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विधायक ललित मीणा ने दिया पीएचडी का प्री सबमिशन, ठाना था दोबारा विधायक बनने पर ही करूंगा पूरी - Rajasthan Hindi News

किशनगंज से विधायक चुने गए ललित मीणा अब अपनी पीएचडी पूरी करेंगे. भाजपा के पिछले शासन काल में ललित मीणा किशनगंज से ही विधायक थे, तब उन्होंने कोटा विश्वविद्यालय का पीएचडी एडमिशन लिया, लेकिन पूरी नहीं कर पाए थे. मीणा ने तय किया था कि जब वह दोबारा विधायक बनेंगे, तभी पीएचडी को पूरी करेंगे अन्यथा नहीं.

Lalit Meena will complete his PhD
Lalit Meena will complete his PhD
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 23, 2023, 3:54 PM IST

कोटा. बारां जिले के किशनगंज से विधायक चुने गए ललित मीणा अब अपनी पीएचडी पूरी करेंगे. भाजपा के पिछले शासन काल में ललित मीणा किशनगंज से ही विधायक थे, तब उन्होंने कोटा विश्वविद्यालय का पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम पास किया था और उसके बाद रजिस्ट्रेशन भी करवाया था. पिछले बीजेपी के शासन काल में विधानसभा एरिया और सदन में व्यस्त रहने के चलते पीएचडी पूरी नहीं कर पाए. इसके बाद विधायक मीणा 2018 का विधानसभा चुनाव हार गए थे. ललित मीणा ने तय किया था कि जब वह दोबारा विधायक बनेंगे, तभी पीएचडी को पूरी करेंगे अन्यथा नहीं. ऐसे में अब जब वह दोबारा विधायक चुने गए हैं, उन्होंने अपनी पीएचडी थीसिस का प्री सबमिशन दिया है. सब कुछ सही रहा तो जल्द ही उनकी पीएचडी पूरी हो जाएगी.

अपनी ही विधानसभा के एरिया पर रिसर्च: पीएचडी में ललित मीणा के गाइड जियोग्राफी के प्रोफेसर रहे डॉ. मोहम्मद जुल्फिकार अली खान है. उनका कहना है कि ललित मीणा "कृषि भूमि उपयोग तथा फसल प्रारूप परिवर्तन, शाहाबाद तहसील का एक भौगोलिक अध्ययन" विषय पर पीएचडी कर रहे हैं. हाल ही में उनके पीएचडी के समय का एक्सटेंशन लिया है. डॉ. जुल्फिकार का कहना है कि ललित ने ठान लिया था कि जब दोबारा विधायक बनेगा, तभी वह अपनी पीएचडी पूरी करेगा. जैसे ही वह दोबारा विधायक बना है और उसने अपना काम शुरू कर दिया. इसी के तहत 22 दिसंबर को गवर्नमेंट कॉलेज कोटा के ज्योग्राफी डिपार्टमेंट में आकर थीसिस का प्री सबमिशन दिया है, जिसका सर्टिफिकेट भी प्रिंसिपल और एचओडी ने जारी किया है, इसके बाद वह यूनिवर्सिटी में अपनी थीसिस सबमिट करेंगे.

पढ़ें:Special : पेपर लीक और डमी कैंडिडेट्स को रोकने के लिए कर्मचारी चयन बोर्ड का 'मास्टर प्लान'

यह रहा है पूरा प्रोसेस, छह साल से कर रहे हैं वर्क: ललित मीणा साल 2017 में पिछले भाजपा के शासन काल में पीएचडी एडमिशन के लिए पहले एक्जाम दिया था, जिसमें वे पास हुए. कोटा यूनिवर्सिटी ने गाइड एलॉट किया, इसके बाद सिनॉप्सिस तैयार की जिसमें रिसर्च सब्जेक्ट, एरिया व मैथड क्या होगा इस सिनॉप्सिस को एक्सपर्ट ने अनुमति दी जिसके आधार पर रजिस्ट्रेशन हुआ था फिर छह महीने का कोर्स वर्क पूरा लिया जिसका एक्जाम हुआ, जिसमें वो पास हुए थे. अब डाटा कलेक्शन और फील्ड में रिसर्च का कार्य किया है, जिसके आधार पर थिसिस तैयार की है. ऐसे में जिस जगह रजिस्ट्रेशन होता है, वहां कॉलेज के डिपार्टमेंट में प्री सबमिशन सेमिनार देना होता है जिसका सर्टिफिकेट एचओडी व कॉलेज के प्रिंसिपल जारी करते है इसके बाद थिसिस यूनिवर्सिटी में सबमिट होती है.

शिकायत के बाद दोबारा किया था कोर्स वर्क, एक्सटेंशन भी लिया: मीणा विधायक रहते समय 2018 में ही पीएचडी का कोर्स वर्क किया था. जो समय उन्होंने कोर्स वर्क किया था, उस दौरान विधानसभा में भी मौजूद थे. ऐसे में उनकी शिकायत अटेंडेंस को लेकर हुई थी इसके बाद उन्होंने दोबारा कोर्स वर्क किया था. ऐसे में उनका रजिस्ट्रेशन का समय पूरा हो गया था. इसका एक्सटेंशन के लिए उन्होंने आवेदन किया था. यह अनुमति भी कोटा विश्वविद्यालय से उन्हें मिल गई थी.

कोटा. बारां जिले के किशनगंज से विधायक चुने गए ललित मीणा अब अपनी पीएचडी पूरी करेंगे. भाजपा के पिछले शासन काल में ललित मीणा किशनगंज से ही विधायक थे, तब उन्होंने कोटा विश्वविद्यालय का पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम पास किया था और उसके बाद रजिस्ट्रेशन भी करवाया था. पिछले बीजेपी के शासन काल में विधानसभा एरिया और सदन में व्यस्त रहने के चलते पीएचडी पूरी नहीं कर पाए. इसके बाद विधायक मीणा 2018 का विधानसभा चुनाव हार गए थे. ललित मीणा ने तय किया था कि जब वह दोबारा विधायक बनेंगे, तभी पीएचडी को पूरी करेंगे अन्यथा नहीं. ऐसे में अब जब वह दोबारा विधायक चुने गए हैं, उन्होंने अपनी पीएचडी थीसिस का प्री सबमिशन दिया है. सब कुछ सही रहा तो जल्द ही उनकी पीएचडी पूरी हो जाएगी.

अपनी ही विधानसभा के एरिया पर रिसर्च: पीएचडी में ललित मीणा के गाइड जियोग्राफी के प्रोफेसर रहे डॉ. मोहम्मद जुल्फिकार अली खान है. उनका कहना है कि ललित मीणा "कृषि भूमि उपयोग तथा फसल प्रारूप परिवर्तन, शाहाबाद तहसील का एक भौगोलिक अध्ययन" विषय पर पीएचडी कर रहे हैं. हाल ही में उनके पीएचडी के समय का एक्सटेंशन लिया है. डॉ. जुल्फिकार का कहना है कि ललित ने ठान लिया था कि जब दोबारा विधायक बनेगा, तभी वह अपनी पीएचडी पूरी करेगा. जैसे ही वह दोबारा विधायक बना है और उसने अपना काम शुरू कर दिया. इसी के तहत 22 दिसंबर को गवर्नमेंट कॉलेज कोटा के ज्योग्राफी डिपार्टमेंट में आकर थीसिस का प्री सबमिशन दिया है, जिसका सर्टिफिकेट भी प्रिंसिपल और एचओडी ने जारी किया है, इसके बाद वह यूनिवर्सिटी में अपनी थीसिस सबमिट करेंगे.

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यह रहा है पूरा प्रोसेस, छह साल से कर रहे हैं वर्क: ललित मीणा साल 2017 में पिछले भाजपा के शासन काल में पीएचडी एडमिशन के लिए पहले एक्जाम दिया था, जिसमें वे पास हुए. कोटा यूनिवर्सिटी ने गाइड एलॉट किया, इसके बाद सिनॉप्सिस तैयार की जिसमें रिसर्च सब्जेक्ट, एरिया व मैथड क्या होगा इस सिनॉप्सिस को एक्सपर्ट ने अनुमति दी जिसके आधार पर रजिस्ट्रेशन हुआ था फिर छह महीने का कोर्स वर्क पूरा लिया जिसका एक्जाम हुआ, जिसमें वो पास हुए थे. अब डाटा कलेक्शन और फील्ड में रिसर्च का कार्य किया है, जिसके आधार पर थिसिस तैयार की है. ऐसे में जिस जगह रजिस्ट्रेशन होता है, वहां कॉलेज के डिपार्टमेंट में प्री सबमिशन सेमिनार देना होता है जिसका सर्टिफिकेट एचओडी व कॉलेज के प्रिंसिपल जारी करते है इसके बाद थिसिस यूनिवर्सिटी में सबमिट होती है.

शिकायत के बाद दोबारा किया था कोर्स वर्क, एक्सटेंशन भी लिया: मीणा विधायक रहते समय 2018 में ही पीएचडी का कोर्स वर्क किया था. जो समय उन्होंने कोर्स वर्क किया था, उस दौरान विधानसभा में भी मौजूद थे. ऐसे में उनकी शिकायत अटेंडेंस को लेकर हुई थी इसके बाद उन्होंने दोबारा कोर्स वर्क किया था. ऐसे में उनका रजिस्ट्रेशन का समय पूरा हो गया था. इसका एक्सटेंशन के लिए उन्होंने आवेदन किया था. यह अनुमति भी कोटा विश्वविद्यालय से उन्हें मिल गई थी.

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