नागौर. जिला कलेक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी बुधवार दोपहर श्री रामदेव पशु मेले में पहुंचे और उन्होंने सीधे पशुपालकों के बीच जाकर उनका हालचाल जाना. कलेक्टर ने मेले में पशुपालकों से मेला स्थल पर मिल रही सभी आवश्यक सुविधाओं के बारे में भी पूछा तो सभी ने संतोषजनक प्रबंध होना बताया. उन्होंने मेला स्थल पर आए विभिन्न प्रजातियों के पशुओं को देखा और उनकी नस्ल के बारे में भी पशुपालकों से जानकारी ली. इससे पूर्व जिला कलेक्टर ने पशुपालन विभाग, उद्योग विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग व वन विभाग की ओर से लगाई गई जागरूकता प्रदर्शनी का अवलोकन किया.
जिला कलेक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने श्री रामदेव पशु मेले में आकर्षण का केन्द्र बने हुए मुर्रा नस्ल के भैंसे को देखा और सहलाया भी. उन्होंने इस भैंसे की अच्छी कद-काठी और बेहत्तर पालन-पोषण पर प्रसन्नता व्यक्त की. डाॅ. सोनी ने पशुपालक अलाय निवासी भूपेन्द्र से इस भैंसे का नाम पूछा तो उसने बताया 'कुबेर'. अपने भैंसे का बेहत्तर पालन-पोषण करने पर भूपेन्द्र को जिला कलेक्टर ने सराहना भरी थपकी भी दी और पशुपालन व्यवसाय से जुड़ने की सलाह दी. इसके लिए डाॅ. सोनी ने मेला स्थल पर मौजूद उद्योग प्रसार अधिकारी को निर्देश दिए कि वे पशुपालक भूपेन्द्र को डेयरी उद्योग के लिए सरकार की ऋण वितरण योजना और उसकी प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी दी.
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जितेन्द्र कुमार सोनी ने श्री रामदेव पशु मेला स्थल पर निराधनु गांव से अपने हृष्ट-पुष्ट सजे-धजे बैलों की जोड़ी को निहारा और उनके मालिक पशुपालक रामनिवास व अन्य के साथ ट्रैक्टर की ट्रॉली पर बैठ चाय पी और नागौरी बैलों के नस्ल संरक्षण और संवर्द्धन पर चर्चा की. वार्ता के दौरान वरिष्ठ पशुपालक रामनिवास निराधनु ने जिला कलेक्टर को बताया कि वे और उनके गांव के अन्य साथी कई दशकों से श्री रामदेव पशु मेले में नागौरी नस्ल के बैल विक्रय के लिए लाते हैं. उन्होंने जिला कलेक्टर का मेला स्थल पर आकर उनके बीच वार्ता करने और आत्मीयता दिखाने पर भावुकता के साथ आभार जताया.
जिला कलेक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने मुज्जफरनगर (उ.प्र.) और मेरठ से आए किसानों व पशुपालकों से मेला स्थल पर वार्ता की और उनसे वहां पर पशुपालन और खेती के तौर-तरीकों पर चर्चा की. पशुपालकों ने डाॅ. सोनी को बताया कि वे वहां कृषि कार्यों विशेषकर गन्ने की खेती में नागौरी नस्ल के बैलों का उपयोग लेते हैं. इन पशुपालकों ने मेले में खरीदे गए पशुओं के परिवहन में आने वाली परेशानियों को रखा तो जिला कलेक्टर ने उन्हें आश्वस्त किया कि उन्हें नियमानुसार रवन्ना पर्ची के साथ मेला प्रभारी अधिकारी के संपर्क सूत्र (मोबाइल नं.) भी दिए जाएंगे, ताकि रास्ते में कहीं भी परेशानी आए तो वे तत्काल संपर्क कर सकें.
कलेक्टर ने मेला स्थल पर पशुपालकों के रजिस्ट्रेशन, क्रय-विक्रय तथा रवन्ना पर्ची दिए जाने संबंधी प्रक्रिया के बारे में संपूर्ण जानकारी ली. इस मौके पर पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डाॅ. सीआर मेहरड़ा, संयुक्त निदेशक डाॅ. जगदीश बरवड़, सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी हेमन्त छीपा, जिला आईईसी समन्वयक (एनएचएम) हेमन्त उज्जवल, उद्योग प्रसार अधिकारी राधिका चौधरी व वरिष्ठ पशु चिकित्सक डाॅ. गुलजार आदि अधिकारी व मेला मैनेजमेंट से जुड़े कार्मिक मौजूद थे.