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कोटा: सवा सौ साल के इतिहास में जलने की जगह गिरा कोटा का रावण

जिले के दशहरा मैदान में 126 वें राष्ट्रीय दशहरे मेले के दौरान एक बड़ा हादसा होने से बच गया. जहां मेले के दौरान रावण जलते हुए नीचे गिर गया. जिसके बाद नगर निगम के अग्निशमन अनुभाग के कार्मिकों ने वहां की बिजली सप्लाई को बंद करवाया और फायर सेफ्टी उपकरण की मदद से आग को बुझाया.

रावण का पुतला गिरा, Ravan's effigy fell
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Published : Oct 8, 2019, 10:59 PM IST

कोटा. जिले के दशहरा मैदान में 126 वें राष्ट्रीय दशहरे मेले के दौरान एक बड़ा हादसा होने से बच गया. जहां रावण का पुतला जलते हुए गिर गया. दशहरे मेले के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब रावण जलने की जगह गिर गया. वहीं रावण का पुतला आगे की तरफ गिरता तो बड़ा हादसा हो सकता था. गनीमत रही कि रावण पीछे विजयश्री रंगमंच पर गिरा, जहां पर आमजन का समूह मौजूद नहीं था ऐसे में जनहानि नहीं हुई.

दशहरे मेले के दौरान रावण का पुतला जलते हुए गिर गया

नगर निगम की तरफ से बनाए गए 101 फीट के रावण का दहन किया गया जो कुछ देर तक जलता रहा. लेकिन अट्टाहास करता रावण कुछ ही देर बाद सीने के पास से टूट कर पीछे की तरफ विजयश्री रंगमंच पर जा गिरा. इस घटना से नगर निगम के अधिकारी और मेले में देखने आए लोग हक्का-बक्का रह गए.

पढ़ें: कोटा का राष्ट्रीय दशहरा मेला: 150 कैमरों से हर गतिविधि पर रहेगी नजर, 1700 पुलिस जवानों का रहेगा पहरा

रावण के विजयश्री रंगमंच पर गिरने के कारण वहां पर आगजनी हो गई. ऐसे में आनन-फानन में नगर निगम के अग्निशमन अनुभाग के कार्मिकों ने वहां की बिजली सप्लाई को बंद करवाया और फायर सेफ्टी उपकरण की मदद से आग को बुझाया. वहीं रावण के पुतले को तोड़-तोड़ कर अलग किया गया, जिससे विजयश्री रंगमंच के पिछले हिस्से में आग लगने से बचाया जा सके.

वहीं पूरी घटना को लेकर महापौर महेश विजय और मेला समिति अध्यक्ष राममोहन मित्रा ने घटना की जांच करवाने की बात कही है. साथ ही उन्होंने मेले में अधिकारियों पर मनमानी करने का भी आरोप लगाया है. हालांकि, नगर निगम के अधिकारी इसे तकनीकी गलती मान रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि रावण के पुतले में नमी होने की वजह से वह गिरा है.

कोटा. जिले के दशहरा मैदान में 126 वें राष्ट्रीय दशहरे मेले के दौरान एक बड़ा हादसा होने से बच गया. जहां रावण का पुतला जलते हुए गिर गया. दशहरे मेले के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब रावण जलने की जगह गिर गया. वहीं रावण का पुतला आगे की तरफ गिरता तो बड़ा हादसा हो सकता था. गनीमत रही कि रावण पीछे विजयश्री रंगमंच पर गिरा, जहां पर आमजन का समूह मौजूद नहीं था ऐसे में जनहानि नहीं हुई.

दशहरे मेले के दौरान रावण का पुतला जलते हुए गिर गया

नगर निगम की तरफ से बनाए गए 101 फीट के रावण का दहन किया गया जो कुछ देर तक जलता रहा. लेकिन अट्टाहास करता रावण कुछ ही देर बाद सीने के पास से टूट कर पीछे की तरफ विजयश्री रंगमंच पर जा गिरा. इस घटना से नगर निगम के अधिकारी और मेले में देखने आए लोग हक्का-बक्का रह गए.

पढ़ें: कोटा का राष्ट्रीय दशहरा मेला: 150 कैमरों से हर गतिविधि पर रहेगी नजर, 1700 पुलिस जवानों का रहेगा पहरा

रावण के विजयश्री रंगमंच पर गिरने के कारण वहां पर आगजनी हो गई. ऐसे में आनन-फानन में नगर निगम के अग्निशमन अनुभाग के कार्मिकों ने वहां की बिजली सप्लाई को बंद करवाया और फायर सेफ्टी उपकरण की मदद से आग को बुझाया. वहीं रावण के पुतले को तोड़-तोड़ कर अलग किया गया, जिससे विजयश्री रंगमंच के पिछले हिस्से में आग लगने से बचाया जा सके.

वहीं पूरी घटना को लेकर महापौर महेश विजय और मेला समिति अध्यक्ष राममोहन मित्रा ने घटना की जांच करवाने की बात कही है. साथ ही उन्होंने मेले में अधिकारियों पर मनमानी करने का भी आरोप लगाया है. हालांकि, नगर निगम के अधिकारी इसे तकनीकी गलती मान रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि रावण के पुतले में नमी होने की वजह से वह गिरा है.

Intro:नगर निगम की तरफ से बनाए गए 101 फीट के रावण का दहन किया गया और वह कुछ देर तक जलता रहा. इसी बीच रावण जलते हुए खड़क उठाकर गर्जता अहंकार अट्टाहास का हाहाकार कर रहा था और अपने शक्तिशाली होने का अभिमान दे रहा था. इसी दौरान वह सीने के यहां से टूटकर पीछे की तरफ विजयश्री रंगमंच पर जा गिरा.


Body:कोटा.
दशहरे मैदान में 126 वें राष्ट्रीय दशहरे मेले के दौरान रावण दहन के दौरान एक बड़ा हादसा होने से बच गया. जलता हुआ रावण इस बार गिर गया. कोटा दशहरे मेले के इतिहास में पहली बार इस तरह हुआ है कि रावण जलने की जगह गिर गया है. अगर यह रावण आगे की तरफ गिरता तो बड़ा हादसा हो सकता था. गनीमत रही कि रावण पीछे विजयश्री रंगमंच पर गिरा, जहां पर आमजन का समूह मौजूद नहीं था ऐसे में जनहानि नहीं हुई.

नगर निगम की तरफ से बनाए गए 101 फीट के रावण का दहन किया गया और वह कुछ देर तक जलता रहा. इसी बीच रावण जलते हुए खड़क उठाकर गर्जता अहंकार अट्टाहास का हाहाकार कर रहा था और अपने शक्तिशाली होने का अभिमान दे रहा था. इसी दौरान वह अचानक सीने के यहां से टूटकर पीछे की तरफ विजयश्री रंगमंच पर जा गिरा. इस घटना से नगर निगम के अधिकारी और मेले में देखने आए लोग हक्का-बक्का रह गए.
रावण के विजयश्री रंगमंच पर गिरने के कारण वहां पर आगजनी हो गई. ऐसे में आनन-फानन में नगर निगम के अग्निशमन अनुभाग के कार्मिकों ने वहां की बिजली सप्लाई को बंद करवाया और फायर सेफ्टी उपकरण की मदद से आग को बुझाया गया. वहीं रावण को तोड़-तोड़ कर अलग किया गया, ताकि उसमें आग लगने से विजयश्री रंगमंच के पिछले हिस्से में आग न लग जाए.


Conclusion:महापौर महेश विजय और मेला समिति अध्यक्ष राममोहन मित्रा ने घटना की जांच करवाने की बात कही है. साथ ही उन्होंने मेले में अधिकारियों पर मनमानी करने का आरोप भी लगा दिया है. हालांकि नगर निगम के अधिकारी इसे तकनीकी गलती मान रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि रावण में नमी थी इसके कारण वह गिरा है.
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