ETV Bharat / state

निकाय चुनाव 2019: पाली में कांग्रेस के बैनर तले 99 कार्यकर्ताओं ने भरे थे नामांकन, निर्वाचन विभाग ने किया खारिज

निकाय चुनाव में अत्यधिक दावेदार होने के चलते इस बार दोनों ही पार्टियों ने नामांकन के अंतिम दिन प्रत्याशियों के सिंबल को निर्वाचन अधिकारी को सौंपा था. जिसके बाद अब निर्वाचन विभाग की ओर से 140 नामांकन को खारिज कर दिया गया है. जिनमें 99 नामांकन कांग्रेस कार्यकर्ताओं के थे, जिन्होंने पार्टी के बैनर तले नामांकन दाखिल किया था.

निकाय चुनाव में निर्वाचन आयोग ने खारिज किए 140 नामांकन, Election Commission rejected 140 nominations in body election
author img

By

Published : Nov 7, 2019, 7:21 PM IST

पाली. निकाय चुनाव को लेकर पाली शहर के 65 वार्डों पर टिकट मांगने की सूची भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ताओं की बहुत बड़ी थी. जिसके चलते दोनों ही पार्टियां नामांकन के अंतिम दिन तक अपने प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं कर पाई और बाद में पार्टी को प्रत्याशियों के सिंबल अंतिम समय में सीधे निर्वाचन अधिकारी को सौंपने पड़े.

निकाय चुनाव में निर्वाचन आयोग ने खारिज किए 140 नामांकन

जिसके बाद अब निर्वाचन विभाग की ओर से नामांकन की जांच पूरी हो चुकी है. इस जांच में निर्वाचन विभाग ने 140 नामांकन खारिज कर दिए हैं. जिसमें 99 नामांकन कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस पार्टी के बैनर तले भरे थे. लेकिन उन्हें पार्टी की ओर से सिंबल नहीं मिलने पर निर्वाचन विभाग को उनके नामांकन को खारिज करना पड़ा.

पढ़ें- नर्मदा की वितरिकाओं से पानी मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन, कहा- मिले पूरा पानी

वहीं, अगर बात करें बीजेपी की तो बीजेपी के बैनर तले भी भाजपा के 20 कार्यकर्ताओं ने अपने नामांकन भरे थे. जिन्हें सिंबल नहीं मिलने पर निर्वाचन विभाग की ओर से उनका नामांकन खारिज कर दिया गया. इसके अलावा निर्दलीय, शिवसेना और बसपा के भी कई कारणों से नामांकन खारिज हुए हैं. निकाय चुनाव में टिकट के लिए दावेदारों की संख्या ज्यादा होने पर कार्यकर्ताओं के बीच होने वाले मनमुटाव और विवाद के चलते कई बार कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों को पाली आकर समझाइश करनी पड़ी थी.

वहीं, कार्यकर्ताओं ने पार्टी की लिस्ट जारी नहीं होने के चलते पार्टी के बैनर तले और निर्दलीय रुप से नामांकन दाखिल करवा दिए थे. हालांकि, नामांकन के अंतिम दिन कांग्रेस के पदाधिकारियों ने अपने 65 प्रत्याशियों की सूची के सिंबल सीधे ही निर्वाचन अधिकारी को सौंप दिए. जिसके बाद विभाग ने उन सभी प्रत्याशियों के नामांकन खारिज कर दिए जिन्होंने कांग्रेस के नाम से अपने नामांकन भरे थे.

पाली. निकाय चुनाव को लेकर पाली शहर के 65 वार्डों पर टिकट मांगने की सूची भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ताओं की बहुत बड़ी थी. जिसके चलते दोनों ही पार्टियां नामांकन के अंतिम दिन तक अपने प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं कर पाई और बाद में पार्टी को प्रत्याशियों के सिंबल अंतिम समय में सीधे निर्वाचन अधिकारी को सौंपने पड़े.

निकाय चुनाव में निर्वाचन आयोग ने खारिज किए 140 नामांकन

जिसके बाद अब निर्वाचन विभाग की ओर से नामांकन की जांच पूरी हो चुकी है. इस जांच में निर्वाचन विभाग ने 140 नामांकन खारिज कर दिए हैं. जिसमें 99 नामांकन कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस पार्टी के बैनर तले भरे थे. लेकिन उन्हें पार्टी की ओर से सिंबल नहीं मिलने पर निर्वाचन विभाग को उनके नामांकन को खारिज करना पड़ा.

पढ़ें- नर्मदा की वितरिकाओं से पानी मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन, कहा- मिले पूरा पानी

वहीं, अगर बात करें बीजेपी की तो बीजेपी के बैनर तले भी भाजपा के 20 कार्यकर्ताओं ने अपने नामांकन भरे थे. जिन्हें सिंबल नहीं मिलने पर निर्वाचन विभाग की ओर से उनका नामांकन खारिज कर दिया गया. इसके अलावा निर्दलीय, शिवसेना और बसपा के भी कई कारणों से नामांकन खारिज हुए हैं. निकाय चुनाव में टिकट के लिए दावेदारों की संख्या ज्यादा होने पर कार्यकर्ताओं के बीच होने वाले मनमुटाव और विवाद के चलते कई बार कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों को पाली आकर समझाइश करनी पड़ी थी.

वहीं, कार्यकर्ताओं ने पार्टी की लिस्ट जारी नहीं होने के चलते पार्टी के बैनर तले और निर्दलीय रुप से नामांकन दाखिल करवा दिए थे. हालांकि, नामांकन के अंतिम दिन कांग्रेस के पदाधिकारियों ने अपने 65 प्रत्याशियों की सूची के सिंबल सीधे ही निर्वाचन अधिकारी को सौंप दिए. जिसके बाद विभाग ने उन सभी प्रत्याशियों के नामांकन खारिज कर दिए जिन्होंने कांग्रेस के नाम से अपने नामांकन भरे थे.

Intro:निकाय चुनाव स्पेशल----


पाली. निकाय चुनाव को लेकर पाली शहर के 65 वार्डो पर टिकट मांगने की सूची भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ताओं की बहुत बड़ी थी। इसी के चलते दोनों ही पार्टियां नामांकन के अंतिम दिन तक अपनी प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं कर पाई और दोनों ही पार्टियों को अपने प्रत्याशियों के सिंबल अंतिम समय में सीधे निर्वाचन अधिकारी को सौंपने पड़े। हालांकि टिकट को लेकर भाजपा में कशमकश बहुत कम नजर आई। लेकिन कांग्रेस में यह कशमकश काफी ज्यादा थी। कई बार कांग्रेस में कार्यकर्ताओं के बीच गतिरोध की चर्चाएं भी आम हो गई थी। इन चर्चाओं को सभी पदाधिकारियों ने सिरे से नकार दिया था। लेकिन अब निर्वाचन विभाग की ओर से नामांकन की जांच पूरी हो चुकी है। इन जांच में निर्वाचन विभाग ने 140 नामांकन खारिज कर दिए हैं। इन खारिज करने वाली सूची में 99 नामांकन कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस पार्टी के बैनर तले भरे थे। लेकिन उन्हें पार्टी की ओर से सिंबल नहीं मिलने पर निर्वाचन विभाग की ओर से उनके नामांकन को खारिज करना पड़ा। वहीं अगर बात करें भाजपा की तो भाजपा के बैनर तले भी भाजपा के 20 कार्यकर्ताओं ने अपने नामांकन भरे थे। और उन्हें भी सिंबल नहीं मिलने पर निर्वाचन विभाग की ओर से उन्हें खारिज कर दिया गया। इसके अलावा अन्य नामांकन निर्दलीय, शिवसेना ओर बसपा के भी कई कारणों से नामांकन खारिज हुए हैं।


Body:खारिज होने की सूची देखी जाए तो कांग्रेस में इस बार 65 वार्डों पर टिकट मांगने की सूची काफी ज्यादा थी। टिकट मांगने से शुरू हुआ सिलसिला नामांकन के अंतिम दिन तक चलता रहा। कई बार कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों को भी कार्यकर्ताओं के बीच हो रहे मनमुटाव और विवाद के चलते बार-बार पाली आकर समझाइश करनी पड़ी थी। लगातार कार्यकर्ताओं के बीच आपसी मनमुटाव और पार्टी के लिए बढ़ रहे खतरे को देखते हुए पदाधिकारियों ने लिस्ट को पूरी तरह से गोपनीय ही रखा। अंतिम समय तक पार्टी की ओर से नाम जारी नहीं होने पर काग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अपनी पार्टी के बैनर तले व निर्दलीय रूप में अपने नामांकन जमा करवा दिए। हालांकि नामांकन के अंतिम दिन कांग्रेस के पदाधिकारियों ने अपने 65 प्रत्याशियों की सूची के सिंबल सीधे ही निर्वाचन अधिकारी को सौंप दिए। अधिकारियों को सिम्बल सौंपने के बाद में। उन सभी कार्यकर्ताओं के नामांकन खारिज कर दिए गए जिन्होंने कांग्रेस के नाम से अपने नामांकन भरे थे। इन खारिज हुए नामांकन पर नजर डाली जाए तो इस बार टिकट वितरण प्रणाली को लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में नाराजगी साफ तौर पर जाहिर हो रही है। कई कार्यकर्ता ऐसे हैं जिन्हें टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने कांग्रेस से बगावत कर दी है। वहीं अगर भाजपा की बात करें तो भाजपा में कुछ कार्यकर्ताओं ने अपने बगावत के सुर भरे हैं। लेकिन भाजपा में भितरघात का खतरा काफी बढ़ चुका है। कुल मिलाकर अगर दोनों ही पार्टियों की बात करें तो दोनों ही पार्टियों में इस बार टिकट वितरण को लेकर कार्यकर्ताओं में नाराजगी साफ तौर पर नजर आई।

समाचार में कांग्रेश पाली प्रभारी सुमित सुनीता भाटी की बाइट है


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.