नागौर. आगामी विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए कांग्रेस हर संभव प्रयास कर रही है. पूर्व में दावेदारों से आवेदन लेने तथा दावेदारों से दो-तीन बार संवाद करने के बाद बुधवार को एक बार फिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के सीनियर ऑब्जर्वर मधुसूदन मिस्त्री व नागौर लोकसभा प्रभारी अमित सियाग ने सर्किट हाउस में पदाधिकारियों से वन टू वन चर्चा की. इस दौरान उन्होंने पूछा कि कौनसे दावेदार को टिकट देने से कांग्रेस की जीत होगी और कैसे होगी. साथ ही टिकट की दावेदारी करने वालों से भी मिस्त्री ने चर्चा की. इस दौरान कुछ दावेदारों ने अपने आवेदन भी जमा करवाए.
मीडियो से बातचीत में मिस्त्री ने बताया कि वे प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को दुबारा लाने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों से फीडबैक लेने आए हैं. पार्टी के पदाधिकारियों, विधायकों, पूर्व विधायक, स्थानीय निकायों के अध्यक्ष, प्रधान, पूर्व प्रधान आदि से एक-एक कर संवाद करके उनके सुझाव लिए हैं. कांग्रेस अपने प्रत्याशियों की पहली सूची कब तक जारी करेगी. इसके जवाब में उनका कहना था कि जल्द ही सूची जारी होगी, लेकिन टिकट किसे दिया जाना है, टिकट देने का क्या आधार रहेगा, यह चयन समिति तय करेगी.
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मिर्धा के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा: ज्योति मिर्धा भाजपा में शामिल हो गई हैं, इससे पार्टी पर क्या असर होगा. इस पर मिस्त्री ने कहा कि उन्हें जो पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से फीडबैक मिला है, उसके अनुसार मिर्धा के जाने से कांग्रेस पर ज्यादा असर नहीं होगा.
चार विधायक भी पहुंचे: अब से पहले जो भी पर्यवेक्षक या कांग्रेस के पदाधिकारी यहां संवाद करने तथा दावेदारों के आवेदन लेने आए, उनमें जिले के कांग्रेस विधायक कम ही आए, लेकिन बुधवार को कांग्रेस के छह में से चार विधायक बारी-बारी आए और मिस्त्री से मिले. इसमें सबसे पहले लाडनूं विधायक मुकेश भाकर, इसके बाद परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया, फिर डीडवाना विधायक तथा अंत में जायल विधायक मंजू मेघवाल मिलने पहुंची. नावां विधायक महेन्द्र चौधरी और डेगाना विधायक विजयपाल मिर्धा नहीं आए.
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सर्किट हाउस में भारी जाप्ता: पिछली बार कांग्रेसियों में हुई धक्का-मुक्की व मारपीट को देखते हुए इस बार पूरे दिन सर्किट हाउस पुलिस के घेरे में रहा. मधुसूदन मिस्त्री के आने से पहले ही पुलिस ने सर्किट हाउस के अंदर एवं बाहर बड़ी संख्या में जाप्ता तैनात कर दिया, जो मिस्त्री के रवाना होने तक तैनात रहा.