पाली. जिले में पिछले दो सालों में अतिवृष्टि और सूखे के चलते किसानों को हुए नुकसान का मुआयना करने के लिए मंगलवार को अंतर मंत्रालय केंद्रीय दल पहुंचा. जहां, तीन सदस्यों की इस टीम के दल ने पहले पाली जिला मुख्यालय पर जिला कलेक्टर और अन्य अधिकारियों से मुलाकात की. उसके बाद उन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर किसानों से मुलाकात की.
इसके तहत उन्होंने पाली में पिछले 2 वर्षों में किसानों की बर्बाद हुई फसलों के क्षेत्रों में जाकर किसानों से बातचीत की और किसानों से उनकी पीड़ा जानी. साथ ही सरकार की ओर से उन्हें क्या सहायता मिली, उसका भी फीडबैक लिया. बता दें कि पिछले 2 वर्षों में पाली के रोहट और गुंदोज सहित कई क्षेत्रों में किसानों की मूंग, चने और तेल की फसलों में खराबी हुआ है. इस वर्ष बारिश कम होने के कारण कई लोगों के मूंग खराब हुए हैं. वहीं, गत वर्ष अतिवृष्टि के चलते किसानों के खेतों में सड़ गए थे. ऐसे में किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ था.
प्रशासन की ओर से केंद्र सरकार को इस संबंध में गिरदावरी बनाकर भी भेजी गई थी. जिसमें इस गिरदावरी के आधार पर किसानों को मुआवजा भी जारी कर दिया गया था, लेकिन किसानों तक उनकी सहायता राशि समय पर पहुंची या नहीं और किसानों को क्या-क्या समस्या है. इन सभी की जानकारी लेने के लिए यह दल मंगलवार को पाली पहुंचा था. इस दल ने सबसे पहले गुंदोज गांव की ग्राम पंचायत में किसानों को इकट्ठा कर उनके फसलों के बारे में जाना.
उसके बाद इस दल ने डिंगाई में जाकर किसानों से मुलाकात की. इस मौके पर किसानों ने बताया कि अगर उनकी फसलों को नहर के माध्यम से सिंचाई मिल जाए तो उनकी फसलों को काफी जीवनदान मिलेगा और क्षेत्र के किसान अन्य दूसरी फसलों की बुवाई भी कर पाएंगे. दिल्ली से 3 सदस्य टीम ने किसानों के फीडबैक और अधिकारियों के फीडबैक को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की है. जिसे वह केंद्र सरकार को सौपा जाएगा.