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खेल-खेल में एयर गन से गोली लगने से घायल छात्र की मौत, डॉक्टरों की हड़ताल के चलते जयपुर में नहीं मिला उपचार

कैथून इलाके में खेल-खेल के दौरान ही एयर गन से फायर होने के बाद छर्रा लगने के चलते गंभीर रूप से घायल हुए 17 वर्ष के बालक मणिकरण की उपचार के दौरान मौत हो गई है. बालक बीते बुधवार को झालीपुरा गांव में अपने भाइयों को एयर गन चलाना सिखा रहा था.

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Published : Mar 24, 2023, 3:07 PM IST

Kaithoon Studen Died
एयर गन से गोली लगने से घायल छात्र की मौत

कोटा. जिले के कैथून इलाके में खेल-खेल के दौरान ही एयर गन से फायर होने के बाद छर्रा लगने के चलते गंभीर रूप से घायल हुए 17 वर्ष के बालक मणिकरण की उपचार के दौरान शुक्रवार को मौत हो गई. बालक अपने भाइयों को एयर गन चलाना सिखा रहा था. इसी दौरान गलती से ट्रिगर दब गया, जिससे कि छर्रा उसके आंख के जरिए दिमाग में प्रवेश कर गया और कई नसों को चोटिल कर दिया.

इसके चलते वह गंभीर रूप से घायल हो गया और बेहोश हो गया. इलाज के लिए उसे कोटा के एमबीएस अस्पताल लाया गया. जहां से जयपुर रेफर किया गया, लेकिन जयपुर में डॉक्टरों की हड़ताल होने के बाद उसे भर्ती नहीं किया गया है. परिजन उपचार के लिए जयपुर से भी दिल्ली ले गए. बाद में वापस कोटा ले आए. ऐसे में कोटा के एमबीएस अस्पताल लेकर आए. यहां पर शुक्रवार को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. इसके बाद उसके शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया है. दूसरी तरफ उसके परिजनों का रो-रो-कर बुरा हाल है.

पढ़ें : कोटा में पारिवारिक कलह से तंग शख्स ने की खुदकुशी की कोशिश, गोताखोर और दमकल कर्मियों ने बचाई जान

कैथून थानाधिकारी महेंद्र मारु ने बताया कि छात्र मणिकरण कोटा में रहकर ही पढ़ाई करता था, लेकिन दसवीं बोर्ड की परीक्षाएं पूरी होने के बाद वह अपने गांव झालीपुरा गया था. इस पूरे मामले में मृग दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. प्रथम व्यक्ति का इस मामले में मृतक बालक मणिकरण के द्वारा ही फायर करना सामने आ रहा है. इसके बावजूद पूरे मामले की जांच की जाएगी. परिजन बालक को जयपुर ले गए थे, लेकिन हड़ताल होने के चलते उसे इलाज नहीं मिला. जिसके बाद वापस कोटा ले आए थे. यहां पर वह वेंटिलेटर पर ही था.

कोटा. जिले के कैथून इलाके में खेल-खेल के दौरान ही एयर गन से फायर होने के बाद छर्रा लगने के चलते गंभीर रूप से घायल हुए 17 वर्ष के बालक मणिकरण की उपचार के दौरान शुक्रवार को मौत हो गई. बालक अपने भाइयों को एयर गन चलाना सिखा रहा था. इसी दौरान गलती से ट्रिगर दब गया, जिससे कि छर्रा उसके आंख के जरिए दिमाग में प्रवेश कर गया और कई नसों को चोटिल कर दिया.

इसके चलते वह गंभीर रूप से घायल हो गया और बेहोश हो गया. इलाज के लिए उसे कोटा के एमबीएस अस्पताल लाया गया. जहां से जयपुर रेफर किया गया, लेकिन जयपुर में डॉक्टरों की हड़ताल होने के बाद उसे भर्ती नहीं किया गया है. परिजन उपचार के लिए जयपुर से भी दिल्ली ले गए. बाद में वापस कोटा ले आए. ऐसे में कोटा के एमबीएस अस्पताल लेकर आए. यहां पर शुक्रवार को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. इसके बाद उसके शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया है. दूसरी तरफ उसके परिजनों का रो-रो-कर बुरा हाल है.

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कैथून थानाधिकारी महेंद्र मारु ने बताया कि छात्र मणिकरण कोटा में रहकर ही पढ़ाई करता था, लेकिन दसवीं बोर्ड की परीक्षाएं पूरी होने के बाद वह अपने गांव झालीपुरा गया था. इस पूरे मामले में मृग दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. प्रथम व्यक्ति का इस मामले में मृतक बालक मणिकरण के द्वारा ही फायर करना सामने आ रहा है. इसके बावजूद पूरे मामले की जांच की जाएगी. परिजन बालक को जयपुर ले गए थे, लेकिन हड़ताल होने के चलते उसे इलाज नहीं मिला. जिसके बाद वापस कोटा ले आए थे. यहां पर वह वेंटिलेटर पर ही था.

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