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पाली: पूर्व जस्टिस प्रकाश टाटिया और प्रोफेसर अजीत प्रताप सिंह ने प्रदूषण की समस्या को लेकर किया निरीक्षण

पाली में लंबे समय से चल रही प्रदूषण की समस्या की जांच करने के लिए हाईकोर्ट से सेवानिवृत्त हुए न्यायाधीश प्रकाश टाटिया और बिट्स पिलानी के प्रोफेसर अजीत प्रताप सिंह मंगलवार को पाली पहुंचे. इस दौरान उन्होंने शहर के कई हिस्सों का निरीक्षण किया.

pali news,  प्रदूषण की समस्या, पाली में निरीक्षण
पाली में प्रदूषण की समस्या को लेकर किया गया निरीक्षण
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Published : Feb 10, 2021, 10:30 AM IST

पाली. जिले में लंबे समय से चल रही प्रदूषण की समस्या की जांच करने के लिए हाईकोर्ट से सेवानिवृत्त हुए न्यायाधीश प्रकाश टाटिया व बिट्स पिलानी के प्रोफेसर अजीत प्रताप सिंह ने मंगलवार को पाली शहर के कई हिस्सों का निरीक्षण किया. इसके साथ ही उन्होंने प्रदूषण अधिकारियों की बैठक भी ली.

पढ़ें: रफ्तार का कहर! कैंपर गाड़ी अनियंत्रित होकर खेजड़ी के पेड़ से टकराई, हादसे में 4 लोगों की मौत 2 गंभीर घायल

पाली में मंडिया रोड, बांडी नदी और नेहड़ा बांध के हालात को देखते हुए प्रोफेसर अजीत प्रताप सिंह ने अपना रवैया तल्ख किया. एनजीटी के आदेशों की उन्हें इस क्षेत्र में कहीं भी पालना नजर नहीं आई. उन्होंने सभी अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि पाली में प्रदूषण का समाधान होना चाहिए. सभी का अलग-अलग काम है. प्रदूषण नियंत्रण मंडल का काम प्रदूषण रोकना है और उस पर कार्रवाई करता है. लेकिन, नगर परिषद व रीकों का भी इसमें अहम रोल है. ये तीनों एक साथ काम करेंगे तो ही प्रदूषण की समस्या दूर हो सकेगी.

पाली में प्रदूषण की समस्या को लेकर किया गया निरीक्षण

उन्होंने कहा है कि अब तक अधिकारियों ने क्या किया, इससे मुझे कोई लेना देना नहीं. अब आप क्या करेंगे इस पर ध्यान दिया जाए. उन्होंने कड़े शब्दों में कहा है कि बांडी नदी के सहारे नेहड़ा बांध तक रंगीन पानी अभी भी बह रहा है, जो किसानों की जमीन को नुकसान पहुंचा रहा है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से प्रदूषण को लेकर गठित की गई कमेटी के सदस्यों के साथ ही पूर्व जस्टिस प्रकाश टाटिया और उनके साथियों ने नोहडा बांध, पाली बांडी नदी और गड़वाड़ा नदी का निरीक्षण भी किया.

पढ़ें: अलवर: भिवाड़ी में निजी बिल्डर के स्टेट मैनेजर पर जानलेवा हमला, पहले से ही मिल रही थी धमकी

यहां से उन्होंने बह रहे प्रदूषित पानी के सैंपल भी लिए और क्षेत्र में केमिकल पानी की आ रही बदबू के चलते अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सीईटीपी की ओर से किसी भी प्रकार के मापदंड के अनुसार कार्य नहीं किया जा रहा है. यही कारण है कि इस क्षेत्र में नदियों में प्रदूषित पानी बह रहा है.

पाली. जिले में लंबे समय से चल रही प्रदूषण की समस्या की जांच करने के लिए हाईकोर्ट से सेवानिवृत्त हुए न्यायाधीश प्रकाश टाटिया व बिट्स पिलानी के प्रोफेसर अजीत प्रताप सिंह ने मंगलवार को पाली शहर के कई हिस्सों का निरीक्षण किया. इसके साथ ही उन्होंने प्रदूषण अधिकारियों की बैठक भी ली.

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पाली में मंडिया रोड, बांडी नदी और नेहड़ा बांध के हालात को देखते हुए प्रोफेसर अजीत प्रताप सिंह ने अपना रवैया तल्ख किया. एनजीटी के आदेशों की उन्हें इस क्षेत्र में कहीं भी पालना नजर नहीं आई. उन्होंने सभी अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि पाली में प्रदूषण का समाधान होना चाहिए. सभी का अलग-अलग काम है. प्रदूषण नियंत्रण मंडल का काम प्रदूषण रोकना है और उस पर कार्रवाई करता है. लेकिन, नगर परिषद व रीकों का भी इसमें अहम रोल है. ये तीनों एक साथ काम करेंगे तो ही प्रदूषण की समस्या दूर हो सकेगी.

पाली में प्रदूषण की समस्या को लेकर किया गया निरीक्षण

उन्होंने कहा है कि अब तक अधिकारियों ने क्या किया, इससे मुझे कोई लेना देना नहीं. अब आप क्या करेंगे इस पर ध्यान दिया जाए. उन्होंने कड़े शब्दों में कहा है कि बांडी नदी के सहारे नेहड़ा बांध तक रंगीन पानी अभी भी बह रहा है, जो किसानों की जमीन को नुकसान पहुंचा रहा है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से प्रदूषण को लेकर गठित की गई कमेटी के सदस्यों के साथ ही पूर्व जस्टिस प्रकाश टाटिया और उनके साथियों ने नोहडा बांध, पाली बांडी नदी और गड़वाड़ा नदी का निरीक्षण भी किया.

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यहां से उन्होंने बह रहे प्रदूषित पानी के सैंपल भी लिए और क्षेत्र में केमिकल पानी की आ रही बदबू के चलते अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सीईटीपी की ओर से किसी भी प्रकार के मापदंड के अनुसार कार्य नहीं किया जा रहा है. यही कारण है कि इस क्षेत्र में नदियों में प्रदूषित पानी बह रहा है.

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