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पाली में मानसून की दस्तक, 24 घण्टे में 50 एमएम बारिश दर्ज

पाली शहर सहित जिलेभर में मानसून ने दस्तक दे दी है. पिछले 24 घंटे में करीब 50 एमएम बारिश दर्ज की गई है. वहीं झमाझम बारिश से लोगों को गर्मी से राहत मिली है.

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पाली में मानसून की दस्तक
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Published : Jun 25, 2020, 11:18 AM IST

पाली. शहर सहित जिलेभर में मानसून ने अपनी दस्तक दे दी है. बुधवार को पाली में मानसून की दस्तक का नजारा साफ तौर पर नजर आया है. काले घनघोर बादलों ने पाली शहर सहित जिले भर में अपना डेरा डाल रखा है. उसके चलते शाम को ही पाली में पूरी तरह से अंधेरा सा महसूस किया गया है. वहीं देर शाम को झमाझम बारिश में पूरे पाली का मौसम बदल डाला है, जहां पिछले कई दिनों से गर्मी और उमस से लोग परेशान थे.

मानसून की पहली बारिश से भीगा पाली

वहीं लोगों को बारिश के बाद राहत महसूस हुई है. हालांकि पाली में बारिश तो बुधवार रात को शुरू हो गई, लेकिन गुरुवार को मानसून के प्रवेश का पहला असर जिले भर में नजर आया है. जल संसाधन विभाग के कंट्रोल रूम से प्राप्त जानकारी के अनुसार पाली जिले में 24 घंटों में 50 एमएम बारिश दर्ज की गई है. इस बारिश को देखते हुए इस बार प्रशासन मानसून से जिले भर में अच्छी उम्मीदें लगा कर बैठा है.

बता दें कि इस बार पाली में मानसून का प्रवेश मौसम विभाग द्वारा दिए गए नियत समय पर पहुंच चुका है. समय पर पहुंचे इस मानसून के चलते किसानों से लेकर जल संसाधन विभाग के अधिकारी काफी राहत महसूस कर रहे हैं. पहली बारिश के बाद में ही पाली के सभी क्षेत्रों में किसानों ने अपने खेतों में बुवाई को लेकर गतिविधियां शुरू कर दी है. अच्छी बारिश की उम्मीद को देखते हुए इस बार किसान काफी खुश भी नजर आ रहे हैं.

यह भी पढ़ें- भारत-नेपाल नक्शा विवाद : राजनीतिक विशेषज्ञ बोले- बातचीत ही विकल्प है

पिछले 3 माह से किसानों को लॉकडाउन के चलते जो रोजगार नहीं मिल पा रहा था. इस मानसून के बाद उस सभी नुकसान की भरपाई की उम्मीदें किसान लगा रहा है. वहीं जल संसाधन विभाग भी पाली जिले के अधीन आने वाले 52 बांधों पर पूरी मॉनिटरिंग शुरू कर चुका है. विभाग के अधिकारियों को उम्मीद है कि इस बार पाली के कई बांध समय से पहले छलक जाएंगे. अधिकारियों ने यह भी बताया कि पाली में जब प्री मानसून ने प्रवेश किया तो उस समय भी औसत से ज्यादा बारिश पाली में हुई थी.

विभाग के अधिकारी सभी बांधों पर निगरानी रखने के लिए अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं. वहीं पाली के सबसे बड़े जवाई बांध पर इस बार पूरे पाली की नजर रहने वाली है. गत वर्ष भी मानसून के प्रवेश के बाद जवाई बांध जल्द ही भर गया था और इस बार पाली के जवाई बांध में पेयजल के लिए काफी पानी उपलब्ध था. इसके चलते जवाई बांध के भी समय से पहले भरने की उम्मीदें लगाई जा रही है.

पाली. शहर सहित जिलेभर में मानसून ने अपनी दस्तक दे दी है. बुधवार को पाली में मानसून की दस्तक का नजारा साफ तौर पर नजर आया है. काले घनघोर बादलों ने पाली शहर सहित जिले भर में अपना डेरा डाल रखा है. उसके चलते शाम को ही पाली में पूरी तरह से अंधेरा सा महसूस किया गया है. वहीं देर शाम को झमाझम बारिश में पूरे पाली का मौसम बदल डाला है, जहां पिछले कई दिनों से गर्मी और उमस से लोग परेशान थे.

मानसून की पहली बारिश से भीगा पाली

वहीं लोगों को बारिश के बाद राहत महसूस हुई है. हालांकि पाली में बारिश तो बुधवार रात को शुरू हो गई, लेकिन गुरुवार को मानसून के प्रवेश का पहला असर जिले भर में नजर आया है. जल संसाधन विभाग के कंट्रोल रूम से प्राप्त जानकारी के अनुसार पाली जिले में 24 घंटों में 50 एमएम बारिश दर्ज की गई है. इस बारिश को देखते हुए इस बार प्रशासन मानसून से जिले भर में अच्छी उम्मीदें लगा कर बैठा है.

बता दें कि इस बार पाली में मानसून का प्रवेश मौसम विभाग द्वारा दिए गए नियत समय पर पहुंच चुका है. समय पर पहुंचे इस मानसून के चलते किसानों से लेकर जल संसाधन विभाग के अधिकारी काफी राहत महसूस कर रहे हैं. पहली बारिश के बाद में ही पाली के सभी क्षेत्रों में किसानों ने अपने खेतों में बुवाई को लेकर गतिविधियां शुरू कर दी है. अच्छी बारिश की उम्मीद को देखते हुए इस बार किसान काफी खुश भी नजर आ रहे हैं.

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पिछले 3 माह से किसानों को लॉकडाउन के चलते जो रोजगार नहीं मिल पा रहा था. इस मानसून के बाद उस सभी नुकसान की भरपाई की उम्मीदें किसान लगा रहा है. वहीं जल संसाधन विभाग भी पाली जिले के अधीन आने वाले 52 बांधों पर पूरी मॉनिटरिंग शुरू कर चुका है. विभाग के अधिकारियों को उम्मीद है कि इस बार पाली के कई बांध समय से पहले छलक जाएंगे. अधिकारियों ने यह भी बताया कि पाली में जब प्री मानसून ने प्रवेश किया तो उस समय भी औसत से ज्यादा बारिश पाली में हुई थी.

विभाग के अधिकारी सभी बांधों पर निगरानी रखने के लिए अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं. वहीं पाली के सबसे बड़े जवाई बांध पर इस बार पूरे पाली की नजर रहने वाली है. गत वर्ष भी मानसून के प्रवेश के बाद जवाई बांध जल्द ही भर गया था और इस बार पाली के जवाई बांध में पेयजल के लिए काफी पानी उपलब्ध था. इसके चलते जवाई बांध के भी समय से पहले भरने की उम्मीदें लगाई जा रही है.

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