कोटा. जिले के दशहरा मैदान में 126 वें राष्ट्रीय दशहरे मेले के दौरान एक बड़ा हादसा होने से बच गया. जहां रावण का पुतला जलते हुए गिर गया. दशहरे मेले के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब रावण जलने की जगह गिर गया. वहीं रावण का पुतला आगे की तरफ गिरता तो बड़ा हादसा हो सकता था. गनीमत रही कि रावण पीछे विजयश्री रंगमंच पर गिरा, जहां पर आमजन का समूह मौजूद नहीं था ऐसे में जनहानि नहीं हुई.
नगर निगम की तरफ से बनाए गए 101 फीट के रावण का दहन किया गया जो कुछ देर तक जलता रहा. लेकिन अट्टाहास करता रावण कुछ ही देर बाद सीने के पास से टूट कर पीछे की तरफ विजयश्री रंगमंच पर जा गिरा. इस घटना से नगर निगम के अधिकारी और मेले में देखने आए लोग हक्का-बक्का रह गए.
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रावण के विजयश्री रंगमंच पर गिरने के कारण वहां पर आगजनी हो गई. ऐसे में आनन-फानन में नगर निगम के अग्निशमन अनुभाग के कार्मिकों ने वहां की बिजली सप्लाई को बंद करवाया और फायर सेफ्टी उपकरण की मदद से आग को बुझाया. वहीं रावण के पुतले को तोड़-तोड़ कर अलग किया गया, जिससे विजयश्री रंगमंच के पिछले हिस्से में आग लगने से बचाया जा सके.
वहीं पूरी घटना को लेकर महापौर महेश विजय और मेला समिति अध्यक्ष राममोहन मित्रा ने घटना की जांच करवाने की बात कही है. साथ ही उन्होंने मेले में अधिकारियों पर मनमानी करने का भी आरोप लगाया है. हालांकि, नगर निगम के अधिकारी इसे तकनीकी गलती मान रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि रावण के पुतले में नमी होने की वजह से वह गिरा है.