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हाड़ौती के किसानों को मिली राहत, कोटा बैराज डैम से दाईं मुख्य नहर में छोड़ा गया पानी - फसलों में पानी

राजस्थान सरकार ने कोटा संभाग के किसानों को मंगलवार को बड़ी राहत दी है. इसके तहत दाईं मुख्य नहर में कोटा बैराज डैम के किशोरपुरा हेड से जल प्रवाह शुरू किया गया है. दरअसल, बारिश नहीं होने से कोटा संभाग के किसानों की फसलें सूखने के कगार पर हैं. ऐसे में अब पानी मिलने से खरीफ की फसलों को जीवनदान मिल सकेगा.

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कोटा बैराज डैम के किशोरपुरा हेड से दाईं मुख्य नहर में जल प्रवाह शुरू
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Published : Jul 28, 2020, 7:52 PM IST

कोटा. मानसून की बेरुखी के चलते बारिश नहीं होने से कोटा संभाग के किसानों की फसलें सूखने के कगार पर हैं. ऐसे में राजस्थान सरकार ने कोटा संभाग के किसानों को मंगलवार को बड़ी राहत दी है. इसके तहत दाईं मुख्य नहर में कोटा बैराज डैम के किशोरपुरा हेड से जल प्रवाह शुरू किया गया है.

कोटा बैराज डैम के किशोरपुरा हेड से दाईं मुख्य नहर में जल प्रवाह शुरू

पढ़ें: SPECIAL: वर्किंग विमेन्स कोरोना काल में ऐसे संभाल रही हैं घर और नौकरी की जिम्मेदारी

किसानों की डिमांड को देखते हुए नहर में 500 क्यूसेक पानी की शुरुआत की गई है. इसके बाद खेतों में सूख रही खरीफ की फसलों को जीवनदान मिल सकेगा. नहर में पानी छोड़ने से सोयाबीन, उड़द, मक्का और धान की फसलों को फायदा मिलेगा.

पढ़ें: राजस्थान विश्वविद्यालय बना विरोध का अखाड़ा, NSUI और ABVP छात्र संगठन आमने-सामने

बता दें कि कि किसानों ने खेतों में खरीफ की फसल की 2-2 बार बुआई की है. इसके बाद बारिश नहीं होने से फसलें सूखने लगी. इसको लेकर संभागीय आयुक्त कार्यालय पर सामाजिक संस्थान और किसान धरना प्रदर्शन कर चुके हैं. वहीं, दाईं मुख्य नहर के अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार के मुताबिक राजस्थान के किसानों की डिमांड के अनुसार नहर में 1000 क्यूसेक पानी चलाया जा रहा है.

सोमवार को हुई थी मध्यप्रदेश और राजस्थान के अधिकारियों की बैठक

नहर चालू करने को लेकर सोमवार को मध्यप्रदेश और राजस्थान के अधिकारियों के बीच बैठक भी हुई थी. सोमवार को हुई बैठक में बताया गया था कि एक कमेटी खरीफ की फसल के लिए पानी छोड़ने के लिए बनाई गई है, जिसमें आकलन किया जाएगा कि कितने पानी की आवश्यकता है. उसकी रिपोर्ट आने के बाद कितना पानी नहर में छोड़ना है, इस पर चर्चा की जाएगी. करीब दो हजार से ढाई हजार क्यूसेक पानी नहरों में छोड़े जाने की संभावना जताई गई थी.

कोटा. मानसून की बेरुखी के चलते बारिश नहीं होने से कोटा संभाग के किसानों की फसलें सूखने के कगार पर हैं. ऐसे में राजस्थान सरकार ने कोटा संभाग के किसानों को मंगलवार को बड़ी राहत दी है. इसके तहत दाईं मुख्य नहर में कोटा बैराज डैम के किशोरपुरा हेड से जल प्रवाह शुरू किया गया है.

कोटा बैराज डैम के किशोरपुरा हेड से दाईं मुख्य नहर में जल प्रवाह शुरू

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किसानों की डिमांड को देखते हुए नहर में 500 क्यूसेक पानी की शुरुआत की गई है. इसके बाद खेतों में सूख रही खरीफ की फसलों को जीवनदान मिल सकेगा. नहर में पानी छोड़ने से सोयाबीन, उड़द, मक्का और धान की फसलों को फायदा मिलेगा.

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बता दें कि कि किसानों ने खेतों में खरीफ की फसल की 2-2 बार बुआई की है. इसके बाद बारिश नहीं होने से फसलें सूखने लगी. इसको लेकर संभागीय आयुक्त कार्यालय पर सामाजिक संस्थान और किसान धरना प्रदर्शन कर चुके हैं. वहीं, दाईं मुख्य नहर के अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार के मुताबिक राजस्थान के किसानों की डिमांड के अनुसार नहर में 1000 क्यूसेक पानी चलाया जा रहा है.

सोमवार को हुई थी मध्यप्रदेश और राजस्थान के अधिकारियों की बैठक

नहर चालू करने को लेकर सोमवार को मध्यप्रदेश और राजस्थान के अधिकारियों के बीच बैठक भी हुई थी. सोमवार को हुई बैठक में बताया गया था कि एक कमेटी खरीफ की फसल के लिए पानी छोड़ने के लिए बनाई गई है, जिसमें आकलन किया जाएगा कि कितने पानी की आवश्यकता है. उसकी रिपोर्ट आने के बाद कितना पानी नहर में छोड़ना है, इस पर चर्चा की जाएगी. करीब दो हजार से ढाई हजार क्यूसेक पानी नहरों में छोड़े जाने की संभावना जताई गई थी.

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