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जिले में हुई वन्यजीव गणना की रिपोर्ट जयपुर भेजी...सर्वाधिक नजर आए काले हिरण

जिले में बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर हुए वन्य जीवों की गणना की रिपोर्ट आ चुकी है. इसे सत्यापन के लिए जयपुर मुख्यालय भेजा गया है. वहां से अंतिम आंकड़े जारी होंगे. फिलहाल जिले में जो सूची तैयार की गई है. उसके अनुसार यहां वन्य जीवों में सबसे ज्यादा संख्या काले हिरणों की है.

Report of wildlife calculation in the district sent to Jaipur
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Published : May 31, 2019, 6:00 PM IST

नागौर. जिले में बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर हुए वन्य जीवों की गणना की रिपोर्ट आ चुकी है. इसे सत्यापन के लिए जयपुर मुख्यालय भेजा गया है. वहां से अंतिम आंकड़े जारी होंगे. फिलहाल जिले में जो सूची तैयार की गई है, उसके अनुसार यहां वन्य जीवों में सबसे ज्यादा संख्या काले हिरणों की है.

जिले में हुई वन्यजीव गणना की रिपोर्ट जयपुर भेजी..

यहां 1989 नर, 2202 मादा और 603 बच्चे मिलाकर कुल 4794 काले हिरण देखे गए हैं. जबकि 1194 नर, 1127 मादा और 26 बच्चों सहित कुल 2717 के आंकड़े के साथ चिंकारा दूसरे स्थान पर हैं. साथ ही 115 सियार, एक जरख, 53 जंगली बिल्ली, 38 मरु बिल्ली, 179 लोमड़ी, 35 मरु लोमड़ी, 61 भेड़िया, 8 बिज्जू और 61 झाऊ चूहा भी शामिल हैं. इसी तरह 26 सेही, 14 लंगूर, 849 खरगोश और13 बंदर भी वन विभाग की आंकलन सूची में है. पक्षियों की सूची में 1513 तीतर, 3 उल्लू, 7666 मोर, 198 बटेर और 9 कोयल शामिल हैं.

वहीं, 2 बाज, 24 जंगली मुर्गे और 1123 ग्रेटर लेसर फ्लेमिंगो भी वन्य जीवों के आकलन के समय दिखाई दिए. डीएफओ मोहित गुप्ता ने बताया कि जयपुर से सत्यापित होने के बाद इस गणना के अंतिम आंकड़े जारी किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हुई बारिश के कारण कुछ जगहों पर वन्य जीवों के आकलन का काम सही तरीके से नहीं हो पाया था. इसकी जानकारी जयपुर मुख्यालय भेज दी गई है. यदि वहां से निर्देश आते हैं तो उन स्थानों पर दुबारा वन्य जीवों का आकलन किया जाएगा.

नागौर. जिले में बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर हुए वन्य जीवों की गणना की रिपोर्ट आ चुकी है. इसे सत्यापन के लिए जयपुर मुख्यालय भेजा गया है. वहां से अंतिम आंकड़े जारी होंगे. फिलहाल जिले में जो सूची तैयार की गई है, उसके अनुसार यहां वन्य जीवों में सबसे ज्यादा संख्या काले हिरणों की है.

जिले में हुई वन्यजीव गणना की रिपोर्ट जयपुर भेजी..

यहां 1989 नर, 2202 मादा और 603 बच्चे मिलाकर कुल 4794 काले हिरण देखे गए हैं. जबकि 1194 नर, 1127 मादा और 26 बच्चों सहित कुल 2717 के आंकड़े के साथ चिंकारा दूसरे स्थान पर हैं. साथ ही 115 सियार, एक जरख, 53 जंगली बिल्ली, 38 मरु बिल्ली, 179 लोमड़ी, 35 मरु लोमड़ी, 61 भेड़िया, 8 बिज्जू और 61 झाऊ चूहा भी शामिल हैं. इसी तरह 26 सेही, 14 लंगूर, 849 खरगोश और13 बंदर भी वन विभाग की आंकलन सूची में है. पक्षियों की सूची में 1513 तीतर, 3 उल्लू, 7666 मोर, 198 बटेर और 9 कोयल शामिल हैं.

वहीं, 2 बाज, 24 जंगली मुर्गे और 1123 ग्रेटर लेसर फ्लेमिंगो भी वन्य जीवों के आकलन के समय दिखाई दिए. डीएफओ मोहित गुप्ता ने बताया कि जयपुर से सत्यापित होने के बाद इस गणना के अंतिम आंकड़े जारी किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हुई बारिश के कारण कुछ जगहों पर वन्य जीवों के आकलन का काम सही तरीके से नहीं हो पाया था. इसकी जानकारी जयपुर मुख्यालय भेज दी गई है. यदि वहां से निर्देश आते हैं तो उन स्थानों पर दुबारा वन्य जीवों का आकलन किया जाएगा.

Intro:नागौर. नागौर में बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर चांद की धवल रोशनी में हुए वन्य जीवों की संख्या के आकलन की रिपोर्ट आ चुकी है। इसे सत्यापन के लिए जयपुर मुख्यालय भेजा गया है। वहां से अंतिम आंकड़े जारी होंगे। फिलहाल नागौर में जो सूची तैयार की गई है। उसके अनुसार यहां वन्य जीवों में सबसे ज्यादा संख्या काले हिरणों की है। यहां 1989 नर, 2202 मादा और 603 बच्चे मिलाकर कुल 4794 काले हिरण देखे गए हैं। जबकि 1194 नर, 1127 मादा और 26 बच्चों सहित कुल 2717 के आंकड़े के साथ चिंकारा दूसरे स्थान पर हैं।


Body:वन विभाग की ओर से जो सूची बनाई गई है। उसमें नागौर में 115 सियार, एक जरख, 53 जंगली बिल्ली, 38 मरु बिल्ली, 179 लोमड़ी, 35 मरु लोमड़ी, 61 भेड़िया, 8 बिज्जू और 61 झाऊ चूहा शामिल है।
इसी तरह सेही 26, लंगूर 14, खरगोश 849 और 13 बंदर भी वन विभाग की आकलन सूची में हैं। पक्षियों की सूची में 1513 तीतर, 3 उल्लू, 7666 मोर, 198 बटेर और 9 कोयल शामिल हैं।वहीं, 2 बाज, 24 जंगली मुर्गे और 1123 ग्रेटर लेसर फ्लेमिंगो भी वन्य जीवों के आकलन के समय दिखाई दिए। जबकि 12 सांडा, 433 नेवले और 89 पाटा गोह भी वन्यकर्मियों को दिखाई दिए हैं।
डीएफओ मोहित गुप्ता का कहना है कि जयपुर से सत्यापित होने के बाद इस आकलन के अंतिम आंकड़े जारी किए जाएंगे। उनका यह भी कहना है कि पिछले दिनों हुई बारिश के कारण कुछ जगहों पर वन्य जीवों के आकलन का काम सही तरीके से नहीं हो पाया था। इसकी जानकारी जयपुर मुख्यालय भेज दी गई है। यदि वहां से निर्देश आते हैं तो उन स्थानों पर दुबारा वन्य जीवों का आकलन किया जाएगा।
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बाइट- मोहित गुप्ता, डीएफओ।


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