प्रतापगढ़. प्रतापगढ़ जिले के सुहागपुरा थाना क्षेत्र में आज सुबह एक बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने थाना क्षेत्र के सकथल गांव के सरकारी स्कूल में बच्ची के शव को रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया (Iron Tablet In Pratapgarh Government School ). गांव के लोगों का आरोप है कि 3 माह पूर्व 15 जुलाई को स्कूल में बच्चों को सरकारी योजना के तहत आयरन की गोलियां खिलाई गई थी. इस दौरान स्कूल में 49 से अधिक बच्चों की बीमार होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. इनमें से कुछ बच्चों को उदयपुर रेफर किया गया था जहां लंबे वक्त से इनका उपचार चल रहा था.
परिजनों और ग्रामीणों का आरोप है कि आयरन की गोलियां लेने के बाद से बच्ची लगातार ही बीमार चल रही थी. परिजन कभी उसे उदयपुर तो कभी बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ के अस्पताल में उपचार के लिए भटक रहे थे. बच्ची की मौत के बाद आज ग्रामीणों और परिजन बच्ची के परिवार को आर्थिक मदद दिलवाने और गांव के सरकारी स्कूल की जर्जर भवन को दुरुस्त करवाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
ग्रामीणों की मांग है कि परिजन को सरकार की ओर से पांच लाख की आर्थिक सहायता दी जाए और गांव के जर्जर स्कूल भवन को भी दुरुस्त करवाया जाए. खबर लिखे जाने तक प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण और परिजनों के पास प्रशासन की ओर से तहसीलदार मौके पर पहुंचे और ग्रामीण और परिजनों की समझाइश कर रहे हैं. ग्रामीण और परिजन आर्थिक सहायता की मांग पर अड़े हुए हैं.
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क्या हुआ था?: प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय के सुहागपुरा में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के 49 बच्चों की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी. जिसमें कक्षा 1 से 5वीं तक के बच्चे शामिल थे. तबीयत बिगड़ने पर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और एंबुलेंस से सभी बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सभी बच्चे 5 साल से 11 साल तक के थे.
आयरन की गोलियां खाने से बिगड़ी तबीयत- परिजन
बीमार बच्चों के परिजनों ने कहा था कि स्कूल में सभी बच्चों को स्कूल में आयरन की गोलियां खिलाई गई थीं. जिसके बाद से बच्चों की तबीयत खराब होने लगी थी. जिसके बाद से स्कूल प्रशासन में हड़कंप मच गया था.