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नागौर में 'प्लास्टिक बेबी' का जन्म, सदमे में परिजन

नागौर के एक जवाहर नेहरू अस्पताल में एक कोलोडियन बेबी का जन्म हुआ है. वह गंभीर बीमारी से ग्रस्त है. बताया जा रहा है यह बीमारी छह लाख नवजातों में किसी एक में पाई जाती है.

नागौर में 'प्लास्टिक बेबी' का जन्म
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Published : May 18, 2019, 12:12 AM IST

नागौर. राजकीय जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में शुक्रवार को एक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित बच्चा पैदा हुआ. उसके हाथ और पैर की उंगलियां आपस में जुड़ी हुई हैं. पूरे शरीर की चमड़ी भी सख्त और चमकीली है. जैसे उसके शरीर पर पॉलीथिन की परत चढ़ी हुई हो. उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही है. जिसके चलते उसे खास निगरानी में रखा गया है. वहीं नवजात के परिजन सदमे में हैं.

नागौर में 'प्लास्टिक बेबी' का जन्म

राजकीय जवाहर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मूलाराम कड़ेला के अनुसार एक गंभीर किस्म की बीमारी है, जो जेनेटिक डिसऑर्डर के कारण होती है. ऐसे बच्चों को कोलोडियन बेबी भी कहा जाता है. यह बीमारी छह लाख बच्चों में से एक को होती है. सख्त होने के कारण धीरे-धीरे बच्चे की चमड़ी फटने लगती है. इसका नतीजा संक्रमण के रूप में सामने आता है. डॉक्टर कड़ेला का कहना है कि इस बीमारी से ग्रसित बच्चे के जीवित रहने की संभावना काफी कम होती है. फिलहाल नवजात को एसएनसीयू वार्ड में निगरानी में रखा गया है.

सहदेव का यह पांचवां बच्चा, तीन बच्चों की हो चुकी है मौत

गुढ़ा भगवानदास निवासी सहदेव की पत्नी दुर्गा ने राजकीय अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया है. उसके हाथ-पैर की उंगलियां आपस में जुड़ी हुई हैं और पूरे शरीर की त्वचा सख्त और चमकीली है. देखने में ऐसा लगता है कि उसके शरीर पर पॉलीथिन की परत चढ़ी हुई हो. अस्पताल के शिशु रोग जानकारी के अनुसार, गुढ़ा भगवानदास के सहदेव और दुर्गा की यह पांचवीं संतान है. पहले तीन बच्चों की मौत हो चुकी है. उनका चौथा बच्चा जीवित है. अब इस दुर्लभ बीमारी से ग्रसित बच्चा पैदा होने के कारण सहदेव, दुर्गा और उनके परिजन काफी सदमे में है. जब यह बच्चा पैदा हुआ तो प्रसव करवाने वाले डॉ. और नर्स भी उसे देखकर अचंभित रह गए.

नागौर. राजकीय जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में शुक्रवार को एक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित बच्चा पैदा हुआ. उसके हाथ और पैर की उंगलियां आपस में जुड़ी हुई हैं. पूरे शरीर की चमड़ी भी सख्त और चमकीली है. जैसे उसके शरीर पर पॉलीथिन की परत चढ़ी हुई हो. उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही है. जिसके चलते उसे खास निगरानी में रखा गया है. वहीं नवजात के परिजन सदमे में हैं.

नागौर में 'प्लास्टिक बेबी' का जन्म

राजकीय जवाहर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मूलाराम कड़ेला के अनुसार एक गंभीर किस्म की बीमारी है, जो जेनेटिक डिसऑर्डर के कारण होती है. ऐसे बच्चों को कोलोडियन बेबी भी कहा जाता है. यह बीमारी छह लाख बच्चों में से एक को होती है. सख्त होने के कारण धीरे-धीरे बच्चे की चमड़ी फटने लगती है. इसका नतीजा संक्रमण के रूप में सामने आता है. डॉक्टर कड़ेला का कहना है कि इस बीमारी से ग्रसित बच्चे के जीवित रहने की संभावना काफी कम होती है. फिलहाल नवजात को एसएनसीयू वार्ड में निगरानी में रखा गया है.

सहदेव का यह पांचवां बच्चा, तीन बच्चों की हो चुकी है मौत

गुढ़ा भगवानदास निवासी सहदेव की पत्नी दुर्गा ने राजकीय अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया है. उसके हाथ-पैर की उंगलियां आपस में जुड़ी हुई हैं और पूरे शरीर की त्वचा सख्त और चमकीली है. देखने में ऐसा लगता है कि उसके शरीर पर पॉलीथिन की परत चढ़ी हुई हो. अस्पताल के शिशु रोग जानकारी के अनुसार, गुढ़ा भगवानदास के सहदेव और दुर्गा की यह पांचवीं संतान है. पहले तीन बच्चों की मौत हो चुकी है. उनका चौथा बच्चा जीवित है. अब इस दुर्लभ बीमारी से ग्रसित बच्चा पैदा होने के कारण सहदेव, दुर्गा और उनके परिजन काफी सदमे में है. जब यह बच्चा पैदा हुआ तो प्रसव करवाने वाले डॉ. और नर्स भी उसे देखकर अचंभित रह गए.

Intro:नागौर. नागौर के राजकीय जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में शुक्रवार को एक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित बच्चा पैदा हुआ। उसके हाथ और पैर की उंगलियां आपस में जुड़ी हुई हैं। पूरे शरीर की चमड़ी भी सख्त और चमकीली है। जैसे उसके शरीर पर पॉलीथिन की परत चढ़ी हुई हो। फिलहाल, उसे सांस लेने में दिक्कत है। इसलिए उसे खास निगरानी में रखा गया है। इधर, बच्चे के परिजन भी सदमे में हैं। अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मूलाराम कड़ेला का कहना है कि ऐसे बच्चे को कोलोडियन बेबी कहा जाता है। यह बीमारी छह लाख में से एक बच्चे में होती है।


Body:जानकारी के अनुसार गुढ़ा भगवानदास निवासी सहदेव की पत्नी दुर्गा ने राजकीय अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया है। उसके हाथ-पैर की उंगलियां आपस में जुड़ी हुई हैं और पूरे शरीर की त्वचा सख्त और चमकीली है। देखने में ऐसा लगता है कि उसके शरीर पर पॉलीथिन की परत चढ़ी हुई हो।
अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मूलाराम कड़ेला ने बताया कि एक किस्म के गंभीर जेनेटिक डिसऑर्डर के कारण यह बीमारी होती है। ऐसे बच्चों को कोलेडियन बेबी भी कहा जाता है। यह बीमारी छह लाख बच्चों में से एक को होती है। सख्त होने के कारण धीरे-धीरे बच्चे की चमड़ी फटने लगती है। इसका नतीजा संक्रमण के रूप में सामने आता है। उनका कहना है कि इस बीमारी से ग्रसित बच्चे के जीवित रहने की संभावना काफी कम होती है। डॉ. कड़ेला ने बताया कि बच्चे को फिलहाल एसएनसीयू वार्ड में निगरानी में रखा गया है।

सहदेव का यह पांचवां बच्चा, पहले भी तीन बच्चों की हो चुकी है मौत
जानकारी के अनुसार, गुढ़ा भगवानदास के सहदेव और दुर्गा की यह पांचवीं संतान है। पहले तीन बच्चों की मौत हो चुकी है। उनका चौथा बच्चा जीवित है। अब इस दुर्लभ बीमारी से ग्रसित बच्चा पैदा होने के कारण सहदेव, दुर्गा और उनके परिजन काफी सदमे में है। जब यह बच्चा पैदा हुआ तो प्रसव करवाने वाले डॉ. और नर्स भी उसे देखकर अचंभित रह गए।
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बाइट- डॉ. मूलाराम कड़ेला, शिशु रोग विशेषज्ञ।


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