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Innovation of Pratapgarh District Collector: 750 स्कूलों में जन्मजात बीमारी से ग्रसित बच्चों का चयन, 'चिरंजीवी' से मिलेगा नया जीवन - Innovation of Pratapgarh District Collector

प्रतापगढ़ जिले में ऐसे बच्चे जो जन्मजात (Innovation of Pratapgarh District Collector) बीमारी से जूझ रहे हैं, उनके लिए जिला कलक्टर सौरभ स्वामी ने पहल की है. ऐसे बच्चों का चयन करते हुए उनका बेहतर इलाज कराया जाएगा. इस काम में सरकारी स्कूल के स्टाफ और प्रबंधन भी जुट गया है. अब तक जिले में 750 स्कूलों में ऐसे बच्चों का चयन किया गया है.

initiative by the collector Swami
जन्मजात बीमारियों से पीड़ित बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य और सुगम इलाज
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Published : Apr 27, 2022, 8:51 PM IST

प्रतापगढ़. जिले में कलक्टर का पदभार संभाल चुके सौरभ स्वामी नवाचारों के (Innovation of Pratapgarh District Collector) जरिए आदिवासी अंचल में लोगों के जीवन को बेहतर करने में जुटे हैं. कलक्टर ने एक नवाचार जन्मजात विकृत बच्चों के लिए भी शुरू किया है. उन्होंने जन्मजात कई बीमारियों और विकृत बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य और सुगम इलाज दिलवाने के लिए पहल की है. इस मुहीम को सफल बनाने में राज्य सरकार की चिरंजीव योजना अहम रोल निभाने वाली है.

कलक्टर सौरभ स्वामी की ओर से चलाई गई मुहिम के तहत बच्चों को निशुल्क इलाज और बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है. इसके तहत जिले के सभी सरकारी स्कूल का स्टाफ ऐसे बच्चों को चयनित करेंगे, जो जन्म से ही किसी प्रकार (Children suffering from congenital diseases will be treated) की बीमारी से ग्रसित हैं. ऐसे बच्चों का चयन करने के बाद उनकी जांच करवा उन्हें राजस्थान के प्रमुख अस्पतालों में निःशुल्क इलाज करवा कर नया जीवन दिया जाएगा.

जन्मजात बीमारियों से पीड़ित बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य और सुगम इलाज

750 स्कूलों ने किया बच्चों का चयनः कलेक्टर स्वामी की यह पहल जिले में रंग लाती नजर आ रही है. अब तक जिले के 1350 स्कूलों में से 750 स्कूल ने ऐसे बच्चों का चयन करने के साथ ही उनकी संख्या पोर्टल पर भी चढ़ा दिया है. इन बच्चों की प्राथमिक जांच के बाद अलग अलग बिमारियों से ग्रसित बच्चों का निःशुल्क (Children suffering from congenital diseases will be treated) इलाज करवाया जाएगा. बच्चों में ऐसी कोई विकृति नजर आए तो आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या आरबीएसके की टीम पहले से ही काम कर रही थी. लेकिन अब कलेक्टर सौरभ स्वामी की पहल के चलते जिले के सभी सरकारी स्कूल के अध्यापक और स्टाफ भी इस काम में जुट गया है. जिससे बच्चों का समय से इलाज करते हुए उनकी दिक्कत को दूर किया जा सके.

पढे़ं:Rajasthan Budget 2022: कोकलियर इंप्लांट्स को चिरंजीवी योजना में किया शामिल, लाखों बच्चों को मिलेगा फायदा

उच्च स्तरीय इलाज मुहैया करवाएंगेः कलक्टर स्वामी ने बताया की जन्मजात होने वाली बीमारियों के उपचार को प्राथमिकता पर लिया गया है. जन्मजात होने वाली बीमारियों की रोकथाम और पीड़ित बच्चों को उच्च स्तरीय इलाज हर हाल में मुहैया कराया जाएगा. इसके लिए चिह्नित रोगियों की जांच के बाद उनका मुफ्त इलाज भी करवाया जाएगा. कलेक्टर स्वामी ने हर स्कूल में कार्यशाला का आयोजन कर ऐसे बाचों का चयन कर उन्हें बेहतर इलाज दिलवाने की बात कही है. इसके तहत बच्चों में जन्मजात होने वाली बीमारियों में प्रमुख रूप से दिमाग की न्यूरल ट्यूब अविकसित होना, मंद बुद्धी, कटे होठ व तालू में छेद, पैर की हड्डी या पंजा टेढ़ा होना, कुल्हे अविकसित होना, आंखों की रोशनी न होना, रेटिना में खराबी आदि का इलाज कराया जाएगा.

प्रतापगढ़. जिले में कलक्टर का पदभार संभाल चुके सौरभ स्वामी नवाचारों के (Innovation of Pratapgarh District Collector) जरिए आदिवासी अंचल में लोगों के जीवन को बेहतर करने में जुटे हैं. कलक्टर ने एक नवाचार जन्मजात विकृत बच्चों के लिए भी शुरू किया है. उन्होंने जन्मजात कई बीमारियों और विकृत बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य और सुगम इलाज दिलवाने के लिए पहल की है. इस मुहीम को सफल बनाने में राज्य सरकार की चिरंजीव योजना अहम रोल निभाने वाली है.

कलक्टर सौरभ स्वामी की ओर से चलाई गई मुहिम के तहत बच्चों को निशुल्क इलाज और बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है. इसके तहत जिले के सभी सरकारी स्कूल का स्टाफ ऐसे बच्चों को चयनित करेंगे, जो जन्म से ही किसी प्रकार (Children suffering from congenital diseases will be treated) की बीमारी से ग्रसित हैं. ऐसे बच्चों का चयन करने के बाद उनकी जांच करवा उन्हें राजस्थान के प्रमुख अस्पतालों में निःशुल्क इलाज करवा कर नया जीवन दिया जाएगा.

जन्मजात बीमारियों से पीड़ित बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य और सुगम इलाज

750 स्कूलों ने किया बच्चों का चयनः कलेक्टर स्वामी की यह पहल जिले में रंग लाती नजर आ रही है. अब तक जिले के 1350 स्कूलों में से 750 स्कूल ने ऐसे बच्चों का चयन करने के साथ ही उनकी संख्या पोर्टल पर भी चढ़ा दिया है. इन बच्चों की प्राथमिक जांच के बाद अलग अलग बिमारियों से ग्रसित बच्चों का निःशुल्क (Children suffering from congenital diseases will be treated) इलाज करवाया जाएगा. बच्चों में ऐसी कोई विकृति नजर आए तो आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या आरबीएसके की टीम पहले से ही काम कर रही थी. लेकिन अब कलेक्टर सौरभ स्वामी की पहल के चलते जिले के सभी सरकारी स्कूल के अध्यापक और स्टाफ भी इस काम में जुट गया है. जिससे बच्चों का समय से इलाज करते हुए उनकी दिक्कत को दूर किया जा सके.

पढे़ं:Rajasthan Budget 2022: कोकलियर इंप्लांट्स को चिरंजीवी योजना में किया शामिल, लाखों बच्चों को मिलेगा फायदा

उच्च स्तरीय इलाज मुहैया करवाएंगेः कलक्टर स्वामी ने बताया की जन्मजात होने वाली बीमारियों के उपचार को प्राथमिकता पर लिया गया है. जन्मजात होने वाली बीमारियों की रोकथाम और पीड़ित बच्चों को उच्च स्तरीय इलाज हर हाल में मुहैया कराया जाएगा. इसके लिए चिह्नित रोगियों की जांच के बाद उनका मुफ्त इलाज भी करवाया जाएगा. कलेक्टर स्वामी ने हर स्कूल में कार्यशाला का आयोजन कर ऐसे बाचों का चयन कर उन्हें बेहतर इलाज दिलवाने की बात कही है. इसके तहत बच्चों में जन्मजात होने वाली बीमारियों में प्रमुख रूप से दिमाग की न्यूरल ट्यूब अविकसित होना, मंद बुद्धी, कटे होठ व तालू में छेद, पैर की हड्डी या पंजा टेढ़ा होना, कुल्हे अविकसित होना, आंखों की रोशनी न होना, रेटिना में खराबी आदि का इलाज कराया जाएगा.

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