पाली. आजादी को देश को आजाद हुए 60 साल हो चुके हैं. आज भी सरकार दावा करती है कि वो अपने अधिकार का पूरी तरह से प्रयोग कर रहे हैं स्वतंत्र देश में सिर उठाकर जी सकते हैं. लेकिन आज भी पाली जिले के किसी कोने में रूढ़िवादी परंपराएं जिंदा है. आज भी खाप पंचायत के फरमान कई लोगों को उनके अधिकारों का हनन कर रहे हैं.
ऐसा ही मामला पाली जिले के सोजत तहसील के बिलवास गांव में सामने आया है. जहां एक परिवार पिछले 8 माह से न्याय के लिए भटक रहा है. इस गांव की खाप पंचायत ने इस परिवार का गांव से बहिष्कार कर दिया है. नतीजा अब ना इस परिवार को अब गांव की दुकान से किराना मिलता हर, ना कुए से पानी भरने दिया जाता है और न ही कोई गांव का आदमी उससे बात करता है.
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ऐसा नहीं कि यह मामला पुलिस के सामने नहीं गया इस परिवार की महिला के साथ गंभीर रूप से मारपीट भी हुई और उसे अस्पताल में भर्ती कराया और पुलिस ने अस्पताल में आकर मामला भी दर्ज किया. लेकिन इस बात को 8 माह बीत चुके हैं ना ही इस परिवार के लिए पुलिस ने किसी भी प्रकार की कार्रवाई की और ना ही आरोपियों की गिरफ्तारी की. ऐसे में पिछले 8 माह से यह परिवार अपने हक के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहा है.
दरअसल, सोजत थाना क्षेत्र के बिलावास गांव में रहने वाली शांति देवी पत्नी हेमराज प्रजापत ने सोजत थाने में मामला दर्ज करवाया था कि 1 जुलाई 2020 को वह रात को अपने घर में अकेली सो रही थी. इस दौरान उसके गांव के लक्ष्मण राम सीरवी, राजाराम सीरवी, देवली देवी सीरवी, रेखा देवी सीरवी, डिंपल देवी, ओम प्रकाश और 2 महिलाएं उसके घर में जबरन घुसे और उसके साथ मारपीट शुरू कर दी. शांति देवी इस मारपीट में गंभीर रूप से घायल हुई. देर रात को जब उनके पति वापस लौटे तो उन्हें सोजत अस्पताल लेकर आए.
इस मामले की जानकारी मिलने पर सोजत पुलिस भी अस्पताल पहुंची और 2 फरवरी को शांति देवी का मामला दर्ज किया गया. जब शांति देवी अपने परिवार के साथ गांव वापस लौटी तो इससे पहले ही गांव के पंचों ने उन्हें और उसके परिवार को गांव से बहिष्कृत कर दिया. इस बात को 8 माह बीतने को आए हैं. इस परिवार से ना ही गांव में अब कोई बात करता है, ना ही कोई सब्जी बेचता है और ना ही किराने की दुकान पर इन्हें सामान मिलता है.
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यहां तक की इस परिवार के पास अगर कोई छोटा बच्चा भी आ जाए तो उसे गांव में दुकानों से चॉकलेट मिलना भी नसीब नहीं होती है. न्याय की गुहार में यह परिवार कई बार थाने और अधिकारियों की चौखट पर जा चुका है. लेकिन अब तक इन्हें किसी भी प्रकार का न्याय नहीं मिला और आज भी यह परिवार खाप पंचायत के इस फरमान से प्रताड़ित घूम रहा है.
बुधवार को एक बार फिर इस परिवार ने हिम्मत बांधते हुए पाली जिला कलेक्टर अंशदीप के सामने अपनी पीड़ा रखी है. जिला कलेक्टर ने इस मामले में तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही पुलिस अधीक्षक से भी इस मामले में बाकी है. अब देखना यह है कि परिवार को न्याय मिल पाता है या फिर यह परिवार दर-दर की ठोकरें खाता है.