुलिस प्रशासन से ऊपर की चीज हैं (MLA Shouts at ASI on Duty). ASI को सस्पेंड कराया, भाजपा सांसद का नाम लिया और खुद को सही ठहराने की कोशिश भी की. मामला नाक का था इसलिए नेता जी नहीं माने. बात कलेक्ट्रेट मुख्य द्वार से 5 से ज्यादा लोगों की एंट्री रोकने से शुरू हुई.
खाकी और सत्ता की बहस- ड्यूटी पर तैनात एएसआई ने 5 से ज्यादा लोगों को मुख्य द्वार से प्रवेश न करने की हिदायत दी. बात विधायक तक पहुंची तो वो एएसआई के पास पहुंचे और सवाल जवाब करने लगे. पुलिस अफसर ने भी वरिष्ठों का हवाला दिया. कहा कि चूंकि उन्हें ऊपर से ऑर्डर है वो इससे ज्यादा लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं दे सकते. नेताजी इस पर बेहद नाराज हुए तुरंत कलेक्टर नीलाभ सक्सेना से फोन पर बात की. उन्हें एएसआई के बर्ताव की जानकारी दी.
कलेक्टर चैंबर में चिल्लाए विधायक- रावत ने इसे अपनी नाक का प्रश्न बना लिया. वो एएसआई को निलंबित करने की मांग पर अड़ गए. फिर विधायक अपने लाव लश्कर समेत जिला कलक्टर के चैंबर में दाखिल हो गए. कलेक्टर के सामने भी जनप्रतिनिधि का अंदाज वैसा ही रहा. नेता जी का सम्मान बरकरार रखने की कोशिश की गई. कलक्टर ने एएसआई रामेश्वर मीणा को लाइन हाजिर करने की बात कही. मगर विधायक को ये रास नहीं आया क्योंकि वो उनकी शान में गुस्ताखी करने वाले शख्स का निलंबन चाहते थे.
दी धमकी- आ रहे हैं आंजना...- गुस्से में लाल पीले विधायक ने मंत्री उदय लाल आंजना का भी नाम लिया. प्रशासनिक अफसर के सामने बोले मंत्री उदय लाल आंजना आ रहे हैं. उनके साथ 100-200 लोग आएंगे उनको रोकना आप.
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गिरी निलंबन की गाज- नेता जी का इकबाल बुलंद रखा गया और निलंबन की गाज एएसआई पर गिरा दी गई. इससे पहले मीणा को बताया जाता रहा कि गलती उनकी ही है. मीडिया कर्मियों और जन प्रतिनिधियों या फिर पास के साथ आने वालों को रोका नहीं जाने का रूल है. इस दौरान विधायक साहब ने अपनी बात रखी. बोले मैं जनप्रतिनिधि हूं. जिले में मुझसे ऊपर कौन? मैंने आपसे थोड़ी सख्ती की आप मुझसे रूड नहीं हो सकते. इसके बाद एएसआई शिवलाल बैरवा, डीएसपी बैनीप्रसाद मीणा भी पहुंचे. आखिर में एसपी सुधीर चौधरी ने एएसआई को जांच होने तक निलंबित कर दिया.
ज्ञापन सौंपने पहुंचे थे विधायक- शुक्रवार को विधायक सुदर्शन सिंह रावत के नेतृत्व में राजपूत समाज कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्तार करने में अहम भूमिका निभाने वाले शक्ति सिंह और प्रहलाद सिंह के पक्ष में ज्ञापन सौंपेन पहुंचा था. जिसमें मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार सुविधा दिलाने की मांग की गई थी. यहीं गेट पर तैनात पुलिस कार्मिक और विधायक रावत के बीच जोरदार बहस हो गई. जिसका निपटारा जिला कलेक्टर के दफ्तर में हुआ. इस दौरान करीब 1 घंटे तक कलेक्टर चैंबर में लोगों का मजमा लगा रहा.
विधायक का Frustration!- इस पूरे विवाद की वीडियो फुटेज में विधायक सुदर्शन सिंह रावत का Frustration भी दिख रहा है. सीएम के आदेश का हवाला दिया. कलेक्टर चैम्बर में बोले- एक तरफ मुख्यमंत्री कहते हैं सड़क पर काम करो और कलेक्ट्रेट में आप 5 आदमी नहीं आने देंगे? जनप्रतिनिधि को रोकना गलत बात है. विधायक सुदर्शन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनता की बात सुनने के लिए सभी को कह रखा है कि जनता के काम के लिए सभी दरवाजे खुले रखें.
मीडिया से बोले- रोकान गलत- मीडिया से बातचीत के दौरान रावत ने कहा कि जनता की बात सुनने के लिए जब खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दरबार खोल रखे हैं तो कलेक्ट्रेट में तैनात पुलिसकर्मी कैसे जनता संग जनप्रतिनिधि को रोक सकती है. विधायक सुदर्शन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनता की बात सुनने के लिए सभी को कह रखा है कि जनता के काम के लिए सभी दरवाजे खुले रखें. उन्होंने कहा कि बिना कलेक्टर के निर्देश पर एक एएसआई इस तरह की गुस्ताखी कर लें यह गलत बात है.
भाजपा सांसद को नहीं रोका- विधायक रावत ने कहा कि जब एक भाजपा की सांसद कलेक्ट्रेट आती है तो पीछे के सारे दरवाजे खोल दिए जाते हैं. कांग्रेस के विधायक के साथ जब लोग आते हैं तो गेट बंद कर दिए जाते हैं. कलेक्ट्रेट में चार से पांच लोगों के अंदर आने वाले नियम पर कहा कि नियम कलेक्टर के चैंबर में जाने पर लागू हो, न कि गेट पर. अगर जनता के साथ ऐसा रवैया होने लगा तो कल को सभी अधिकारी अपने-अपने दरवाजे बंद करके बैठ जाएंगे.