नागौर. जिले में पिछले दो तीन दिनों में हुई बारिश किसानों के लिए आफत बन गई है. जिले के कई इलाकों में बारिश से खेतों में खड़ी और खलिहानों में काटकर रखी फसलों को नुकसान हुआ है. जिसको लेकर किसान अब सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
दरअसल, जिले में बीते दो-तीन दिनों में मौसम ने पलटी मारी है. शनिवार शाम और रविवार को जिले के लाडनूं, डीडवाना, रियांबड़ी और खींवसर उपखंड के ग्रामीण इलाकों में बारिश हुई थी. इस बेमौसम बारिश से खेतों में पककर खड़ी बाजरे और ग्वार की फसल को भारी नुकसान हुआ है. जबकि, खलिहानों में काटकर रखी मूंग की फसल बरबाद हो गई है.
किसानों का कहना है कि रियांबड़ी उपखंड के आलनियावास सहित अन्य गांवों में हुई बेमौसम बारिश से खेतों में पककर खड़ी ग्वार, बाजरे और तिल की फसल गिर गई है. जबकि, खलिहानों में किसानों ने मूंग की फसल को काटकर रखा था. लेकिन बारिश के कारण मूंग के दाने भी फलियों में से गिर गए हैं. कम बारिश के कारण पहले ही कम उत्पादन का डर सता रहा था. बाकी कसर अब बेमौसम हुई बारिश ने पूरी कर दी है. इसी तरह लाडनूं उपखंड के लेड़ी सहित अन्य गांवों में भी बेमौसम बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है.
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मुआवजे की मांग हुई तेज..
बेमौसम बारिश से खराब हुईं फसलों के मुआवजे की मांग भी अब जोर पकड़ने लगी है. जगह-जगह किसान अधिकारियों से मिलकर अपनी परेशानी बता रहे हैं और सर्वे करवाकर फसल खराबी का मुआवजा दिलाने की मांग रख रहे हैं. खींवसर उपखंड के पिपलिया गांव के किसानों सोमवार को उपखंड अधिकारी राजकेश मीना से मिले और उन्हें बताया कि माधनियों की ढाणी, सोवों की ढाणी और पिपलिया गांव में मूंग और कपास की फसलों को बारिश से नुकसान हुआ है. ऐसे में जल्द से जल्द सर्वे की प्रक्रिया पूरी कर फसल खराबी का मुआवजा दिलवाया जाए.