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फर्जीवाड़ा! आंसू बहाने को मजबूर नैनाराम के नयन, मजदूर को मिला 43 लाख टैक्स चुकाने का नोटिस - Fake diamond company

यह किसी भी फर्जीवाड़े की हद है. पाली में रोहट के पास छोटे से गांव डूंगरपुर के एक दिहाड़ी मजदूर को जीएसटी फ्रॉड गैंग ने कागजों में पहले 24 करोड़ का हीरा कारोबारी बना दिया. फिर एक मनरेगा मेट के जरिए धोखे से मजदूर के दस्तावेज हासिल किए और उसके नाम से फर्जी कंपनी खोल जीएसटी चोरी व बोगस बिलिंग शुरू कर दी. अब मजदूर को हीरा कंपनी का मालिक बताकर 43 लाख रुपए टैक्स चुकाने को कहा गया है.

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43 लाख टैक्स चुकाने का नोटिस
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Published : Feb 20, 2021, 1:44 PM IST

Updated : Feb 20, 2021, 2:04 PM IST

पाली. रोहट एरिया के छोटे से गांव डूंगरपुर में रहने वाले एक मजदूर 'नैनाराम' ने जिस कमाई की, कभी सपने में भी उम्मीद नहीं की थी. उस कमाई से 6 गुना ज्यादा सेल्स टैक्स ने उसे रिकवरी के लिए नोटिस भेज दिया. सेल्स टैक्स के इस नोटिस में, उसे एक 24 करोड़ रुपए की हीरा कंपनी का मालिक बताया गया है और तो और उसे 43 लाख रुपए टैक्स चुकाने के लिए कहा गया है.

43 लाख टैक्स चुकाने का नोटिस

इस नोटिस को देखने के बाद मानो उस मजदूर के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई हो. टूटा-फूटा घर और दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पाल रहा है. पूरे दिन में मात्र 600 से 700 रुपए कमाने वाले नैनाराम को 43 लाख रुपए चुकाने का नोटिस देने के बाद उसका पूरा परिवार सख्ते में नजर आ रहा है.

यह भी पढ़ें: दरिंदगी! घर के बाहर खेलती हुई 5 साल की मासूम का अपहरण के बाद Rape, भाई ने की थी बचाने की कोशिश

मामला कुछ यूं था?

दरअसल, नैनाराम मेघवाल को जीएसटी फ्रॉड गैंग ने कागजों में 23.80 करोड़ का एक हीरा कारोबारी बना दिया है. नैनाराम ने मनरेगा के लिए अपने दस्तावेज जमा कराए थे. उसके दस्तावेज मेट की मदद से वहीं से चोरी किए गए और फिर उसके नाम पर फर्जी कंपनी खोलकर जीएसटी चोरी और बोगस बिलिंग शुरू कर दी गई. फिलहाल, यह पूरा मामला तब खुला, जब नैनाराम के पते पर सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से 43.51 लाख रुपए के बकाया टैक्स का नोटिस भेजा गया.

यह भी पढ़ें: जयपुर एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग की बड़ी कार्रवाई, शारजाह से तस्करी कर लाए 70 लाख का सोना जब्त

मनरेगा के नाम से लिए थे, फ्रॉड के लिए नैनाराम के दस्तावेज

अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक नैनाराम से करीब डेढ़-दो साल पहले एक शख्स मनरेगा में रजिस्ट्रेशन के नाम पर उससे आधार कार्ड, परिचय पत्र और फोटो ले गया था. इसके बाद काम देने के नाम पर उसे बुलाया गया और कुछ कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करवा लिए गए थे. उसके बाद, उसके नाम से बैंक में खाता भी खुलावाया गया था. इसी के माध्यम से कंपनी बनाई गई और फ्रॉड किया जा रहा था.

नैनाराम के नाम से तिरूपति ट्रेडिंग नाम की कंपनी खोली गई थी. इसमें 23 करोड़ 80 लाख, 59 हजार रुपए के रिटर्न भरे जाने थे और 43 लाख 51 हजार 908 रुपए का टैक्स भी बकाया था. नोटिस आने के बाद नैनाराम को एहसास हुआ कि उसके नाम पर ठगी की जा रही थी.

पाली. रोहट एरिया के छोटे से गांव डूंगरपुर में रहने वाले एक मजदूर 'नैनाराम' ने जिस कमाई की, कभी सपने में भी उम्मीद नहीं की थी. उस कमाई से 6 गुना ज्यादा सेल्स टैक्स ने उसे रिकवरी के लिए नोटिस भेज दिया. सेल्स टैक्स के इस नोटिस में, उसे एक 24 करोड़ रुपए की हीरा कंपनी का मालिक बताया गया है और तो और उसे 43 लाख रुपए टैक्स चुकाने के लिए कहा गया है.

43 लाख टैक्स चुकाने का नोटिस

इस नोटिस को देखने के बाद मानो उस मजदूर के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई हो. टूटा-फूटा घर और दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पाल रहा है. पूरे दिन में मात्र 600 से 700 रुपए कमाने वाले नैनाराम को 43 लाख रुपए चुकाने का नोटिस देने के बाद उसका पूरा परिवार सख्ते में नजर आ रहा है.

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मामला कुछ यूं था?

दरअसल, नैनाराम मेघवाल को जीएसटी फ्रॉड गैंग ने कागजों में 23.80 करोड़ का एक हीरा कारोबारी बना दिया है. नैनाराम ने मनरेगा के लिए अपने दस्तावेज जमा कराए थे. उसके दस्तावेज मेट की मदद से वहीं से चोरी किए गए और फिर उसके नाम पर फर्जी कंपनी खोलकर जीएसटी चोरी और बोगस बिलिंग शुरू कर दी गई. फिलहाल, यह पूरा मामला तब खुला, जब नैनाराम के पते पर सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से 43.51 लाख रुपए के बकाया टैक्स का नोटिस भेजा गया.

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मनरेगा के नाम से लिए थे, फ्रॉड के लिए नैनाराम के दस्तावेज

अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक नैनाराम से करीब डेढ़-दो साल पहले एक शख्स मनरेगा में रजिस्ट्रेशन के नाम पर उससे आधार कार्ड, परिचय पत्र और फोटो ले गया था. इसके बाद काम देने के नाम पर उसे बुलाया गया और कुछ कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करवा लिए गए थे. उसके बाद, उसके नाम से बैंक में खाता भी खुलावाया गया था. इसी के माध्यम से कंपनी बनाई गई और फ्रॉड किया जा रहा था.

नैनाराम के नाम से तिरूपति ट्रेडिंग नाम की कंपनी खोली गई थी. इसमें 23 करोड़ 80 लाख, 59 हजार रुपए के रिटर्न भरे जाने थे और 43 लाख 51 हजार 908 रुपए का टैक्स भी बकाया था. नोटिस आने के बाद नैनाराम को एहसास हुआ कि उसके नाम पर ठगी की जा रही थी.

Last Updated : Feb 20, 2021, 2:04 PM IST
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