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अलविदा 2019: पाली की ये 3 उम्मीदें नहीं हुईं पूरी... - Pali Jawai recharge scheme

पाली में 2019 में चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधियों ने कई वादे किए थे. जिन्हें अबतक पूरा नहीं किया गया. जवाई पुनर्भरण योजना,शौर्य पथ निर्माण का काम अटका है. वहीं आवास योजना राजनीति का शिकार हो गई.

पाली आवास योजना,  Pali news
पाली की उम्मीदों को लगा झटका
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Published : Dec 30, 2019, 1:26 PM IST

पाली. भामाशाहों की इस नगरी में चुनाव होने के बाद जनप्रतिनिधियों के किए गए वादे महज वादे ही रह गए. साल 2019 में पाली के तीन ऐसे बड़े कार्य थे. जिनकी जिले को सबसे ज्यादा आवश्यकता थी, लेकिन वह पूरे नहीं हो पाए.

पाली की उम्मीदों को लगा झटका

जवाई पुनर्भरण योजना का कार्य अटका
पाली की हलक तर करने के लिए जवाई पुनर्भरण योजना को लेकर लंबे समय से प्रयास चल रहे हैं. जिसके लिए 6 हजार करोड़ रुपए की डीपीआर बनाने के बाद राशि मंजूर नहीं हुई. केंद्र में आज भी मामला अटका हुआ है. इस योजना के तहत साबरमती बेसिन से पानी को डायवर्ट कर जवाई बांध तक लाने की योजना बनाई गई थी. इसमें 8.5 करोड़ खर्च कर डीपीआर भी तैयार की गई. डीपीआर की स्वीकृति के लिए राज्य और केंद्र सरकार को भेजी गई. साल 2019 में जवाई पुनर्भरण को लेकर कोई काम नहीं हो पाया. राज्य और केंद्र सरकार के बीच डीपीआर अटकी रही. केंद्रीय जल बोर्ड ने भी इस प्रोजेक्ट को लेकर राशि मंजूर नहीं की है.

पढ़ेंः पाली: 5 दिन में 9 डिग्री तक लुढ़का पारा, कई इलाकों में जमी बर्फ

आवास योजना बनी राजनीति का शिकार
2013 में आवास योजना का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उद्घाटन किया था. जिसके बाद से यह योजना अटक रही है. नगर परिषद की ओर से रमासीया के पास 263.19 बीघा जमीन पर राजीव विहार आवास योजना की प्लानिंग की गई थी. जिसका उद्घाटन अक्टूबर 2013 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया था. इसमें 800 भूखंड आवंटित किए गए थे. बता दें, कि 5 साल तक पूर्व भाजपा बोर्ड ने यहां कोई कार्य नहीं करवाया. यह योजना पूरी तरह से राजनीति का शिकार हो गई. इस वर्ष नए बोर्ड ने इस योजना को फिर से शुरू करने की घोषणा की है.

शौर्य पथ का निर्माण कार्य अटका
शहर के शिवाजी सर्कल से लोडिया नहर तक शौर्य पथ का निर्माण कराया जाना था. 2019 में इसकी काफी उम्मीद की जा रही थी. नगर परिषद की ओर से इसको लेकर मंजूरी भी मिली, लेकिन रुड़ीप के कार्यों ने इसे अटका दिया. सड़क के बीच डिवाइडर लगाने के साथ उस पर लाइटिंग भी लगाकर इस रोड को सुंदर बनाना था. जिससे यहां पर पिछले 20 सालों में हुए हादसों में कई लोगों की जान चली गई. इन हादसों को रोकने के लिए इस प्रोजेक्ट को लाया गया था, लेकिन इस साल भी इस प्रोजेक्ट पर काम नहीं हो पाया.

पाली. भामाशाहों की इस नगरी में चुनाव होने के बाद जनप्रतिनिधियों के किए गए वादे महज वादे ही रह गए. साल 2019 में पाली के तीन ऐसे बड़े कार्य थे. जिनकी जिले को सबसे ज्यादा आवश्यकता थी, लेकिन वह पूरे नहीं हो पाए.

पाली की उम्मीदों को लगा झटका

जवाई पुनर्भरण योजना का कार्य अटका
पाली की हलक तर करने के लिए जवाई पुनर्भरण योजना को लेकर लंबे समय से प्रयास चल रहे हैं. जिसके लिए 6 हजार करोड़ रुपए की डीपीआर बनाने के बाद राशि मंजूर नहीं हुई. केंद्र में आज भी मामला अटका हुआ है. इस योजना के तहत साबरमती बेसिन से पानी को डायवर्ट कर जवाई बांध तक लाने की योजना बनाई गई थी. इसमें 8.5 करोड़ खर्च कर डीपीआर भी तैयार की गई. डीपीआर की स्वीकृति के लिए राज्य और केंद्र सरकार को भेजी गई. साल 2019 में जवाई पुनर्भरण को लेकर कोई काम नहीं हो पाया. राज्य और केंद्र सरकार के बीच डीपीआर अटकी रही. केंद्रीय जल बोर्ड ने भी इस प्रोजेक्ट को लेकर राशि मंजूर नहीं की है.

पढ़ेंः पाली: 5 दिन में 9 डिग्री तक लुढ़का पारा, कई इलाकों में जमी बर्फ

आवास योजना बनी राजनीति का शिकार
2013 में आवास योजना का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उद्घाटन किया था. जिसके बाद से यह योजना अटक रही है. नगर परिषद की ओर से रमासीया के पास 263.19 बीघा जमीन पर राजीव विहार आवास योजना की प्लानिंग की गई थी. जिसका उद्घाटन अक्टूबर 2013 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया था. इसमें 800 भूखंड आवंटित किए गए थे. बता दें, कि 5 साल तक पूर्व भाजपा बोर्ड ने यहां कोई कार्य नहीं करवाया. यह योजना पूरी तरह से राजनीति का शिकार हो गई. इस वर्ष नए बोर्ड ने इस योजना को फिर से शुरू करने की घोषणा की है.

शौर्य पथ का निर्माण कार्य अटका
शहर के शिवाजी सर्कल से लोडिया नहर तक शौर्य पथ का निर्माण कराया जाना था. 2019 में इसकी काफी उम्मीद की जा रही थी. नगर परिषद की ओर से इसको लेकर मंजूरी भी मिली, लेकिन रुड़ीप के कार्यों ने इसे अटका दिया. सड़क के बीच डिवाइडर लगाने के साथ उस पर लाइटिंग भी लगाकर इस रोड को सुंदर बनाना था. जिससे यहां पर पिछले 20 सालों में हुए हादसों में कई लोगों की जान चली गई. इन हादसों को रोकने के लिए इस प्रोजेक्ट को लाया गया था, लेकिन इस साल भी इस प्रोजेक्ट पर काम नहीं हो पाया.

Intro:पाली. पाली शहर शांति भरा शहर है। भामाशाहों की इस नगरी में लोग अधिकतम अपने कार्यों में व्यस्त रहते हैं। लेकिन चुनाव और उस समय जनप्रतिनिधियों द्वारा किए गए वादों के बाद में पाली की जनता उनसे खासी उम्मीद बांध देती है। उनकी उम्मीद पाली शहर की आधारभूत सुविधाएं, जिनमें उन्हें भी लाभ मिल पाए वहां से उम्मीद बांधी रहती है। पिछले 5 सालों में भी पाली को इन जनप्रतिनिधियों द्वारा कई उम्मीदें बांधी गई। वर्ष 2019 जाते-जाते पाली की जनता को कई ऐसी उम्मीदें थी। जिन्हें जनप्रतिनिधि व अधिकारियों की अनदेखी के चलते पूरा नहीं किया जा सका। ऐसे में वर्ष 2019 में भी पाली के तीन ऐसे बड़े कार्य थे। जिनकी पाली को सबसे ज्यादा आवश्यकता थी। लेकिन वह पूरे नहीं हो पाए।


Body:जवाई पुनर्भरण

- पाली की हलक तर करने के लिए जवाई पुनर्भरण योजना को लेकर लंबे समय से प्रयास चल रहे हैं। 6 हजार करोड रुपए की डीपीआर बनाने के बाद राशि मंजूर नहीं हुई चंद्र में आज भी मामला अटका हुआ है।

- इस योजना के तहत साबरमती बेसिन से पानी को डायवर्ट कर जवाई बांध तक लाने की योजना बनाई गई थी। इसमें 8.5 करोड़ खर्च कर डीपीआर भी तैयार की गई डीपीआर की स्वीकृति के लिए राज्य व केंद्र सरकार को भेजी गई।

- वर्ष 2019 में जवाई पुनर्भरण को लेकर कोई काम नहीं हो पाया। राज्य व केंद्र सरकार के बीच डीपीआर अटकी रही केंद्रीय जल बोर्ड ने भी इस प्रोजेक्ट को लेकर राशि मंजूर नहीं की है।


राजीव विहार

- वर्ष 2013 में इस आवास योजना का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उद्घाटन किया था। इस उद्घाटन के बाद से ही यह योजना अभी तक खंडहर में ही पड़ी है। नगर परिषद की ओर से रमासीया के समीप 263. 19 बीघा जमीन पर राजीव विहार आवास योजना की प्लानिंग की गई थी। उसका उद्घाटन अक्टूबर 2013 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया था। इसमें 800 भूखंड आवंटित किए गए थे ।

- 5 साल तक पूर्व भाजपा बोर्ड ने यहां कोई कार्य नहीं करवाया। यह योजना पूरी तरह से राजनीति का शिकार हो गई। इस वर्ष नए बोर्ड ने इस योजना को फिर से शुरू करने की घोषणा की है।

शौर्य पथ

- शहर के शिवाजी सर्कल से लोडिया नहर तक शौर्य पथ का निर्माण करवाया जाना था। 2019 में इसकी काफी उम्मीद की जा रही थी। नगर परिषद की ओर से इसको लेकर मंजूरी भी मिली। लेकिन रुड़ीप के कार्यों ने इसे अटका दिया। सड़क के बीच डिवाइडर लगाने के साथ उस पर लाइटिंग भी लगाकर इस रोड को सुंदर बनाना था। जिससे यहां पर पिछले 20 सालों में हुए हादसों में लोगों की गई जान जैसे हादसों को रोका जा सके।

- 2 साल से इस प्रोजेक्ट पर काम नहीं हो पाया। अब अतिक्रमण हटाने के बाद भी यहां रोड का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। हादसों की सड़क बनती जा रही कॉलेज रोड पर बनने वाले शौर्य पथ से अतिक्रमण हटाए गए। लेकिन अधिकारियों की मॉनिटरिंग के अभाव में यहां अभी तक रोड का कार्य शुरू नहीं हो पाया।




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