प्रतापगढ़. जिले के छोटी सादड़ी थाना पुलिस ने गत दिनों जंगल में मिले एक कंकाल के मामले की गुत्थी सुलझा ली है. दरअसल, यहा कंकाल अज्ञात व्यक्ति का था, लेकिन एक युवक ने अपने पिता की जमीन जायदाद और पैसे हड़पने की नियत से कंकाल की अपने पिता के रूप में शिनाख्त करते हुए दिखावे के लिए कंकाल का अंतिम संस्कार भी कर दिया. गांव के लोगों को जब वृद्ध के जिंदा होने की सूचना मिली तो उसके बेटे द्वारा अपने दोस्त के साथ अपने जिंदा पिता का झूठा अंतिम संस्कार करने का मामला उजागर हो गया. पुलिस ने बुजुर्ग के बेटे सहित दो जनों को गिरफ्तार किया है.
जानकारी के अनुसार 18 सितंबर को दिनेश पुत्र चांदमल जाति मीणा निवासी जाखमिया हाल चंदौली थाना छोटी सादड़ी ने अपने दोस्त शाहरुख पिता नूर खां निवासी अंबावली थाना धोलापानी के साथ पूर्व नियोजित योजना के तहत पहले अपने पिता चांदमल की गुमशुदगी दर्ज कराई थी. फिर बाद में कंकाल मिलने की बात पुलिस को बताई थी.
जमीन हड़पना था मकसद
पुलिस के अनुसार दिनेश ने शाहरुख के साथ मिलकर अपनी मां के डेढ़ लाख रुपए दुर्घटना क्लेम की राशि को उठाने और पिता के खाते में दर्ज 4 बीघा जमीन अपने दोस्त शाहरुख को बेचने की योजना के अनुसार पुलिस के पास पहुंचा. इसमें से ढाई बीघा जमीन साढ़े 4 लाख रुपए में पहले बेच दी थी. उक्त राशि उसने जादू-टोना और बदमाशों के साथ मिलकर पिता को मारने के प्रयास में झोंक दी. दिनेश अपनी योजना में कुछ समय सफल होते दिखा, जब उसे जंगल में किसी अज्ञात व्यक्ति का कंकाल मिलने की सूचना मिली.
अज्ञात कंकाल के पास उसने अपने पिता चांदमल के जूतों जैसे कच्चे काले लाइनदार जूते और धोती रख दी और पुलिस के समक्ष मृतक की पहचान अपने पिता चांदमल के रूप में करते हुए उस अज्ञात कंकाल का ही अंतिम संस्कार कर दिया. वहीं आरोपी दिनेश के पिता चांदमल ने बताया कि उसे काफी प्रताड़ित किया गया. इसी कारण वह डर के मारे घर से चले गए थे. पुलिस एसआई शंभूलाल दमामी ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर दिनेश को षड़यंत्र के तौर पर अज्ञात व्यक्ति की लाश की अपने पिता के शव के रूप में शिनाख्त कर पुलिस को गुमराह करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. साथ ही उसके मित्र शाहरुख को भी गिरफ्तार किया है.
मारपीट कर पिता को भगा दिया था
अपने पिता का इकलौता पुत्र दिनेश पिछले 18-20 वर्षों से अपने ससुराल चांदोली में निवास कर रहा था. ससुर के खिलाफ थाने में परिवाद दर्ज करा जाखमिया गांव अपने पिता के पास आ गया. बताया जा रहा है कि यहां उसने पिता चांदमल को तलवार से मारने का भी प्रयास किया. पिता के दोनों केलुपोश मकानों में पत्नी राजू के साथ तोड़फोड़ की और मां की मौत पर तीसरे के दिन ही अपने पिता से झगड़ा करके 2 किलो चांदी जिसमें एक किलो, एक तोले की सोने की नथ हड़प ली.
अपनी ही मौत की खबर पढ़कर पिता हो गए हैरान
बेटे के झगड़े के डर से परेशान पिता चांदमल घर छोड़कर बांसवाड़ा में निवासरत अपनी बेटी निर्मला के यहां चले गए. वहां सब्जी बेचकर गुजारा किया. फिर गांव आकर सरूपगंज में एक खेत पर खेती का कार्य शुरू किया. इसके बाद भी दिनेश का खौफ उसका पीछा करता रहा तो चांदमल छोटी बेटी के पास ढोरिया निंबाहेड़ा चले गए. वहां सरकारी बच्चों के हॉस्टल में चौकीदारी का कार्य कर रहे थे कि उन्होंने स्वयं के बेटे द्वारा उनकी गुमशुदगी और बाद में मौत की रिपोर्ट थाने पर दर्ज कराने की एक अखबार में खबर पढ़कर वह हैरान रह गए.
बारिश का हाल पूछा तो सरपंच को भी हुआ आश्चर्य
पिता चांदमल ने बताया कि एक अखबार में अपनी मौत की खबर पढ़कर उनसे रहा नहीं गया और उन्होंंने अपने गांव पंचायत रंभावली के सरपंच चैनसिंह को फोन लगाया और उनसे बारिश का हाल-चाल पूछा. एकबारगी सरपंच भी चांदमल की आवाज सुनकर घबरा गए. क्योंकि उनके बेटे दिनेश द्वारा उनकी गुमशुदगी की थाने में रिपोर्ट दे रखी थी. और बाद में मौत की जानकारी मिली थी. चांदमल का फोन आने पर सरपंच ने कहा कि आप जिंदा हो गए क्या, यहां आपका कंकाल तो जंगल में मिला था.