नागौर. खींवसर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का गठबंधन अब भारतीय जनता पार्टी के लिए गले की फांस बनता नजर आ रहा है. खींवसर विधानसभा सीट पर गठबंधन के बाद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नारायण बेनीवाल को उम्मीदवार बनाए जाने से नाराज भाजपा नेता दुर्गसिंह चौहान जहां पहले ही भाजपा की सदस्यता छोड़ चुके हैं.
वहीं भाजपा के ग्रामीण इलाके के पूर्व मंडल अध्यक्ष, खींवसर शंकरलाल चांडक ने कांग्रेस को वोट देने की बात कहीं तो संखवास मंडल अध्यक्ष कालू राम सहित कई पदाधिकारियों ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी को अलविदा करते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया. 50 से भी ज्यादा भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा, नागौर जिला अध्यक्ष जाकिर हुसैन, पूर्व उप जिला प्रमुख सहदेव चौधरी की उपस्थिति में कांग्रेस का दामन थाम लिया.
वहीं नाराज भाजपा के पदाधिकारियों ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद विधानसभा सीट से बीजेपी का प्रत्याशी नहीं उतारकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को गठबंधन के लिए सीट छोड़ दी. जिससे बीजेपी के कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंची. उन्होंने बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना के विपरीत कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया गया. इसलिए भाजपा को अलविदा कहते हुए हाथ को मजबूत करने का मन बना लिया है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि भाजपा ने मंडल कार्यकर्ताओं की भावना की कदर नहीं है. इसी वजह से बड़ी संख्या में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है.
वहीं इस मौके पर पूर्व उप जिला प्रमुख डॉ. सहदेव चौधरी ने बताया कि भाजपा के कार्यकर्ताओं की बात सुनने की जगह अपनी मनमानी कर रही हैं. यही वजह के पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपना भविष्य अब कांग्रेस में तलाश रहे. साथ ही उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में खींवसर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करते हुए कांग्रेस के हाथ मजबूत करने का मन बना लिया. लेकिन विधानसभा चुनाव में अभी समय बाकी है. अभी कई उलटफेर और देखने को मिल सकते हैं.