नागौर. जिले में बारिश शुरू होने के साथ ही यहां खेतों के रास्तों को लेकर होने वाले विवाद बढ़ने लगते हैं. इन विवादों के कारण हर साल बारिश के मौसम में मारपीट और खून खराबे के मामले भी बढ़ते हैं. इसके साथ ही बड़े पैमाने पर कोर्ट-कचहरी में भी लोगों को चक्कर लगाने पड़ते हैं. इन पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी ने पहल करते हुए रास्ता खोलो अभियान शुरू करने की घोषणा की है.
जारी प्रेस नोट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में रास्तों की जमीन पर अतिक्रमण को लेकर जनसुनवाई में कई परिवाद मिले हैं. इसके अलावा जिले में विभिन्न स्थानों पर भ्रमण के दौरान भी इस संबंध में शिकायतें सामने आई हैं. रास्तों पर अतिक्रमण के चलते ग्रामीण इलाकों में आपसी वैमनस्य, गुटबाजी और लड़ाई-झगड़े की घटनाओं में भी इजाफा हो रहा है. इसी को कम करने की दिशा में यह पहल की गई है.
उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत आम रास्तों, गोचर भूमि पर किए गए कब्जे हटाए जाएंगे. बंद किए गए खातेदारी रास्तों और राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज रास्तों को भी खुलवाने के इंतजाम किया जाएगा. इसके साथ ही काश्तकारों की कृषि जोत का विभाजन करने से पहले रास्तों के प्रावधान करने, आम रास्ते निकालने, राजकीय भूमि से सार्वजनिक रास्ता निकालने, किसानों को उनकी जोत तक पहुंचने के लिए राजकीय चारागाह की जमीन में से रास्ता देने, खातेदारी जमीन में से नए रास्ते निकालने और विद्यमान रास्तों को चौड़ा करने के मामलों का भी इस अभियान में निस्तारण किया जाएगा.
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कलेक्टर सोनी ने बताया कि रास्ता खोलो अभियान के तहत समग्र रूप से एडीएम नागौर मनोज कुमार को जिला नोडल अधिकारी बनाया गया है. जबकि डीडवाना एडीएम प्रभातीलाल जाट अपने क्षेत्र में प्रभावी पर्यवेक्षण के लिए नोडल अधिकारी होंगे और संबंधित उपखंड अधिकारी को प्रभारी अधिकारी बनाया गया है.
इस अभियान में कानून व्यवस्था का मामला सामने आने पर नोडल अधिकारी संबंधित एएसपी से समन्वय कर समस्या का निराकरण करेंगे. इस अभियान के तहत प्रभारी अधिकारी सप्ताह में एक बार तहसीलदार, थानाधिकारी और विकास अधिकारी के साथ बैठक करेंगे और सप्ताह में कम से कम तीन मामलों का निस्तारण करना होगा. इस अभियान के तहत पहली कार्रवाई 31 जुलाई को की जाएगी.