कोटा. राजस्थान में कोटा मेडिकल कॉलेज के एमबीएस और जेकेलोन अस्पताल में करोड़ों रुपए की लागत से ओपीडी और इनडोर ब्लॉक का लोकार्पण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने 21 अक्टूबर को किया था, लेकिन इनका उपयोग शुरू नहीं हुआ है. अभी कुछ बिल्डिंगों में निर्माण कार्य बाकी है. जिनके बाद इनमें आईसीयू, ऑपरेशन थिएटर, जांच की मशीन, ओपीडी और रजिस्ट्रेशन काउंटर के साथ कई जगह की व्यवस्थाएं जुटानी है. ऐसे में अगले 2 महीने इनका उपयोग मुश्किल ही हो पाएगा.
हालांकि, मेडिकल कॉलेज प्रबंधन इसके लिए तैयारियों में जुटा हुआ है और इन सब व्यवस्थाओं के लिए टेंडर प्रक्रिया भी चल रही है. नई बिल्डिंग में जेकेलोन ओपीडी व इनडोर शामिल (New OPD and Indoor construction in JK Loan) है. वहीं एमबीएस की ओपीडी भी है. जिनके लिए जी प्लस 3 बिल्डिंग बनी है. जिसमें नीचे अंडरग्राउंड पार्किंग है. जबकि भूतल पर ओपीडी, इमरजेंसी ऑपरेशन थिएटर, रजिस्ट्रेशन काउंटर और डीडीसी काउंटर हैं. पहले फ्लोर पर ऑपरेशन थिएटर व आईसीयू है. बीसीसी डेवलपर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड ने तीनों बिल्डिंग का निर्माण 62 करोड़ में किया है. इनमें करीब 10 करोड़ के उपकरण भी लगेंगे, जिनको स्थापित किया जाना शेष है.
एमबीएस अस्पताल अधीक्षक डॉ. दिनेश चंद्र वर्मा का कहना है कि यूआईटी ने बिल्डिंग अभी उनको हैंडओवर नहीं की है. बिल्डिंग को हैंडओवर मिलने के बाद उसमें व्यवस्थाएं की जाएगी. हालांकि कुछ व्यवस्थाओं के लिए मेडिकल कॉलेज के लेवल पर टेंडर प्रक्रिया चल रही है. जिनमें फर्नीचर के अलावा अन्य व्यवस्थाएं शामिल हैं. इन व्यवस्थाओं के पूरे होने के बाद पुरानी ओपीडी को नए ब्लॉक में शिफ्ट कर दिया जाएगा. वहां पर जो स्टाफ है, उसे भी लगा दिया जाएगा और सरकार से नया स्टाफ भी मांगा गया है.
आईसीयू व ऑक्सीजन लाइन का काम जारी: अस्पताल के नए ओपीडी ब्लॉक की बिल्डिंग में 4 ऑपरेशन थिएटर बनाए गए हैं. जिनमें एक इमरजेंसी और तीन दूसरे ऑपरेशन थिएटर हैं. जिनमें सर्जरी और ऑर्थोपेडिक के ऑपरेशन थिएटर हैं. हालांकि इन ऑपरेशन थियेटरों के लिए भी फर्नीचर और ओटी टेबल के साथ लाइट और अन्य इंतजाम अभी होने बाकी हैं. ऐसे में अगर इनका टेंडर और इनको इंस्टॉलेशन भी किया जाता है, इसमें भी काफी समय लग सकता है.
इन सब अधूरे कामों को देखकर लगता है कि अभी उद्घाटन की जल्दबाजी की गई है. केवल बिल्डिंग ही तैयार है, बाकी सभी व्यवस्थाएं अभी ना के बराबर हैं. जिनमें बेड और उपकरण शामिल हैं. यहां तक कि आईसीयू के नाम से केवल अभी हॉल खड़ा किया गया है. इसमें आईसीयू के सभी उपकरणों का लगना बाकी है, यहां तक कि ऑक्सीजन लाइन भी नहीं डाली गई है.
एमआरआई रूम में बदलाव: इस ओपीडी ब्लॉक में एमआरआई और सीटी स्कैन मशीन स्थापित होनी है. एमआरआई के लिए रूम बना दिया गया था, लेकिन मशीन की साइज के अनुरूप रूम नहीं बना है. संवेदक के कार्मिकों का कहना है कि उन्होंने ड्राइंग के अनुसार रूम तैयार कर दिया था, लेकिन अब उस में बदलाव किया गया है. ऐसे में नए बदलाव होने में थोड़ा समय लगेगा. पुराने रूम में मशीन इंस्टॉल नहीं हो पा रही है.
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व्यवस्था जुटाना बाकी: नई बिल्डिंग पूरी तरह से सीसीटीवी से लैस है. इसके अलावा 22 रजिस्ट्रेशन काउंटर यहां पर बनेंगे. जिनके लिए कंप्यूटर और स्टाफ लगाना बाकी है. कंप्यूटर के लिए भी टेंडर करना होगा. बिल्डिंग में लिफ्ट और हर फ्लोर पर वाटर कूलर लगाए गए हैं. यह पूरी बिल्डिंग सेंट्रलाइज्ड एसी से सुसज्जित की गई है. हालांकि अभी सेंट्रलाइज्ड एसी के कनेक्शन भी पूरी तरह से नहीं हुए हैं. अस्पताल में रजिस्ट्रेशन काउंटर के लिए कंप्यूटर और अन्य सामग्री की भी खरीद की जाएगी. रजिस्ट्रेशन काउंटर की जगह निर्धारित है, लेकिन काउंटर का निर्माण भी होना बाकी है.