नागौर. नावां उपखंड में मारोठ थाना इलाके के सावंतगढ़ गांव में रास्ते के विवाद में बुजुर्ग की हत्या के बाद नावां उपखंड मुख्यालय के बाहर चल रहा धरना आखिरकार शुक्रवार को खत्म हो गया. आरोपियों की गिरफ्तारी और विवादित रास्ता खुलवाने सहित चार मांगों पर सहमति बनने के बाद मृतक के परिजनों और समाज के लोगों ने धरना खत्म करने की घोषणा की. इसके साथ ही शव लेने के लिए राजी हो गए. इसके बाद मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया.
जानकारी के अनुसार सावंतगढ़ गांव में बुधवार को रास्ते के विवाद के चलते हुई मारपीट में हनुमान मेघवाल नाम का एक बुजुर्ग घायल हो गया था. उपचार के लिए जयपुर ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई थी. परिजनों की रिपोर्ट पर मारोठ थाने में एक दर्जन से ज्यादा लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करवाया था. मारोठ थाना पुलिस ने शव को नावां के राजकीय अस्पताल में रखवाया दिया था.
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इधर, हनुमान मेघवाल के परिजन और समाज के लोग गुरुवार को नावां एसडीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए. उनकी मांग थी कि सभी आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी, विवादित रास्ता खुलवाने, पीड़ित परिवार को एससी-एसटी एक्ट के तहत मुआवजा दिलवाने और सरकार से सहायता मिलने के बाद ही वह धरने को खत्म करेंगे और शव लेंगे. इस मामले में गुरुवार को परिजनों और समाज के लोगों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बातचीत हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. विवाद की स्थिति को देखते हुए नावां में भारी संख्या में पुलिस का जाप्ता भी तैनात किया गया.
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शुक्रवार दिनभर में कई दौर की बातचीत के बाद आखिरकार शाम को जाकर परिजनों, समाज के लोगों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच सहमति बनी. इसके बाद नावां तहसीलदार गुरुप्रसाद तंवर ने सावंतगढ़ गांव पहुंचकर विवादित रास्ता खुलवाया और पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. जांच के बाद बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी, एससी-एसटी एक्ट के तहत मुआवजा और सरकार से सहायता की मांगों पर भी सहमति बन गई.