पाली. प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षा विभाग में किए गए शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर सरकार का विरोध शुरू हो गया है. राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के पदाधिकारियों ने प्रेस वार्ता कर शिक्षा मंत्री पर राजनीतिक दुर्भावना के आधार पर स्थानांतरण के नाम पर शिक्षकों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.
संगठन के अतिरिक्त महामंत्री महेंद्र लखारा ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि शिक्षा विभाग में स्थानांतरण के लिए इच्छुक शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे. शिक्षा मंत्री ने कई अवसरों पर आश्वस्त भी किया था कि पारदर्शी तरीके से मांगे गए आवेदनों के आधार पर स्थानांतरण किए जाएंगे.
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संगठन ने अपने ज्ञापन और शिक्षा मंत्री से हुई वार्ता में स्थानांतरण के लिए मापदंड निर्धारित किए जाने, विद्यालय विकास में उत्कृष्ट कार्य करने वाले, गंभीर रूप से बीमारी से ग्रस्त, विधवा परित्यक्ता तथा पुरस्कृत शिक्षकों का स्थानांतरण में वरीयता देने का आग्रह किया था. मंत्री महोदय द्वारा संगठन में सुझाव को दरकिनार कर हजारों की संख्या में राजनीतिक सिफारिश के आधार पर प्राचार्य व्याख्याताओं के मनमाने स्थानांतरण कर दिए गए.
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संगठन संभाग उपाध्यक्ष अमरजीत सिंह ने बताया कि संगठन ने उपरोक्त अनियमित स्थानांतरणओं की जानकारी शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री को देकर इसकी जांच करवाने ओर इन्हें निरस्त करने का आग्रह किया है. साथ ही 10 अक्टूबर को संगठन के समस्त उपखंड मुख्यालय में संगठन की उपशाखा इकाइयों के द्वारा एनपीएस के स्थान पर एपीएस लागू करने, सामंत कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक कर लागू करने तथा अनियमित स्थानांतरणओं की जांच कराकर निरस्त करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर उपखंड अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा. साथ ही इस पर उचित कार्रवाई नहीं होने पर विभाग के बीकानेर मुख्यालय के समक्ष 14 अक्टूबर को विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा.