कोटा. विधानसभा में पारित हुए राइट टू बिल का विरोध हो रहा है. चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी पूरे प्रदेश में जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं. कोटा में भी इसी तरह से प्रदर्शन चल रहा है. चिकित्सकों ने गुरुवार को काले कपड़े पहन कर प्रदर्शन किया. दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी से 3 बार विधायक और पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत ने डॉक्टरों के खिलाफ बयान दिया है.
उन्होंने कहा कि जीवन दान देने वाले चिकित्सक हत्यारे नहीं बनें. साथ ही उन्होंने सरकार पर भी आरोप लगाया है कि सरकार इस मामले में मूकदर्शक बनी हुई है. सीकर में 4 माह के बालक की मौत के मामले में भी राजावत ने डॉक्टरों को जिम्मेदार बताया है. राजावत ने कहा कि डॉक्टर इंसानों के लिए भगवान है, तो वह भगवान बनकर कर्तव्य पूरा करें. तड़पते हुए मरीजों की सुध लेंगे, तभी जनता की सहानुभूति मिल पाएगी. ऐसा नहीं करने पर मरीज दम तोड़ते रहेंगे और भगवान कहलाने वाले डाक्टर हत्यारे हो जाएंगे.
पढ़ें: Protest in Kota : RTH Bill के विरोध में काले कपड़े पहन कर सड़कों पर बैठे चिकित्सक
चिकित्सा व्यवस्थाएं हुई बेपटरी: राजावत ने कहा कि इलाज के अभाव में बीते 1 सप्ताह से प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था ठप पड़ी हुई है. डॉक्टरों की हड़ताल बेकाबू हो गई है. इससे इलाज के अभाव में हालात भयावह हो गए हैं. जानलेवा बीमारियों से मरीज तड़प रहे हैं. उन्होंने चिकित्सकों को सलाह दी है कि वह हठधर्मिता छोड़कर राजस्थान विधानसभा में पारित हुए बिल में कोई विसंगति है, तो सरकार से सकारात्मक बातचीत कर उसमें सुधार करवाएं.
पढ़ें: Right To Health Bill: सरकार के खिलाफ जारी रहेगा आंदोलन, राज्यपाल से मिले चिकित्सक, सौंपा ज्ञापन
इलाज नहीं मिलने पर मरीज वापस लौट रहे: राजावत ने कहा कि कोटा में करीब 5500 से ज्यादा चिकित्सक हैं. इनमें आधे निजी चिकित्सक हैं, जो पहले से ही बिल का विरोध कर रहे थे. अब उनके विरोध के चलते हालात विकट हो गए हैं. मरीजों के लिए भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर काम छोड़ सड़कों पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. मरीज उपचार के बिना अस्पताल में कराह रहे हैं. मरीजों के दर्द को महसूस करने वाला कोई नहीं है. जिसके चलते मरीज भगवान भरोसे बिना उपचार के लौटने को मजबूर है. इन हालातों के कारण पूरे प्रदेश में हजारों मरीज जिन्दगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं.