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प्रतापगढ़ में भारी बारिश का दौर जारी, नदी-नाले ऊफान पर - Pratapgarh news

प्रतापगढ़ में इस साल बारिश अपने सारे पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त करती जा रही है. यहां पिछले चार दिनों से हो रही बारिश के बाद आंकड़ा 102 इंच को पार कर चुका है जो साल 1981 के बाद सार्वाधिक है. जिले में हो रही भारी बारिश से किसानों को काफी नुकसान हुआ है. उड़द, सोयाबीन और मक्का की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं. कई इलाकों में मार्ग अवरुद्ध होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

Heavy rain in Pratapgarh, भारी बारिश प्रतापगढ़
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Published : Sep 14, 2019, 11:57 AM IST

प्रतापगढ़. इस साल जिले में बारिश ने अपने सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं. मौसम विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 12 घंटों में 6 इंच से ज्यादा बरसात हो चुकी है. जिले के सभी बांध ओवरफ्लो हैं, संभाग का सबसे ऊंचा 31 मीटर भराव क्षमता वाला जाखम बांध पहले ही लबालब हो चुका है. लोगों का कहना है कि जीवन में उन्होंने ना तो कभी पहले इस तरह की बरसात देखी और न सुनी, लोग लगातार हो रही इस बरसात के बाद घरों में दुबकने को मजबूर हैं.

प्रतापगढ़ में भारी बारिश का दौर जारी

लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बाजारों में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है. नदी-नाले पूरे वेग के साथ बह रहे हैं. जिले की पीपलखूंट, अरनोद, छोटी सादड़ी और धरियावद में भी बरसात का आंकड़ा 50 इंच को पार कर चुका है. पिछले 24 घण्टे से जारी बारिश के चलते क्षेत्र की सभी नदियां ऊफान पर हैं.

पढ़ें- अलवरः अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा इंदिरा गांधी स्टेडियम का स्विमिंग पूल...प्रशासन बेखबर

शुक्रवार रात से जारी भारी बारिश के चलते क्षेत्र की जाखम नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. जाखम नदी पूर्ण वेग से बह रही हैं. पुलिसकर्मियों को पुलिया पर तैनात कर दिया गया है वही धरियावद-पारसोला का सम्पर्क भी कटा हुआ है. अरनोद उपखण्ड की शिवना नदी, निनोर नदी भी ऊफान पर हैं. काला पानी की पुलिया पर पानी होने के कारण दलोट से बडिसाखथली का सम्पर्क भी दो दिन से कटा हुआ है. वहीं निनोर गांव में पानी भर जाने से ग्रामीण परेशान है.

पढ़ें- अलवर के बहरोड़ में धू-धूकर जल उठा टायरों का कबाड़

इसी के साथ निनोर नदी भी उफान पर है, शिवना नदी में उफान के कारण कई गांवों का संपर्क टूटा हुआ है. चकुंडा गांव में बारिश आफत बनी हुई है. यहां घरो में पानी घुस गया है. भारी बारिश से सफल तो पहले ही बर्बाद हो चुकी है. बारिश से कच्चे मकानों पर आफत आ रही है. दलोट में एक मकान और आम्बीरामा में दो मकान गिर गए है. जिले में बारिश से अभी तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है. भारी बारिश के चलते प्रसाशन अमला भी पूरी तरह अर्लट है. वहीं प्रशासन ने लोगों से उफनते नदी-नालों को पार नहीं करने की चेतावनी दी है.

प्रतापगढ़. इस साल जिले में बारिश ने अपने सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं. मौसम विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 12 घंटों में 6 इंच से ज्यादा बरसात हो चुकी है. जिले के सभी बांध ओवरफ्लो हैं, संभाग का सबसे ऊंचा 31 मीटर भराव क्षमता वाला जाखम बांध पहले ही लबालब हो चुका है. लोगों का कहना है कि जीवन में उन्होंने ना तो कभी पहले इस तरह की बरसात देखी और न सुनी, लोग लगातार हो रही इस बरसात के बाद घरों में दुबकने को मजबूर हैं.

प्रतापगढ़ में भारी बारिश का दौर जारी

लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बाजारों में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है. नदी-नाले पूरे वेग के साथ बह रहे हैं. जिले की पीपलखूंट, अरनोद, छोटी सादड़ी और धरियावद में भी बरसात का आंकड़ा 50 इंच को पार कर चुका है. पिछले 24 घण्टे से जारी बारिश के चलते क्षेत्र की सभी नदियां ऊफान पर हैं.

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शुक्रवार रात से जारी भारी बारिश के चलते क्षेत्र की जाखम नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. जाखम नदी पूर्ण वेग से बह रही हैं. पुलिसकर्मियों को पुलिया पर तैनात कर दिया गया है वही धरियावद-पारसोला का सम्पर्क भी कटा हुआ है. अरनोद उपखण्ड की शिवना नदी, निनोर नदी भी ऊफान पर हैं. काला पानी की पुलिया पर पानी होने के कारण दलोट से बडिसाखथली का सम्पर्क भी दो दिन से कटा हुआ है. वहीं निनोर गांव में पानी भर जाने से ग्रामीण परेशान है.

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इसी के साथ निनोर नदी भी उफान पर है, शिवना नदी में उफान के कारण कई गांवों का संपर्क टूटा हुआ है. चकुंडा गांव में बारिश आफत बनी हुई है. यहां घरो में पानी घुस गया है. भारी बारिश से सफल तो पहले ही बर्बाद हो चुकी है. बारिश से कच्चे मकानों पर आफत आ रही है. दलोट में एक मकान और आम्बीरामा में दो मकान गिर गए है. जिले में बारिश से अभी तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है. भारी बारिश के चलते प्रसाशन अमला भी पूरी तरह अर्लट है. वहीं प्रशासन ने लोगों से उफनते नदी-नालों को पार नहीं करने की चेतावनी दी है.

Intro:प्रतापगढ़ में इस साल बरसात अपने सारे पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त करती जा रही है, यहां पिछले चार दिनों से हो रही बारिश के बाद आंकड़ा 102 इंच को पार कर चुका है जो साल 1981 के बाद सार्वाधिक है, जिले में हो रही भारी बारिश से किसानों को काफी नुकसान हुआ है, उड़द, सोयाबीन और मक्का की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं, कई इलाकों में मार्ग अवरुद्ध होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है,Body:मौसम विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 12 घंटों में 6 इंच से ज्यादा बरसात हो चुकी है, जिले के सभी बांध ओवरफ्लो हैं, संभाग का सबसे ऊंचा 31 मीटर भराव क्षमता वाला जाखम बांध पहले ही लबालब हो चुका है, लोगों का कहना है कि जीवन में उन्होंने ना तो कभी पहले इस तरह की बरसात देखी और ना सुनी, लोग लगातार हो रही इस बरसात के बाद घरों में दुबकने को मजबूर हैं,
बाजारों में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है, नदी-नाले पूरे वेग के साथ बह रहे हैं। जिले की पीपलखूंट, अरनोद, छोटी सादड़ी और धरियावद में भी बरसात का आंकड़ा 50 इंच को पार कर चुका है,
पिछले 24 घण्टे से जारी बारिश के चलते क्षेत्र की सभी नदिया उफान पर है,
शुक्रवार रात को भारी बारिश के चलते क्षेत्र की जाखम नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है,जाखम नदी पूर्ण वेग से बह रही हैं, पुलिसकर्मियों को पुलिया पर तैनात कर दिया गया है वही धरियावद- पारसोला का सम्पर्क भी कटा हुआ है, अरनोद उपखण्ड की शिवना नदी ,निनोर नदी भी उफान पर है , कालापानी की पुलिया पर पानी होने के कारण दलोट से बडिसाखथली का सम्पर्क भी दो दिन से कटा हुआ है, वही निनोर गांव में पानी भर जाने से ग्रामीण परेशान है Conclusion:निनोर नदी भी उफान पर है, शिवना नदी में उफान के कारण कई गांवों का संपर्क टूटा हुआ है, चकुंडा गांव में बारिश आफत बनी हुई है यहा घरो में पानी घुस गया है, भारी बारिश से सफल तो पहले ही बर्बाद हो चुकी है अब बारिश से कच्चे मकानो पर आफत आ रही है दलोट में एक मकान ओर आम्बीरामा में दो मकान गिर गए है, जिले में बारिश से अभी तक 7 लोगो की मौत हो चुकी है, भारी बारिश के चलते प्रसाशन अमला भी पूरी तरह अर्लट है, वही प्रशासन ने लोगो से उफनते नदी नालों को पार नही करने की चेतावनी दी है
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