कोटा. जिले के प्रभारी और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा कोटा दौरे पर हैं. वह सर्किट हाउस में पहले से ही रुके हुए थे. इसी दौरान गुरुवार को करीब 11:45 बजे प्रदेश के जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत मालवीय भी कोटा पहुंचे. सर्किट हाउस पहुंचे और यहां पर अनौपचारिक मुलाकात के लिए वे परसादी लाल मीणा से मिलने पहुंचे, लेकिन महेंद्रजीत मालवीय ने मास्क नहीं पहना था. ऐसे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने उन्हें टोक दिया.
चिकित्सा मंत्री ने उन्हें मास्क पहनने की हिदायत दी (Parsadi Lal Meena strict on Covid guidelines). साथ ही कहा कि एक्सपर्ट का मानना है कि मास्क पहनने से कोविड-19 का 50 फीसदी खतरा कम हो जाता है. ऐसे में जनप्रतिनिधि को मास्क पहनना ही चाहिए. उन्होंने कहा कि मास्क को ठीक से नाक तक पहनना चाहिए. जब मीडिया ने उनसे इस संबंध में बातचीत की तो महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने कहा कि टोकने वाली उसमें कोई बात नहीं है. सबको मास्क लगाने की अनिवार्यता है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस काम के लिए देश भर में फेमस हुए हैं. कोरोना महामारी को रोकने में हमें कामयाबी मिली है. हालांकि, मीडिया से बात करते हुए मालवीय मास्क पहने नहीं नजर आए.
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परवन सिंचाई के भ्रष्टाचार की जांच जारी, रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई
महेंद्रजीत मालवीय ने मीडिया से कहा कि राजस्थान में कोटा और उदयपुर डिवीजन में ही प्राकृतिक पानी है. इस कारण ही इन इलाकों में बड़ी योजनाएं जल संसाधन विभाग की रही हैं. लंबे समय से यहां पर योजनाएं चल भी रही हैं. कुछ योजनाएं समय रहते पूरी नहीं हो पाती हैं लेकिन हमारी प्राथमिकता है कि हाड़ौती की परवन और नोनेरा बांध की योजना समय से पूरी हो. उन्होंने कहा कि इस संबंध में अधिकारियों की रिव्यू मीटिंग लेंगे और योजनाओं निरीक्षण भी किया जाएगा. परवन नदी में अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के मामले (Mahendrajeet Malviya on Irrigation Corruption) को लेकर हुई कार्रवाई पर उन्होंने कहा कि इस मामले में विभागीय स्तर पर जांच चल रही है. जांच रिपोर्ट के अनुसार ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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बांध और नहरी तंत्र को प्राथमिकता से कराएंगे दुरुस्त
चंबल नदी के बने बांधों पर अंडर वाटर सर्वे करवाया गया था, जिसमें करोड़ों रुपए के काम बांध के सुदृढ़ीकरण के लिए आवश्यक बताए गए हैं. इस पर मंत्री महेंद्रजीत मालवीय ने दावा किया है कि चंबल नदी पर बने हुए बांधों की भी मरम्मत प्राथमिकता से कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि ड्रीम के क्षतिग्रस्त होने और मेट में दिक्कत होने को तुरंत दुरुस्त करवाया जाएगा. कैनाल सिस्टम की मरम्मत भी प्राथमिकता से होगी.
अधिकारियों पर बरसे परसादी लाल मीणा
मंत्री परसादी लाल मीणा ने चंबल नदी के होते हुए भी आम जनता को फ्लोराइड युक्त बोरिंग का पानी पीने के मामले में पीएचईडी के अधिकारियों को दोषी माना (Prasadi Lal Meena on fluoridated water Kota) है. उन्होंने कहा कि इस तरह से आम जनता आक्रोशित हो रही है और इसके बाद भी अधिकारी कोई एक्शन प्लान नहीं बना रहे हैं.
जिले के प्रभारी मंत्री परसादी लाल मीणा ने कोटा के कलेक्ट्रेट स्थित टैगोर हॉल में अधिकारियों की बैठक ली और इस रिव्यू मीटिंग में जमकर अधिकारियों पर भी बरसे. उन्होंने पीएचईडी के अधिकारियों की भी क्लास ली. इसके साथ ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भी उनके निशाने पर रहे. यहां तक कि उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कह दिया कि सस्पेंड कर दूंगा तो सिफारिशें कराते फिरोगे.
कोटा के लोग क्लोराइड का पानी पी रहे, शर्म की बात
बैठक के दौरान जनप्रतिनिधियों ने जिले में कई जगह पर पानी की सप्लाई नहीं होना और शहर की कई कॉलोनियों में क्लोराइड का पानी लोगों के पीने की मजबूरी का मुद्दा उठाया. इस पर मंत्री परसादी लाल मीणा भड़क गए. मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि चंबल नदी से दूसरे कई जिलों में पानी की सप्लाई हो रही, लेकिन कोटा के लोग ही फ्लोराइड का पानी पी रहे हैं. यह हमारे लिए शर्म और दयनीय बात है.
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मंत्री प्रसादी लाल ने कहा कि आपको ही लोगों ने फ्लोराइड का पानी पिला दिया और ऑफिस के भी ताला लगा गए हैं. इससे साफ है कि जनता परेशानी में है और आप अभी भी नहीं समझ पा रहे हैं, शर्म भी नहीं आती है, यह बिल्कुल निंदनीय है. साथ ही उन्होंने कहा कि आप जिला कलेक्टर के जरिए इसका प्रस्ताव बनाकर सरकार को 7 दिन में भेजिए, मैं इसे राज्य सरकार से पास करवा लूंगा.
जहां से वेतन उठ रहा वहां पर भेजें कार्मिकों को
रिव्यू मीटिंग में चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा (Health Minister review meeting Kota) ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर को निर्देशित किया है कि सभी कार्मिकों के मूल पदस्थापन और वेतन आहरण की जगह पर ही उन्हें भेज दिया जाए. कोई भी डॉक्टर, एएनएम और जीएनएम मूल पोस्टिंग से अलग नौकरी नहीं करेगा. सीएमएचओ डॉ. तंवर ने इसके आदेश ही नहीं है, तो मंत्री मीणा ने कहा कि मैं कह रहा हूं, वही आदेश है. इसके साथ ही शुद्ध के लिए युद्ध अभियान में भी पूरे नमूने नहीं लेने पर मंत्री ने नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि 1 जनवरी से अभी तक 7 ही सैंपल लिए गए हैं, जबकि 40 से 50 सैंपल आने चाहिए.