कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी किसी भी समय नीट यूजी 2023 का परिणाम जारी कर सकती है. इस परीक्षा में 20 लाख से ज्यादा विद्यार्थी शामिल हुए थे. सभी को इसका इंतजार है. दूसरी तरफ, इस बार एक सवाल और नीट यूजी 2023 में बना हुआ है कि टाई ब्रेकिंग क्राइटेरिया (Tie Breaking Criteria) से उम्र और एप्लीकेशन नंबर के नियम को हटा दिया था. इसमें 7 नियम अलग दिए हुए थे. हाल ही में नेशनल मेडिकल कमीशन ने एक गजट नोटिफिकेशन जारी करते हुए इस ट्राई ब्रेकिंग क्राइटेरिया को खत्म कर दिया.
इस वजह से एक रैंक पर कई विद्यार्थियों की संख्या हो सकती है. रिजल्ट का इंतजार कर रहे स्टूडेंट्स को यह भी इंतजार है कि इस बार भी नीट यूजी 2023 में परफेक्ट स्कोर बनेगा या नहीं. अब तक यह रिकॉर्ड दो बार बन चुका है. साल 2020 और 2021 में परफेक्ट स्कोर बना था. कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट का मानना है कि इस बार पेपर पहले साल जैसा ही था. ऐसे में कई विद्यार्थी इस बार परफेक्ट स्कोर (720 में से 720 अंक) ला सकते हैं.
साल 2020 में पहली बार बना था परफेक्ट स्कोर का रिकॉर्ड : नीट यूजी 2020 में परफेक्ट स्कोर (720 में से 720 अंक) लाने का रिकॉर्ड बना था. इस साल में कोटा से कोचिंग कर रहे ओडिशा निवासी शोएब आफताब और दिल्ली की आकांक्षा सिंह ने यह रिकॉर्ड बनाया था. यह नीट यूजी परीक्षा के इतिहास में पहली बार हुआ था कि कोई विद्यार्थी पूरे अंक लाया था. हालांकि, इसके दूसरे साल 2021 में भी विद्यार्थियों ने ऐसा रिकॉर्ड कायम किया, जिसमें 3 विद्यार्थियों मृणाल कुटेरी, तन्मय गुप्ता और कार्तिका जी नायर शामिल थे.
साल 2020 और 2022 में टाई ब्रेकिंग लगा : साल 2020 में दो विद्यार्थी एक समान अंक लेकर आए थे. जिनमें शोएब आफताब और आकांक्षा सिंह शामिल थीं, लेकिन आफताब की उम्र ज्यादा होने के चलते टाई ब्रेकिंग क्राइटेरिया से ऑल इंडिया रैंक वन मिली थी. इसी तरह से साल 2021 में ज्यादा उम्र का क्राइटेरिया हटा लिया गया था. इसी के चलते परफेक्ट स्कोर करने वाले तीनों विद्यार्थियों मृणाल कुटेरी, तन्मय गुप्ता और कार्तिका जी नायर को एआईआर-1 दी गई थी. इसी तरह से साल 2022 में 4 विद्यार्थी 720 में से 715 अंक लेकर आए थे, लेकिन कोटा में पढ़ने वाली तनिष्का कुमारी यादव को ऑल इंडिया रैंक वन मिली थी. जबकि दिल्ली के वत्स आशीष बत्रा को एआईआर-2, हृषिकेश नागभूषण गांगुली ने एआईआर-3 और रूचा पवाशे को एआईआर-4 दी गई थी. इन तीनों के समान अंक थे, लेकिन टाई ब्रेकिंग क्राइटेरिया के चलते रैंक बदली गई थी.
टाई ब्रेकिंग नियमों में फिजिक्स को महत्व देना तार्किक : कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का मानना है कि एनएमसी ने टाई ब्रेकिंग नियमों में भी आमूलचूल परिवर्तन किया गया है. नए क्राइटेरिया के अनुसार विद्यार्थियों के कुल अंक समान होने पर फिजिक्स विषय में अधिक अंक प्राप्त करने वाले को बेहतर रैंक दी जाएगी. यदि फिर भी टाई होता है तो फिर केमिस्ट्री व सबसे अंत में बायोलॉजी के अंकों के आधार पर टाई ब्रेकिंग होगा. नया टाई ब्रेकिंग क्राइटेरिया तार्किक प्रतीत होता है, क्योंकि फिजिक्स विषय में बेहतर अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी की तार्किक क्षमता बेहतर होगी.
9 नियम से कम कर 7 नियम किए, अब केवल 3 : देव शर्मा ने बताया कि एनटीए ने नीट यूजी के लिए साल 2022 के टाई ब्रेकिंग के 9 नियम बनाए थे. इनमें से अंतिम 2 नियमों को हटाकर साल 2023 में 7 नियम ही जारी किए गए हैं. हटाए गए नियम में ज्यादा उम्र और एप्लीकेशन नंबर का क्राइटेरिया था. इसके बाद नेशनल मेडिकल कमिशन ने 2 जून 2023 को गजट नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें टाई ब्रेकिंग क्राइटेरिया के लिए महज तीन शर्तें रख दी हैं. जिनमें पहले फिजिक्स फिर केमिस्ट्री और फिर बायोलॉजी के प्रश्नों के आधार पर इसे सॉल्व किया जाएगा. इन तीनों के अंक समान या एक जैसे आने पर सभी विद्यार्थियों को एक रैंक एलॉट की जाएगी.
देव शर्मा ने बताया कि टाई ब्रेकिंग नियमों से एज-क्राइटेरिया व पहले आवेदन का नियम हटा लिए जाने पर नीट यूजी 2023 में 720 में से 720 अंक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को ऑल इंडिया रैंक 1 प्रदान की जाएगी. जबकि बीते सालों में अंकों व अन्य सभी क्राइटेरिया के आधार पर टाई होने पर एज व पहले एप्लिकेशन क्राइटेरिया के आधार पर टाई ब्रेक हुआ करता था. इसी तरह से एक समान अंक वाले कई विद्यार्थियों को एक रैंक जारी हो सकती है.
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