नागौर. जिले के रियांबड़ी उपखंड में लूणी नदी के बहाव क्षेत्र में अवैध रूप से बजरी खनन और परिवहन पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन ने अब बड़ा कदम उठाया है. इस इलाके में लगे धर्मकांटों के संचालकों को नोटिस जारी कर तीन दिन में कन्वर्शन (संपरिवर्तन) की पत्रावली पेश करने को कहा गया है. ऐसा नहीं करने पर बजरी तोलने के लिए लगे धर्मकांटों को बंद करने की कार्रवाई की जाएगी. बिना कन्वर्शन वाले धर्मकांटे बंद होने से अवैध रूप से बजरी का परिवहन करने वाले वाहनों को रवन्ना पर्ची नहीं मिल पाएगी और ऐसे वाहनों पर कार्रवाई करना पुलिस, प्रशासन और माइनिंग विभाग के लिए आसान होगा.
रियांबड़ी उपखंड अधिकारी सुरेश केएम ने बताया कि रियांबड़ी उपखंड क्षेत्र में बजरी की तुलाई के लिए धर्मकांटे लगे हैं. उपखंड में कुल 34 धर्मकांटे हैं. जिनमें अधिकांश बिना कन्वर्शन (संपरिवर्तन) के चल रहे हैं. ऐसे में सभी धर्मकांटों को नोटिस देकर संपरिवर्तन से संबंधी पत्रावली पेश करने को कहा गया है. ऐसा नहीं करने पर धर्मकांटे को बंद कर दिया जाएगा. उनका कहना है कि धर्मकांटों पर ही वाहनों को रवन्ना पर्ची देकर अवैध रूप से निकाली गई बजरी को वैध करने का गोरखधंधा चल रहा था.
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यह जांच में सामने आया है. ऐसे धर्मकांटों के कारण बजरी के वैध और अवैध खनन और परिवहन को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति रहती है. इसका तोड़ निकालने के लिए अब उन्होंने यह कदम उठाया है. इसके तहत उपखंड क्षेत्र में लीज धारकों को छोड़कर बाकी सभी धर्मकांटा मालिकों को नोटिस दिया गया है. धर्मकांटा संचालकों को तीन दिन में पत्रावली पेश करनी होगी. अन्यथा धर्मकांटा बंद कर दिया जाएगा. जब धर्मकांटे से रवन्ना पर्ची ही नहीं मिलेगी. तो अवैध रूप से बजरी का परिवहन रोकने में काफी हद तक मदद मिलेगी.
एसडीएम का यह भी कहना है कि रियांबड़ी इलाके के सभी बजरी लीज धारकों के साथ बैठक कर सुबह 6 से रात 8 बजे तक ही बजरी खनन करने पर सहमति बनाने का प्रयास किया जा रहा है. रात 8 बजे बाद बजरी खनन को अवैध माना जाएगा. ऐसे में रात 8 बजे बाद निकलने वाले बजरी से भरे वाहनों पर आसानी से कार्रवाई भी की जा सकेगी.